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झारखंड अभिभावक संघ की पहल लाई रंग: रांची के सभी निजी विद्यालयों में बनेगा PTA, फीस निर्धारण में पारदर्शिता की दिशा में ऐतिहासिक कदम

PTA गठन

रांची, 07 अप्रैल 2025: झारखंड की राजधानी रांची में शिक्षा व्यवस्था को पारदर्शी और जवाबदेह बनाने की दिशा में एक ऐतिहासिक पहल देखने को मिली है। झारखंड अभिभावक संघ (JPA) की ओर से रांची के उपायुक्त मंजुनाथ भजंत्री को 5 अप्रैल 2025 को भेजे गए पत्र का सकारात्मक असर अब सामने आ रहा है। उपायुक्त ने रांची जिले के सभी निजी विद्यालयों में पेरेंट्स टीचर एसोसिएशन (PTA) के गठन का निर्देश जारी किया है। यह निर्देश झारखंड शिक्षा न्यायाधिकरण (संशोधन) अधिनियम 2017 के तहत लिया गया है, जिसके अंतर्गत प्रत्येक निजी विद्यालय में फीस निर्धारण की प्रक्रिया को पारदर्शी बनाने के लिए दो स्तरों पर शुल्क समिति के गठन की व्यवस्था की गई है — विद्यालय स्तर पर और जिला स्तर पर।

क्या है यह अधिनियम और क्यों है यह महत्वपूर्ण?

झारखंड शिक्षा न्यायाधिकरण संशोधन अधिनियम 2017 के अनुसार:

  • प्रत्येक विद्यालय में एक शुल्क समिति का गठन होना चाहिए जिसमें विद्यालय प्रबंधन, प्रधानाचार्य, शिक्षक प्रतिनिधि, और अभिभावकों के प्रतिनिधि शामिल हों।
  • जिला स्तर पर एक जिला शुल्क समिति का भी गठन होना चाहिए जिसमें उपायुक्त, जिला शिक्षा पदाधिकारी, एक चार्टर्ड अकाउंटेंट और अन्य विशेषज्ञ सदस्य शामिल किए जाने का प्रावधान है।
  • यह अधिनियम 7 जनवरी 2019 को प्रभाव में आया, लेकिन विडंबना यह रही कि अब तक न तो विद्यालय स्तर पर और न ही जिला स्तर पर इन समितियों का गठन हो पाया था। परिणामस्वरूप, निजी विद्यालयों द्वारा मनमाने ढंग से शुल्क बढ़ाए जाने की घटनाएं लगातार सामने आती रही हैं, जिससे अभिभावकों पर आर्थिक बोझ बढ़ा है।
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झारखंड अभिभावक संघ की भूमिका

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झारखंड अभिभावक संघ 2008 से ही शिक्षा व्यवस्था में पारदर्शिता, न्याय और अभिभावकों के अधिकारों की रक्षा के लिए कार्यरत है। संघ ने 5 अप्रैल को उपायुक्त रांची को एक विस्तृत पत्र भेजकर मांग की थी कि जब तक विद्यालयों में शुल्क समिति और जिला शुल्क समिति का गठन नहीं हो जाता, तब तक निजी विद्यालय केवल शैक्षिक शुल्क ही वसूलें, अन्य शुल्क नहीं।

इस पत्र में यह भी मांग की गई थी कि PTA यानी पेरेंट्स टीचर एसोसिएशन का गठन प्रत्येक विद्यालय में किया जाए ताकि अभिभावकों की बात सीधे स्कूल प्रबंधन तक पहुंचे और कोई भी निर्णय सामूहिक चर्चा के बिना न लिया जाए।

उपायुक्त का निर्देश और संघ की प्रतिक्रिया

अब उपायुक्त मंजुनाथ भजंत्री द्वारा सभी निजी स्कूलों में PTA के गठन का निर्देश जारी कर दिए जाने के बाद, झारखंड अभिभावक संघ ने इसे एक बड़ा और स्वागत योग्य कदम बताया है। संघ का मानना है कि यह निर्णय न केवल अभिभावकों की सहभागिता सुनिश्चित करेगा, बल्कि स्कूलों की ओर से की जाने वाली मनमानी पर भी लगाम लगाएगा।

संघ के अध्यक्ष अजय राय ने कहा:

“हम उपायुक्त रांची के इस सकारात्मक निर्णय का हृदय से स्वागत करते हैं। यह पहल राज्यभर में शिक्षा व्यवस्था में सुधार लाने के लिए एक आदर्श मिसाल बनेगी। हम आशा करते हैं कि जल्द ही अधिनियम के तहत सभी शुल्क समितियों का गठन होगा और इनकी सूचना विद्यालयों की वेबसाइट पर सार्वजनिक रूप से साझा की जाएगी, जिससे हर अभिभावक जागरूक और सशक्त बन सके।”

संघ का सुझाव

अभिभावक संघ ने सुझाव दिया है कि PTA और शुल्क समिति की संरचना, सदस्यों की जानकारी और बैठक की तिथियां स्कूल की वेबसाइट पर प्रदर्शित की जाएं। किसी भी प्रकार की शुल्क वृद्धि तभी की जाए जब वह समिति की बैठक में अनुमोदित हो। जब तक सभी समितियाँ विधिवत रूप से गठित नहीं हो जातीं, तब तक केवल शैक्षिक शुल्क ही वसूला जाए।


यह निर्णय झारखंड के शिक्षा क्षेत्र में एक नई शुरुआत का संकेत है, जहां पारदर्शिता, उत्तरदायित्व और अभिभावकों की भागीदारी को प्राथमिकता दी जा रही है। यदि इस दिशा में प्रशासन, विद्यालय और अभिभावक मिलकर कार्य करें, तो निश्चित रूप से निजी विद्यालयों की मनमानी पर रोक लगेगी और विद्यार्थियों के हितों की रक्षा हो सकेगी।

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