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विजय की रैली में भगदड़ से 38 लोगों की मौत, 50 से अधिक घायल

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करूर त्रासदी पर प्रधानमंत्री और राष्ट्रपति ने जताया शोक, राज्य सरकार ने मुआवजे का ऐलान किया

मुनादी लाइव डेस्क : तमिलनाडु के करूर जिले में शनिवार को साउथ सुपरस्टार और तमिलगा वेट्री कजगम (TVK) प्रमुख विजय की रैली के दौरान मची भगदड़ ने पूरे देश को हिला कर रख दिया। इस दुर्भाग्यपूर्ण हादसे में अब तक 38 लोगों की मौत की पुष्टि हुई है, जबकि 50 से ज्यादा लोग घायल हैं। घायलों में कई महिलाएं और बच्चे भी शामिल हैं।

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भीड़ के दबाव में बिगड़े हालात
रैली में उम्मीद से कहीं ज्यादा भीड़ उमड़ने के कारण हालात अचानक बिगड़ गए। भारी दबाव और अफरातफरी में कई लोग एक-दूसरे पर गिर पड़े। बच्चों और बुजुर्गों की हालत नाजुक हो गई। स्थिति बेकाबू होते देख विजय ने अपना भाषण बीच में ही रोक दिया और राहत कार्यों को प्राथमिकता देने का अनुरोध किया।

पुलिस और प्रशासन की त्वरित कार्रवाई
हादसे की सूचना मिलते ही पुलिस और प्रशासन हरकत में आ गए। भीड़ को नियंत्रित करने के लिए पुलिस ने लाठीचार्ज किया। पानी की बोतलें बांटी गईं और मौके पर मौजूद मेडिकल टीमों को तुरंत सक्रिय किया गया। घायलों को फौरन पास के अस्पतालों में भर्ती कराया गया, जहां उनका इलाज जारी है। डीएमके नेता सेंथिल बालाजी और जिला कलेक्टर ने अस्पताल पहुंचकर हालात का जायजा लिया। वहीं, स्वास्थ्य मंत्री सुब्रमण्यम और अन्य वरिष्ठ अधिकारियों को भी राहत और बचाव कार्यों की निगरानी में लगाया गया।

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मुख्यमंत्री स्टालिन का बयान और मुआवजा
तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने इस हादसे पर गहरा दुख जताया। उन्होंने मृतकों के परिजनों के प्रति संवेदना प्रकट करते हुए कहा कि राज्य सरकार हर संभव मदद उपलब्ध कराएगी। सीएम ने घोषणा की कि करूर त्रासदी में मारे गए लोगों के परिवारों को मुख्यमंत्री राहत कोष से 10 लाख रुपये का मुआवजा दिया जाएगा। वहीं, घायलों को 1-1 लाख रुपये की सहायता राशि दी जाएगी। उन्होंने मंत्री अंबिल महेश को तिरुचिरापल्ली से मदद भेजने और स्वास्थ्य सेवाओं को पूरी तरह सक्रिय करने का निर्देश दिया।

प्रधानमंत्री और राष्ट्रपति ने जताया शोक
करूर की इस त्रासदी ने राष्ट्रीय स्तर पर शोक की लहर दौड़ा दी है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ट्वीट कर घटना को “बेहद दुखद” बताया। उन्होंने लिखा:

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“तमिलनाडु के करूर में एक राजनीतिक रैली के दौरान हुई दुर्भाग्यपूर्ण घटना बेहद दुखद है। मेरी संवेदनाएं उन परिवारों के साथ हैं जिन्होंने अपने प्रियजनों को खो दिया है। मैं इस कठिन समय में उन्हें शक्ति प्रदान करने की कामना करता हूं। सभी घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की प्रार्थना करता हूं।”

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने भी ट्वीट कर गहरी संवेदना व्यक्त की उन्होंने कहा:

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“तमिलनाडु के करूर जिले में भगदड़ जैसी दुर्भाग्यपूर्ण घटना में लोगों की दुखद मृत्यु के बारे में जानकर दुःख हुआ। मैं शोक संतप्त परिवारों के सदस्यों के प्रति अपनी गहरी संवेदना व्यक्त करती हूं और घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की प्रार्थना करती हूं।”

विजय और TVK कार्यकर्ताओं की प्रतिक्रिया
राजनीति में कदम रखने वाले सुपरस्टार विजय हादसे से गहराई से आहत नजर आए। उन्होंने कहा कि यह घटना उनके लिए व्यक्तिगत त्रासदी है और पीड़ित परिवारों का दर्द उनका अपना है। टीवीके कार्यकर्ताओं ने भीड़ प्रबंधन में हुई खामियों पर चिंता जताई और भविष्य में बेहतर सुरक्षा इंतजाम की मांग की।

क्यों हुई भगदड़?
विशेषज्ञों का मानना है कि इस हादसे के पीछे कई कारक जिम्मेदार रहे:

  • स्थल पर अपेक्षा से अधिक भीड़ जुटना।
  • प्रवेश और निकास के लिए पर्याप्त रास्तों की कमी।
  • मेडिकल सहायता और आपातकालीन इंतजाम का अभाव।
  • भीड़ को संभालने के लिए सुरक्षा बलों की सीमित तैनाती।
  • इन लापरवाहियों के कारण रैली का जश्न मातम में बदल गया।

देशभर में संवेदना और सबक
तमिलनाडु का यह हादसा पूरे देश के लिए सबक है कि बड़े राजनीतिक और सामाजिक आयोजनों में भीड़ प्रबंधन और सुरक्षा इंतजाम सर्वोच्च प्राथमिकता होनी चाहिए। विशेषज्ञों का कहना है कि यदि कार्यक्रम स्थल पर अतिरिक्त गेट, मेडिकल कैंप और भीड़ नियंत्रित करने की आधुनिक तकनीक होती, तो इतनी बड़ी संख्या में जानें नहीं जातीं।

त्रासदी केवल तमिलनाडु की नहीं, बल्कि पूरे भारत के लिए चेतावनी है कि भीड़ के आगे कोई लोकप्रियता काम नहीं आती। सुरक्षा इंतजाम और मानव जीवन की रक्षा ही सबसे अहम है।

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