सरला बिरला पब्लिक स्कूल में ‘वात्सल्यम्-2025’: दादा-दादी के स्नेह में नन्हे सितारों ने बांधा समा

रांची, 2 अगस्त 2025 | विशेष रिपोर्ट: परिवार के बुजुर्गों को सम्मान देना और बच्चों के भीतर जीवन के मूल्य भरना – यही रहा सरला बिरला पब्लिक स्कूल, रांची में आयोजित ‘वात्सल्यम्-2025’ ग्रैण्डपैरेन्ट्स डे का सार। सैकड़ों दादा-दादी की उपस्थिति और नन्हे बच्चों की प्रस्तुतियों ने ऐसा समां बांधा, जिसने हर उपस्थित व्यक्ति के मन को छू लिया।

थीम – “चतुर्भुज: पीलर्स ऑफ सक्सेस”
इस वर्ष समारोह की थीम “चतुर्भुज – पिलर्स ऑफ सक्सेस” रखी गई थी, जिसमें चार महत्वपूर्ण जीवन मूल्यों –
- प्रेमपूर्ण संबंध
- एकता
- अभ्यास
- समय प्रबंधन
को केंद्र में रखते हुए बच्चों ने अपनी प्रस्तुतियों के माध्यम से इन्हें जीवन्त रूप में प्रस्तुत किया।
दीप प्रज्वलन से शुरू, नन्हों की कला से महका मंच
कार्यक्रम की शुरुआत परंपरागत दीप प्रज्वलन से हुई, जिसमें उपस्थित अतिथियों ने ईश्वर से सभी के कल्याण की कामना की। इसके पश्चात विद्यालय के नन्हें छात्रों ने स्वागत गीत और सांस्कृतिक प्रस्तुतियाँ दीं, जिसने माहौल को उल्लास से भर दिया।

सफल छात्राओं का सम्मान: प्रेरणा का पल
इस अवसर पर विद्यालय की दो पूर्व छात्राएँ, सिमरन और भूमि केशरी, को नीट परीक्षा में असाधारण सफलता प्राप्त करने पर विशेष रूप से सम्मानित किया गया। ये क्षण हर विद्यार्थी और अभिभावक के लिए अत्यंत प्रेरणादायक रहे।
सांस्कृतिक प्रस्तुतियाँ: रचनात्मकता और भावनात्मकता का संगम
सांस्कृतिक प्रस्तुतियों में प्रत्येक कक्षा की भागीदारी ने कार्यक्रम को भव्यता प्रदान की:

नर्सरी कक्षा के बच्चों ने “एटरनल बॉन्ड” शीर्षक से दादा-दादी और पोते-पोतियों के रिश्ते की अनमोल भावनाओं को मंच पर दर्शाया।

केजी-ए के बच्चों की “यूनिटी बीट्स” प्रस्तुति ने लय, ताल और रंगों के माध्यम से एकता की शक्ति को उजागर किया।
केजी-बी द्वारा “कदम से कदम मिलाएं” प्रस्तुति ने नियमित अभ्यास से सफलता की ओर बढ़ने का संदेश दिया।
केजी-सी की “मोशन मैट्रिक्स” में समय प्रबंधन के महत्व को अत्यंत रचनात्मकता से प्रस्तुत किया गया।
श्रीकृष्ण जन्माष्टमी की झांकी बनी विशेष आकर्षण
इस आयोजन की शोभा बढ़ाई भगवान श्रीकृष्ण की भक्ति से परिपूर्ण झांकियों और नृत्य ने। बच्चों ने श्रीकृष्ण की बाल लीलाओं को नृत्य के माध्यम से प्रस्तुत किया, जिससे पूरा माहौल भक्ति और आनंदमय हो उठा।
‘अपना घर’ वृद्धाश्रम के बुजुर्गों का अभिनंदन
इस कार्यक्रम को और भी भावुक बना दिया ‘अपना घर’ वृद्धाश्रम के बुजुर्गों की गरिमामयी उपस्थिति ने। उन्हें सम्मानस्वरूप उपहार भेंट किए गए और उनकी उपस्थिति बच्चों के लिए प्रेरणा का स्रोत बनी।
प्राचार्या का संदेश: “यह आयोजन केवल प्रस्तुति नहीं, जीवन मूल्य की शिक्षा है”
विद्यालय की प्राचार्या परमजीत कौर ने इस सफल आयोजन के लिए सभी अभिभावकों और शिक्षकों का आभार व्यक्त करते हुए कहा:
“यह कार्यक्रम केवल एक सांस्कृतिक मंच नहीं था, बल्कि यह बच्चों के भीतर पारिवारिक मूल्यों, संबंधों की महत्ता और जीवन के सच्चे स्तंभों को जागृत करने का एक सशक्त माध्यम बना।”
समापन और राष्ट्रगान
कार्यक्रम का समापन धन्यवाद ज्ञापन और राष्ट्रगान के साथ हुआ। पूरे आयोजन के दौरान दादा-दादी, नानी-नाना और परिजन बच्चों की प्रतिभा को देखकर भावविभोर हो गए। बच्चों की ऊर्जा, अनुशासन और प्रस्तुति कौशल ने सभी को प्रभावित किया।

सरला बिरला पब्लिक स्कूल का यह आयोजन एक बार फिर यह सिद्ध करता है कि शिक्षा केवल किताबी ज्ञान नहीं, बल्कि संस्कार, संबंध और सामाजिक चेतना का भी नाम है।
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