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भाजपा नेता अनिल टाइगर हत्याकांड का रांची पुलिस ने किया खुलासा, जमीन विवाद बना हत्या की वजह

10 एकड़ जमीन के कब्जे और रंगदारी को लेकर रची गई थी साजिश, चार आरोपी गिरफ्तार
रांची, 10 अप्रैल 2025: राजधानी रांची में भाजपा नेता अनिल टाइगर की दिनदहाड़े हत्या ने पूरे राज्य को झकझोर कर रख दिया था। अब रांची पुलिस ने इस सनसनीखेज हत्याकांड का खुलासा करते हुए बताया है कि इस जघन्य वारदात के पीछे 10 एकड़ जमीन पर कब्जा और रंगदारी की मांग से उपजा विवाद था। रांची पुलिस ने इस मामले में चार मुख्य आरोपियों को गिरफ्तार किया है और अन्य की तलाश में छापेमारी की जा रही है।

10 एकड़ जमीन बना खून-खराबे की वजह : एसएसपी चंदन सिन्हा ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया कि यह पूरा विवाद कांके थाना क्षेत्र स्थित 10 एकड़ जमीन को लेकर शुरू हुआ। इस जमीन पर देवव्रत नाथ शाहदेव अवैध कब्जा करने की कोशिश कर रहा था, जिसका स्थानीय ग्रामीण और भाजपा नेता अनिल महतो उर्फ अनिल टाइगर विरोध कर रहे थे। अनिल टाइगर ने ग्रामीणों के साथ मिलकर शाहदेव की हर कोशिश को नाकाम किया।


वार्ता के दौरान रंगदारी की मांग, फिर खुली धमकी : दिसंबर 2023 में हरमू निवासी विनोद पासवान के घर पर एक बैठक हुई थी, जिसमें विवाद को सुलझाने की कोशिश की गई। इस बैठक में अनिल टाइगर ने प्रति डिसमिल 50 हजार रुपये की मांग की थी, जो कुल 4.5 करोड़ रुपये तक पहुंचती थी। यह मांग अनिल टाइगर ने इस शर्त पर की थी कि भुगतान होने पर वह जमीन कब्जा और बिक्री का विरोध नहीं करेंगे। बैठक विफल हो गई और दोनों पक्षों में तीखी बहस हुई। इसी दौरान देवव्रत नाथ शाहदेव ने अनिल टाइगर पर पिस्टल तानते हुए जान से मारने की धमकी भी दी थी।
सांसद मद से रोड निर्माण का विरोध भी बना वजह: इस विवादित भूमि पर देवव्रत नाथ शाहदेव ने सांसद मद से “पालकोट हाउस रोड” नामक एप्रोच रोड बनवाने की योजना बनाई थी। शिलान्यास की जानकारी मिलने पर अनिल टाइगर ने स्थानीय सांसद से मिलकर पूरे मामले से अवगत कराया और कार्यक्रम का विरोध किया। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, विरोध के चलते शिलान्यास कार्यक्रम स्थगित करना पड़ा और सांसद वापस लौट गए।



आर्थिक नुकसान बना हत्या की वजह : एसएसपी के अनुसार, जमीन पर कब्जा और बिक्री न हो पाने के कारण देवव्रत शाहदेव को भारी आर्थिक नुकसान हो रहा था। इसी के चलते उसने अनिल टाइगर को रास्ते से हटाने की योजना बनाई और अपने साथियों के माध्यम से हत्या की साजिश रची।
दो लाख की सुपारी, अमन सिंह बना शूटर : अभिषेक सिन्हा ने कुख्यात अपराधी अमन सिंह को अनिल टाइगर की हत्या की सुपारी दी थी। उसने अमन को समझाया कि इस हत्या से लोहरदगा में हुई सुभाष जायसवाल हत्याकांड का समाधान निकल आएगा। अमन सिंह मात्र दो लाख रुपये में हत्या के लिए तैयार हो गया।
गिरफ्तार हुए चार आरोपी, अन्य की तलाश जारी : पुलिस ने मामले में अमन सिंह, मनीष चौरसिया, जिशान अख्तर और अजय कुमार रजक को गिरफ्तार किया है। इनके पास से हथियार और कई दस्तावेज बरामद किए गए हैं। अन्य आरोपी – देवव्रत नाथ शाहदेव, अभिषेक सिन्हा, रोहित वर्मा – फरार हैं और पुलिस उनके संभावित ठिकानों पर लगातार छापेमारी कर रही है।
राजनीतिक गलियारों में उठे कई सवाल : इस पूरे घटनाक्रम ने न सिर्फ रांची बल्कि राज्यभर में राजनीतिक सरगर्मी बढ़ा दी है। सवाल उठ रहे हैं कि जब यह जमीन विवादित थी, तो फिर किस परिस्थिति में सांसद मद से उस पर सड़क निर्माण की योजना बनाई गई थी? क्या सांसद को इस भूमि की स्थिति की जानकारी नहीं थी?
पृष्ठभूमि : दिनदहाड़े कांके चौक पर गोली मारकर हत्या : यह घटना 26 मार्च 2025 की है, जब कांके चौक पर अपराधियों ने भाजपा नेता अनिल टाइगर की गोली मारकर हत्या कर दी थी। घटना के विरोध में भाजपा और आजसू ने 27 मार्च को रांची बंद का आह्वान किया था, जिससे राजधानी का जन-जीवन पूरी तरह से ठप हो गया था।
पुलिस की तत्परता से हुआ खुलासा : डीआईजी सह एसएसपी चंदन सिन्हा ने बताया कि पुलिस की विशेष टीम ने वैज्ञानिक एवं तकनीकी अनुसंधान के आधार पर मामले का खुलासा किया। गिरफ्तार अभियुक्तों से पूछताछ कर अन्य आरोपियों की गिरफ्तारी की दिशा में कार्रवाई जारी है।