रांची लाइफ केयर अस्पताल ने पूरे किए 9 वर्ष, कम खर्च में बेहतर इलाज से मरीजों का जीता विश्वास ।
राजधानी के बूटी मोड़ स्थित रांची लाइफ केयर अस्पताल ने सफलता पूर्वक अपने 9 वर्ष पूरे कर लिए हैं। इस दौरान अस्पताल ने डॉक्टर रजनीश कुमार के नेतृत्व में कई मुकाम हासिल किए हैं। अपनी बेहतर स्वास्थ्य सेवाओं द्वारा मरीजों के बीच अपना विश्वास स्थापित करने में सफल हो चुके अस्पताल ने रांची के आईएमए भवन में बड़े धूमधाम से कार्यक्रम का आयोजन किया । जिसमे अस्पताल कर्मियों द्वारा संगीत, नृत्य, रैंप वॉक आदि कार्यक्रम प्रस्तुत किए गए । इस दौरान अस्पताल के डायरेक्टर डॉक्टर रजनीश और डॉक्टर हेमलता ने कई कर्मियों को सम्मानित भी किया ।
कार्यकर्म के मुख्य अतिथि रांची के सिटी एसपी राजकुमार मेहता ने कहा कि लाइफ केयर अस्पताल स्वास्थ्य के क्षेत्र में बहुत बेहतर काम कर रही है। वर्तमान समय में जहां अस्पतालों में महंगा इलाज किया जा रहा है, ऐसे समय में लाइफ केयर अस्पताल का सेवाभाव से काम करना काबिल ए तारीफ है। गरीब , असहाय, जरूरतमंदों का यहां इलाज हो रहा है, इसी सेवा भाव के साथ अस्पताल आगे बढ़े यही मेरी दुआ है।
नेत्र रोग विशेषज्ञ व निदेशक डॉक्टर हेमलता ने कहा कि 9 साल अगर लाइफ केयर अस्पताल ने पूरा किया है, तो इसके लिए पूरी टीम बधाई की पात्र हैं। पूरी टीम की मेहनत और सहयोग के बलबूते ही अस्पताल नित्य नए मुकाम हासिल कर रही है। यहां पर नेत्र रोग सहित सारी सुविधाएं उपलब्ध कराई जा रही । जरूरत पड़ेगा तो और भी सुविधाएं यहां पर उपलब्ध कराई जाएगी।
वहीं आर्थो स्पेशलिस्ट व अस्पताल के डायरेक्टर डॉक्टर रजनीश कुमार ने कहा कि इन 9 सालो के दौरान लाइफ केयर अस्पताल , झारखंड सहित दूसरे राज्यों में भी प्रसिद्धि हासिल करने में सफल रहा है । यहां पर न्यूरो के साथ स्पाइन सर्जरी को भी जोड़ा गया है । अस्पताल घुटना प्रतिरोपण के लिए भी प्रसिद्ध है। यहां विश्वास के साथ मरीज आ रहे हैं। आयुष्मान कार्ड के साथ भी इसको जोड़ा गया है। जिसका लाभ जरूरतमंद, गरीब मरीजों को मिल रहा है। उन्होंने बताया कि
डॉक्टर हेमलता , डॉक्टर राहुल सिन्हा, डॉक्टर रंजीत कुमार, डॉक्टर विवेक गोस्वामी , डॉक्टर मनीष राय, डॉ विकास चंद्रा, डॉक्टर आलोक चंद्रा प्रकाश, डाॅक्टर वकार अहमद, डॉक्टर विक्रम, डॉक्टर काशिफ जमाल , डॉक्टर सैमुवल लकड़ा , डॉक्टर रजनीश बरियार, डॉक्टर प्रियंका बरियार सहित अस्पताल स्टाफ ,नर्स सभी अस्पताल को बेहतर बनाने के लिए 24 घंटा तक लगे रहते हैं।