अलका तिवारी ने झारखंड की मुख्य सचिव का पदभार संभाला, वरिष्ठ प्रशासनिक अनुभव लाएंगी

वरिष्ठ आईएएस अधिकारी अलका तिवारी ने आज झारखंड की मुख्य सचिव के रूप में पदभार ग्रहण कर लिया। चार्ज लेने के बाद सबसे पहले राज्य के डीजीपी अजय कुमार सिंह ने उन्हें शुभकामनाएं दीं। अलका तिवारी 1988 बैच की झारखंड कैडर की आईएएस अधिकारी हैं और झारखंड में अपने उत्कृष्ट प्रशासनिक कार्यों और ईमानदारी के लिए जानी जाती हैं।


अलका तिवारी हाल ही में केंद्रीय प्रतिनियुक्ति से झारखंड लौटकर झारखंड राजस्व परिषद की सदस्य के रूप में कार्यरत थीं। इसके पहले वे नीति आयोग में सलाहकार और उर्वरक विभाग में संयुक्त सचिव के रूप में भी कार्य कर चुकी हैं। उनका शैक्षिक और व्यावसायिक अनुभव अत्यंत समृद्ध है, जिसमें उन्होंने मेरठ यूनिवर्सिटी से साइकोलॉजी में मास्टर्स, मैनचेस्टर यूनिवर्सिटी से सिविल और स्ट्रक्चरल इंजीनियरिंग में एमएससी, हार्वर्ड यूनिवर्सिटी से वित्तीय समावेशन पर विशेष कोर्स, और ड्यूक यूनिवर्सिटी से सार्वजनिक वित्तीय प्रबंधन पर प्रशिक्षण प्राप्त किया है।
उन्होंने गुमला और लोहरदगा जिलों में डीसी/कलेक्टर के रूप में भी काम किया है, साथ ही वाणिज्यिक कर और वन एवं पर्यावरण विभागों में सचिव पद की जिम्मेदारी संभाली है। भारत सरकार के साथ जुड़े कार्यकाल के दौरान उन्होंने उर्वरक कंपनी एफएजीएमआईएल की आर्थिक स्थिति में सुधार किया और कई अंतरराष्ट्रीय समझौतों में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। वे आदिवासी मुद्दों पर विशेषज्ञता रखती हैं और भारत-रूस संबंधों को मजबूत बनाने में भी उनका अहम योगदान रहा है।


अलका तिवारी के पति, डॉ. डीके तिवारी, 1986 बैच के आईएएस अधिकारी हैं और झारखंड के पूर्व मुख्य सचिव रहे हैं। फिलहाल वे राज्य चुनाव आयुक्त के रूप में कार्यरत हैं।