घंटों मसक्कत के बाद खाली हाथ लौटी पुलिस, शिक्षण संस्थानों में छापेमारी पर उठे सवाल

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हिमंत बिस्वा सरमा का हमला, सत्तारूढ़ सरकार पर लगाया दबाव बनाने का आरोप

रांची : रांची के नामकुम स्थित सरला बिरला स्कूल, यूनिवर्सिटी और उषा मार्टिन यूनिवर्सिटी में पुलिस द्वारा घंटों तक चली छापेमारी के बाद भी कुछ खास हासिल नहीं हुआ। इस कार्रवाई को लेकर न केवल विपक्ष बल्कि आम जनता के बीच भी तीखी प्रतिक्रियाएं सामने आ रही हैं।

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घंटों तलाशी, लेकिन कोई ठोस सबूत नहीं : पुलिस टीम ने विश्वविद्यालय और उससे जुड़े गेस्ट हाउस में कई घंटे तक जांच-पड़ताल की, लेकिन अंत में खाली हाथ लौटना पड़ा। सूत्रों के मुताबिक, पुलिस ने न केवल विश्वविद्यालय परिसर बल्कि डायरेक्टर के निजी आवास पर भी छापा मारा, बावजूद इसके कोई भी ठोस सबूत हाथ नहीं लगा।

भाजपा ने छापेमारी को बताया राजनीतिक साजिश: झारखंड में सरला बिरला स्कूल और यूनिवर्सिटी पर हुई पुलिस छापेमारी को लेकर असम के मुख्यमंत्री और झारखंड चुनाव के लिए भाजपा के सह-प्रभारी हिमंत बिस्वा सरमा ने सत्तारूढ़ सरकार पर गंभीर आरोप लगाए हैं।

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हिमंत बिस्वा सरमा ने ट्वीट करते हुए कहा, “केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह 11 नवंबर की रात रांची के सरला बिरला स्कूल गेस्ट हाउस में ठहरे थे। आज जिस तरह से इस संस्थान पर पुलिस ने बिना किसी ठोस कारण छापा मारा, वह सत्तारूढ़ सरकार की बढ़ती बेचैनी और राजनीतिक बदले की भावना को दर्शाता है।”

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सरकारी अधिकारियों को दी कर्तव्यनिष्ठा की सलाह : सरमा ने सभी सरकारी अधिकारियों से अपील करते हुए कहा, “अपने कर्तव्यों का निर्वहन कानून के दायरे में रहकर करें। कानून का पालन सर्वोपरि है। अनावश्यक दबाव में आकर या राजनीतिक आकाओं को खुश करने के लिए अपनी ईमानदारी और निष्पक्षता से समझौता न करें।”

अमित शाह का जुड़ाव बना चर्चा का विषय : पुलिस रेड को लेकर यह भी चर्चा है कि जिस गेस्ट हाउस में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ठहरे थे, उसी पर कार्रवाई कर राज्य सरकार ने अप्रत्यक्ष रूप से केंद्र को चुनौती देने की कोशिश की है। हालांकि, इस मामले में पुलिस ने अभी तक रेड के कारणों को स्पष्ट नहीं किया है।

भाजपा ने सत्तारूढ़ सरकार पर साधा निशाना : रांची के नामकुम स्थित सरला बिरला स्कूल, यूनिवर्सिटी और उषा मार्टिन यूनिवर्सिटी में पुलिस द्वारा आज की गई छापेमारी पर भारतीय जनता पार्टी ने कड़ा विरोध जताया है। पार्टी के वरिष्ठ नेता और प्रवक्ता प्रतुल नाथ शाहदेव ने इस कार्रवाई को राज्य सरकार की विफलताओं और राजनीतिक बौखलाहट का परिणाम बताया।

प्रवक्ता ने रांची में आयोजित एक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि पुलिस ने बिना सर्च वारंट और निर्वाचन आयोग की अनुमति के छापेमारी की, जो कि कानून और प्रक्रियाओं का स्पष्ट उल्लंघन है। इस दौरान पुलिस पर विश्वविद्यालय के जांच अधिकारियों के साथ दुर्व्यवहार और डायरेक्टर के निजी आवास पर बिना किसी वैध आदेश के छापेमारी करने का आरोप भी लगाया गया।

प्रतुल नाथ शाहदेव ने कहा कि छापेमारी के दौरान पुलिस को कोई भी ठोस सबूत नहीं मिला, फिर भी इस तरह की कार्रवाई से निजी शिक्षण संस्थानों में डर और असुरक्षा का माहौल बनाया जा रहा है। उन्होंने आरोप लगाया कि यह कदम राज्य सरकार की असफलताओं को छिपाने और ध्यान भटकाने के उद्देश्य से उठाया गया है।

सरकारी विद्यालयों की स्थिति पर सवाल : प्रवक्ता ने राज्य सरकार पर सरकारी विद्यालयों की दशा सुधारने में असफल होने का भी आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि, “एक तरफ सरकारी स्कूलों की हालत दयनीय है, और दूसरी तरफ राज्य सरकार निजी शिक्षण संस्थानों को निशाना बनाकर उनकी प्रतिष्ठा धूमिल करने का प्रयास कर रही है।”

मुद्दा उचित मंच पर उठाने का आश्वासन : बीजेपी प्रवक्ता ने यह भी कहा कि पार्टी इस मुद्दे को उचित मंच पर बहुत जल्द उठाएगी और राज्य सरकार की इन तानाशाही गतिविधियों का विरोध करेगी।

यह विधानसभा चुनाव के दौरान तीसरी बार है जब रांची पुलिस ने शैक्षणिक संस्थानों में अवैध रुपये को लेकर छापेमारी की है। इससे पहले भी चुनाव में गड़बड़ी की आशंका में पुलिस ने कई जगहों पर इसी तरह की कार्रवाई की थी।

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