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PM मोदी का शांति फॉर्मूला: मणिपुर को 8500 करोड़ की सौगात, हिंसा के दो साल बाद नई उम्मीद

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दो साल बाद मणिपुर पहुंचे प्रधानमंत्री मोदी
पूर्वोत्तर के मणिपुर राज्य में 2023 में मैतेई और कुकी समुदायों के बीच हुई जातीय हिंसा ने पूरे देश को झकझोर दिया था। इस हिंसा में 260 से अधिक लोगों की जान गई थी और हजारों लोग राहत शिविरों में शरण लेने को मजबूर हो गए थे। दो साल के लंबे इंतजार और सुरक्षा व्यवस्था के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शनिवार को पहली बार मणिपुर पहुंचे। उनका यह दौरा शांति बहाली और विकास की नई शुरुआत के रूप में देखा जा रहा है।

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8500 करोड़ रुपये की विकास योजनाओं का ऐलान
प्रधानमंत्री मोदी ने अपने दौरे में राज्य के लिए 8,500 करोड़ रुपये की विकास योजनाओं की घोषणा की। इनमें सड़क निर्माण, स्वास्थ्य सेवाओं का विस्तार, शिक्षा क्षेत्र के उन्नयन, औद्योगिक विकास और युवाओं के लिए रोजगार कार्यक्रम शामिल हैं। सरकार का कहना है कि ये योजनाएं मणिपुर में बुनियादी ढांचे को मजबूत करने के साथ-साथ विस्थापित परिवारों के पुनर्वास में भी मददगार साबित होंगी।

शांति फॉर्मूला – संवाद और विश्वास बहाली पर फोकस
प्रधानमंत्री मोदी ने इम्फाल में आयोजित एक विशेष बैठक में मणिपुर के विभिन्न समुदायों के प्रतिनिधियों, सामाजिक संगठनों और धार्मिक नेताओं से संवाद किया। उन्होंने ‘शांति फॉर्मूला’ प्रस्तुत करते हुए कहा, “मणिपुर की धरती पर विकास और भाईचारे का नया अध्याय शुरू होगा। सरकार का लक्ष्य है कि हर समुदाय को सम्मान मिले और राज्य में स्थायी शांति स्थापित हो।”

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इस फॉर्मूले के तहत पारंपरिक पंचायतों, महिला समूहों, युवा संगठनों और सामुदायिक संस्थाओं को शांति प्रयासों में शामिल किया जाएगा। केंद्र सरकार का मानना है कि जब तक जमीनी स्तर पर लोगों को विश्वास में नहीं लिया जाएगा, तब तक शांति स्थायी नहीं हो सकती।

मैतेई और कुकी नेताओं से अलग-अलग मुलाकात
पीएम मोदी ने दौरे के दौरान मैतेई और कुकी समुदाय के सामाजिक नेताओं से अलग-अलग और संयुक्त वार्ताएं कीं। उन्होंने यह भरोसा दिलाया कि केंद्र सरकार दोनों समुदायों की समस्याओं को समझकर निष्पक्ष समाधान निकालेगी। इस दौरान राज्य सरकार के वरिष्ठ अधिकारी और सुरक्षा बलों के प्रतिनिधि भी मौजूद रहे।

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सुरक्षा और पुनर्वास योजनाओं को मिलेगी गति
प्रधानमंत्री के दौरे के बाद राज्य में सुरक्षा बलों की तैनाती और राहत शिविरों में रहने वाले लोगों के पुनर्वास की प्रक्रिया को तेज किए जाने की संभावना जताई जा रही है। केंद्र सरकार पहले ही मणिपुर के लिए विशेष पुनर्वास पैकेज की घोषणा कर चुकी है। अब इस दौरे के बाद परियोजनाओं के क्रियान्वयन में तेजी आने की उम्मीद है।

चुनावी और राजनीतिक दृष्टिकोण से भी अहम
विशेषज्ञ मानते हैं कि मणिपुर में पीएम मोदी का यह दौरा न सिर्फ सामाजिक बल्कि राजनीतिक दृष्टि से भी महत्वपूर्ण है। पूर्वोत्तर राज्यों में भाजपा ने बीते वर्षों में मजबूत पकड़ बनाई है, लेकिन मणिपुर हिंसा ने उसकी छवि को झटका दिया था। अब सरकार शांति और विकास के एजेंडे के जरिए जनता का भरोसा दोबारा जीतना चाहती है।

स्थानीय नागरिकों की उम्मीदें बढ़ीं
इम्फाल और आसपास के इलाकों में लोगों ने प्रधानमंत्री के दौरे का स्वागत किया। आम नागरिकों का कहना है कि अगर केंद्र सरकार के प्रयास सफल रहे तो मणिपुर एक बार फिर शांति और विकास के रास्ते पर लौट सकता है। युवाओं ने भी उम्मीद जताई कि राज्य में रोजगार और शिक्षा के नए अवसर पैदा होंगे।

पूर्वोत्तर में नई शुरुआत का संकेत
प्रधानमंत्री मोदी ने अपने संबोधन में कहा कि मणिपुर का यह अध्याय सिर्फ राज्य के लिए नहीं बल्कि पूरे पूर्वोत्तर के लिए नई शुरुआत है। उन्होंने कहा, “हमारा संकल्प है कि पूर्वोत्तर के हर राज्य को विकास की मुख्यधारा से जोड़ें और यहां के लोगों को सम्मान और अवसर दें।”

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