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रांची में पुलिस महकमे में हड़कंप! कर्तव्यहीनता पर 9 अफसर निलंबित, DIG चंदन सिन्हा का बड़ा एक्शन

एसएसपी ने लापरवाही को लेकर दिखाई सख्ती, कई थानों के पुलिसकर्मियों को किया गया सस्पेंड, विभाग में मचा हड़कंप

रांची, झारखंड: झारखंड की राजधानी रांची में पुलिस महकमे में उस वक्त सनसनी फैल गई, जब DIG सह SSP चंदन सिन्हा ने कर्तव्य में लापरवाही बरतने के आरोप में 9 पुलिस पदाधिकारियों को निलंबित कर दिया। यह फैसला न केवल अनुशासन को लेकर कड़ा संदेश देता है, बल्कि विभागीय शिथिलता पर भी सवाल उठाता है। यह कार्रवाई ऐसे समय में हुई है, जब राज्य में कानून-व्यवस्था को लेकर लगातार सवाल उठ रहे हैं। चंदन सिन्हा की इस “नो टॉलरेंस पॉलिसी” को अब सिस्टम में जवाबदेही की वापसी के रूप में देखा जा रहा है।
कौन-कौन हुए निलंबित – जानिए नाम और तैनाती
निलंबित पुलिस पदाधिकारियों की सूची में रांची के अलग-अलग थाना क्षेत्रों से जुड़े अफसर शामिल हैं:
- संतोष कुमार रजक – डोरंडा थाना
- नीतीश कुमार – खरसीदाग ओपी
- अजय कुमार दास – लालपुर थाना
- राजकुमार टाना भगत – जगन्नाथपुर थाना
- सूर्यवंशी उरांव – सुखदेव नगर थाना
- श्याम बिहारी रजक – जगन्नाथपुर थाना
- अरविंद कुमार त्रिपाठी – जगन्नाथपुर थाना
- उमाशंकर सिंह – बुढ़मू थाना
- अशोकनाथ सिंह – सदर थाना
ये सभी पुलिस अधिकारी कर्तव्य में लापरवाही, कार्य के प्रति उदासीनता और अनुशासनहीनता के आरोपों के घेरे में आए हैं।
DIG का सख्त रुख – “कर्तव्य से समझौता नहीं”
DIG सह SSP चंदन सिन्हा ने स्पष्ट कहा है कि “पुलिस विभाग में लापरवाही की कोई जगह नहीं है। कर्तव्यों से विमुख होना न सिर्फ विभाग की छवि खराब करता है, बल्कि आम जनता के विश्वास को भी चोट पहुंचाता है।”

“सभी पुलिस अधिकारी जनता के प्रति जवाबदेह हैं। जो भी लापरवाही बरतेगा, उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई तय है।” – चंदन सिन्हा, DIG सह SSP रांची यह बयान न केवल सस्पेंड अधिकारियों के लिए, बल्कि बाकी अधिकारियों के लिए भी एक चेतावनी की तरह है।

निलंबन के पीछे की वजह – सिर्फ लापरवाही नहीं?
सूत्रों का कहना है कि कुछ अधिकारियों के खिलाफ शिकायतें लगातार लंबित थीं, लेकिन उन्होंने कोई संज्ञान नहीं लिया। डोरंडा, जगन्नाथपुर और सुखदेव नगर जैसे थानों में आवेदन के बावजूद कार्रवाई में देरी, FIR दर्ज न करना, अपराधियों को राजनीतिक संरक्षण देना और थाने में अनुशासनहीनता जैसी बातें सामने आई थीं।यह भी कहा जा रहा है कि कुछ अधिकारियों ने अपराधियों के साथ साठगांठ कर “लाभकारी चुप्पी” बनाए रखी, जिससे लॉ एंड ऑर्डर पर नकारात्मक असर पड़ा।
पुलिस महकमे में हड़कंप – “अब जवाबदेही तय होगी”
इस बड़े फैसले के बाद रांची के पुलिस महकमे में स्पष्ट संदेश गया है – अब काम नहीं किया तो कुर्सी जाएगी। कई अधिकारी अब अपने-अपने रिकॉर्ड सुधारने में जुट गए हैं। DIG चंदन सिन्हा की यह कार्रवाई उन लोगों के लिए खुली चुनौती है, जो पुलिस की वर्दी को ढाल बनाकर कर्तव्य से बचना चाहते हैं।
जनता की प्रतिक्रिया – “अब उम्मीद जगी है”
सिविल सोसाइटी, स्थानीय नागरिक और सामाजिक कार्यकर्ताओं ने इस फैसले का स्वागत किया है। रांची में लंबे समय से शिकायतें आ रही थीं कि पुलिस जनहित के मामलों में उदासीन है। अब जब DIG ने सीधा एक्शन लिया है, तो लोगों में विश्वास बढ़ा है।
“अगर हर जिले में ऐसा एक्शन हो तो पुलिस फिर से लोगों की सुरक्षा की प्रतीक बन सकती है।” – रमेश प्रसाद, सामाजिक कार्यकर्ता, लालपुर
DIG चंदन सिन्हा की यह कार्रवाई सिर्फ 9 अधिकारियों का निलंबन नहीं, बल्कि पूरे सिस्टम को “जवाबदेही की चादर” ओढ़ाने का प्रयास है। यह कदम दर्शाता है कि झारखंड पुलिस अब सुधार की राह पर है – जहां न सिर्फ अपराधियों से, बल्कि कर्तव्य भूलने वाले अफसरों से भी सवाल पूछा जाएगा। अब देखने वाली बात यह होगी कि यह मुहिम आगे किन-किन थानों तक पहुंचती है और क्या यह राज्य स्तर पर एक नई पुलिस कार्यसंस्कृति को जन्म देती है।