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चाईबासा में नक्सलियों के खिलाफ सुरक्षा बलों की बड़ी कार्रवाई, पांच बंकर ध्वस्त, दो आईईडी और भारी मात्रा में सामग्री जब्त

चाईबासा (झारखंड): पश्चिमी सिंहभूम जिले के चाईबासा अनुमंडल अंतर्गत छोटानागरा थाना क्षेत्र के जंगलों में चलाए जा रहे नक्सल विरोधी सर्च अभियान में सुरक्षा बलों को एक बार फिर बड़ी सफलता हाथ लगी है। इस अभियान के तहत सुरक्षा बलों ने पांच नक्सली बंकरों को ध्वस्त किया है और दो शक्तिशाली आईईडी समेत नक्सलियों द्वारा उपयोग की जा रही भारी मात्रा में दैनिक सामग्री बरामद की है।

इस कार्रवाई को चाईबासा पुलिस, झारखंड जगुआर, कोबरा 209 बटालियन और सीआरपीएफ की संयुक्त टीम ने अंजाम दिया है। बरामद आईईडी बमों को मौके पर ही बम निरोधक दस्ते की मदद से सुरक्षित रूप से निष्क्रिय किया गया, जबकि बंकरों को पूरी तरह नष्ट कर दिया गया है।
माओवादियों की बड़ी साजिश नाकाम
पुलिस अधीक्षक राकेश रंजन को 7 जुलाई को गुप्त सूचना प्राप्त हुई थी कि प्रतिबंधित भाकपा (माओवादी) के शीर्ष नेता मिसिर बेसरा, अनमोल, मोछु, अनल, असीम मंडल, अजय महतो, सागेन अंगरिया, अश्विन, पिंटु लोहरा, चंदन लोहरा, अमित हांसदा उर्फ अपटन, जयकांत और रापा मुंडा समेत कई हार्डकोर नक्सली दस्ता के साथ सारंडा व कोल्हान क्षेत्र में विध्वंसक गतिविधियों की योजना बना रहे हैं।
इन इनपुट्स के आधार पर चाईबासा पुलिस और अर्धसैनिक बलों ने 8 जुलाई से संयुक्त सर्च अभियान शुरू किया। अभियान के दौरान 11 जुलाई को छोटानागरा थानाक्षेत्र के जंगली इलाके में नक्सलियों द्वारा छुपा कर रखे गए दो आईईडी बम और पांच बंकरों का पता चला। इस क्षेत्र में नक्सली अपने ठिकानों से सुरक्षा बलों पर घात लगाकर हमला करने की योजना बना रहे थे, लेकिन समय पर कार्रवाई कर इन मंसूबों को नाकाम कर दिया गया।

बरामदगी में क्या-क्या शामिल है?
पांच बंकरों से बरामद सामग्री में शामिल हैं:
- दो शक्तिशाली आईईडी (बम निरोधक दस्ते द्वारा निष्क्रिय)
- इलेक्ट्रिक डेटोनेटर
- वॉकी-टॉकी सेट
- एरो बम असेंबली
- सेफ्टी फ्यूज और इलेक्ट्रिक वायर
- सिरिंज मैकेनिज्म
- काले और हरे रंग की नक्सली यूनिफॉर्म
- एम्युनिशन पाउच
- टॉर्च, सोलर चार्जर, बैटरी
- दैनिक उपयोग की अन्य सामग्रियां जैसे कपड़े, बर्तन, खाना आदि

यह बरामदगी इस बात का संकेत है कि नक्सली लंबे समय तक इस क्षेत्र में ठहरकर बड़ी साजिश को अंजाम देने की तैयारी में थे।

टीम ने दिखाया साहस और रणनीति
संयुक्त ऑपरेशन दल में चाईबासा पुलिस, कोबरा 209 बटालियन और झारखंड जगुआर के जवान शामिल थे, जिन्होंने जंगली पहाड़ी क्षेत्र में विषम परिस्थितियों में यह जोखिम भरा अभियान चलाया। ऑपरेशन के दौरान जवानों ने सतर्कता और रणनीति के तहत इलाके की सघन तलाशी ली और बंकरों की सही लोकेशन को चिन्हित कर कार्रवाई को अंजाम दिया। आईईडी जैसे खतरनाक विस्फोटकों को नष्ट करना किसी चुनौती से कम नहीं था, लेकिन बम निरोधक दस्ते ने अत्यंत सावधानी से इसे निष्क्रिय कर जान-माल की बड़ी क्षति से क्षेत्र को बचा लिया।

नक्सलियों पर बढ़ रहा है दबाव
यह कार्रवाई राज्य सरकार और सुरक्षा बलों के लिए नक्सल विरोधी अभियान की बड़ी उपलब्धि है। हाल के महीनों में पश्चिमी सिंहभूम जिले के कई इलाकों में नक्सली गतिविधियां फिर से सिर उठाने लगी थीं। इससे पहले भी कई बार जंगलों में आईईडी बिछाए जाने, मुठभेड़ और बंकरों की बरामदगी की घटनाएं सामने आ चुकी हैं। लेकिन इस बार की सफलता से न केवल नक्सलियों की बड़ी योजना नाकाम हुई है, बल्कि उनके मनोबल पर भी बड़ा असर पड़ा है। अब सुरक्षा बलों का अगला लक्ष्य माओवादियों के सक्रिय दस्ते और उनके शीर्ष कमांडरों तक पहुंचना है।
पुलिस की अपील
पुलिस अधीक्षक राकेश रंजन ने क्षेत्रवासियों से अपील की है कि वे किसी भी संदिग्ध गतिविधि की सूचना पुलिस को दें और अफवाहों पर ध्यान न दें। उन्होंने बताया कि नक्सलवाद के खात्मे के लिए लगातार ऑपरेशन जारी रहेगा और किसी भी कीमत पर विध्वंसक ताकतों को बख्शा नहीं जाएगा।
चाईबासा में नक्सलियों के खिलाफ चल रहे सघन सर्च अभियान से यह साफ हो गया है कि सरकार और सुरक्षा एजेंसियां अब पूरी तरह सक्रिय हैं। इस तरह की सफलताएं न केवल नक्सलियों की साजिशों को विफल करती हैं, बल्कि आम जनता में भी सुरक्षा और विश्वास का भाव जगाती हैं।
