रामगढ़ में नशे के इंजेक्शन और दवा बेचने वाले गिरोह का भंडाफोड़, 7 आरोपी गिरफ्तार

Ramgarh Drug Bust
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रामगढ़ पुलिस की सटीक कार्रवाई, फ्लाईओवर के नीचे से छापेमारी कर पकड़े गए इंजेक्शन माफिया

रामगढ़, झारखंड: जिले में बढ़ते नशा कारोबार पर रामगढ़ पुलिस ने एक बड़ा शिकंजा कसा है। पुलिस ने एक संगठित गिरोह का भंडाफोड़ करते हुए सात आरोपियों को गिरफ्तार किया है, जो नशीले इंजेक्शन और प्रतिबंधित दवाएं बेचने का धंधा लंबे समय से चला रहे थे। यह कार्रवाई बरकाकाना ओपी प्रभारी उमाशंकर वर्मा के नेतृत्व में फ्लाईओवर के नीचे हरहरी नदी के पास की गई, जहां सभी आरोपी एक जगह इकट्ठा होकर नशीले सामानों की अदला-बदली कर रहे थे।

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रामगढ़ पुलिस अधीक्षक अजय कुमार को इस गिरोह की गतिविधियों की गुप्त सूचना मिली थी। सूचना के आधार पर पुलिस टीम ने तत्काल एक छापेमारी दल गठित किया और कार्रवाई को अंजाम दिया। जैसे ही पुलिस पहुंची, कुछ आरोपी भागने लगे लेकिन त्वरित कार्रवाई करते हुए पुलिस ने सात लोगों को मौके से गिरफ्तार कर लिया। वहीं दो आरोपी अंधेरे का फायदा उठाकर फरार होने में सफल रहे, जिनकी तलाश अभी जारी है।

गिरफ्तारी और बरामदगी की जानकारी
पकड़े गए आरोपियों के पास से भारी मात्रा में नशीली सामग्री बरामद की गई है। इनमें शामिल हैं:

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पेंटाजोसिन लैक्टेट इंजेक्शन
आईपी रिडूफ इंजेक्शन
इंसुलिन सिरिंज
Biphasic Isophane Insulin Injection (IP)
मोबाइल फोन (संपर्क और लेन-देन के इस्तेमाल के लिए)

पुलिस जांच में यह सामने आया है कि ये सभी आरोपी वर्षों से संगठित रूप से काम कर रहे थे। इनका मुख्य टारगेट स्कूल और कॉलेज के छात्र थे। पहले इन छात्रों को फ्री में नशीले इंजेक्शन और टैबलेट दिए जाते थे, जिससे वे इसके आदी हो जाते थे। बाद में इन युवाओं से महंगी कीमत वसूल की जाती थी। इस गिरोह ने नशे का एक मजबूत नेटवर्क तैयार कर लिया था, जो पूरे रामगढ़ जिले में फैला हुआ था।

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गिरफ्तार आरोपी
मुस्ताक अली (पिता – जमालुद्दीन)
सन्नी राम (पिता – राजू रविदास)
विक्की राम (पिता – मुन्नी लाल)
सोनू राम (पिता – छोटेलाल राम)
राकेश यादव (पिता – मंगल यादव)
राहुल सोनी (पिता – बैधनाथ सोनी)
विपिन कुमार सिंह (पिता – महेश्वर सिंह)

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सभी आरोपियों के खिलाफ NDPS एक्ट के तहत केस दर्ज कर लिया गया है और उन्हें न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है। पुलिस अधीक्षक अजय कुमार ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर बताया कि नशा बेचने का यह नेटवर्क युवाओं के भविष्य के लिए खतरनाक था, जिसे समय रहते ध्वस्त कर दिया गया है। उन्होंने कहा कि इस तरह की कार्रवाई लगातार जारी रहेगी ताकि जिले को नशा मुक्त बनाया जा सके।

पुलिस की अगली कार्रवाई
फरार आरोपियों की तलाश में छापेमारी की जा रही है। साथ ही, यह भी जांच की जा रही है कि इस गिरोह का कोई बड़ा सरगना कहीं अन्य शहरों या राज्यों से इसे ऑपरेट तो नहीं कर रहा था। पुलिस की साइबर टीम मोबाइल डेटा और कॉल रिकॉर्ड्स के आधार पर नेटवर्क को खंगाल रही है।

रामगढ़ पुलिस की इस कार्रवाई से स्पष्ट है कि जिला प्रशासन अब नशा कारोबारियों को लेकर जीरो टॉलरेंस की नीति पर काम कर रहा है। युवाओं को नशे के जाल से बाहर निकालने के लिए पुलिस की यह सख्ती सराहनीय मानी जा रही है।

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