120 करोड़ के घोटाले का पर्दाफाश करने वाले युवा पत्रकार मुकेश चंद्राकर की निर्मम हत्या
छत्तीसगढ़ के रायपुर से बड़ी खबर: भ्रष्टाचार के खिलाफ आवाज उठाने वाले युवा पत्रकार मुकेश चंद्राकर की निर्मम हत्या ने प्रदेश को झकझोर कर रख दिया है। बीजापुर जिले के इस जुझारू पत्रकार ने 120 करोड़ रुपये के सड़क निर्माण घोटाले को उजागर किया था। इसके बाद से लगातार उन्हें धमकियां मिल रही थीं। 1 जनवरी की शाम से लापता मुकेश का शव ठेकेदार सुरेश चंद्राकर के बाड़े में बने सेप्टिक टैंक से बरामद हुआ है।
यह घटना न केवल पत्रकारिता की स्वतंत्रता पर हमला है, बल्कि प्रदेश में फैले भ्रष्टाचार के काले सच को भी उजागर करती है।
कैसे हुआ हत्याकांड का खुलासा?
मुकेश चंद्राकर 1 जनवरी की शाम को अपने घर से निकले थे। इसके बाद से उनका कोई पता नहीं चला। परिवार ने उनकी गुमशुदगी की शिकायत पुलिस में दर्ज कराई थी।
पुलिस को सुराग मिला कि मुकेश को आखिरी बार ठेकेदार सुरेश चंद्राकर के घर के पास देखा गया था। इसके बाद पुलिस ने ठेकेदार के बाड़े में तलाशी अभियान चलाया।
जांच के दौरान पुलिस को वहां सेप्टिक टैंक से बदबू आने की शिकायत मिली। जब टैंक को खोला गया, तो उसमें मुकेश चंद्राकर का शव बरामद हुआ।
120 करोड़ के घोटाले का किया था पर्दाफाश
मुकेश चंद्राकर ने कुछ समय पहले सड़क निर्माण के ठेकों में 120 करोड़ रुपये के बड़े घोटाले का खुलासा किया था। उन्होंने बताया था कि ठेकेदारों और अधिकारियों की मिलीभगत से सड़क निर्माण के नाम पर फर्जी बिल पास किए जा रहे हैं।
इस खुलासे के बाद से उन्हें लगातार धमकियां मिल रही थीं।
हत्या के बाद पत्रकारों में आक्रोश, बीजापुर में चक्काजाम
मुकेश की हत्या के बाद पूरे बीजापुर और बस्तर संभाग के पत्रकारों में भारी आक्रोश है।
शनिवार को पत्रकारों ने बीजापुर में चक्काजाम किया। बड़ी संख्या में पत्रकार सड़क पर बैठकर विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं।
उन्होंने सरकार से मांग की है कि हत्यारों को जल्द गिरफ्तार किया जाए और प्रदेश में पत्रकारों की सुरक्षा सुनिश्चित की जाए।
बीजापुर से लेकर बस्तर संभाग तक पत्रकार हत्या के विरोध में प्रदर्शन कर रहे हैं।
पत्रकार संगठनों की चेतावनी:
पत्रकार संगठनों ने कहा है कि अगर सरकार जल्द कार्रवाई नहीं करती, तो पूरे प्रदेश में आंदोलन तेज किया जाएगा।
प्रदर्शन कर रहे पत्रकारों ने कहा,
“मुकेश चंद्राकर ने भ्रष्टाचार के खिलाफ जो आवाज उठाई, उसके लिए उन्हें जान गंवानी पड़ी। अगर उनके हत्यारों को कड़ी सजा नहीं मिली, तो यह लोकतंत्र पर काला धब्बा होगा।”
सरकार पर उठे सवाल, पत्रकारों की सुरक्षा पर चिंता
इस घटना ने राज्य सरकार की कानून व्यवस्था पर सवाल खड़े कर दिए हैं।
पत्रकारों का कहना है कि प्रदेश में भ्रष्टाचार के खिलाफ आवाज उठाना अब खतरनाक हो गया है।
मुकेश चंद्राकर की हत्या ने यह साबित कर दिया है कि सच्चाई को उजागर करना आज भी जानलेवा साबित हो सकता है।
पुलिस की कार्रवाई जारी
पुलिस ने ठेकेदार सुरेश चंद्राकर और उसके परिवार के सदस्यों को पूछताछ के लिए हिरासत में लिया है।
मामले की जांच जारी है।
हालांकि, पत्रकार संगठनों ने चेतावनी दी है कि अगर तुरंत ठोस कार्रवाई नहीं हुई, तो पूरे छत्तीसगढ़ में बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन होगा।
मुकेश चंद्राकर की हत्या ने यह साफ कर दिया है कि प्रदेश में भ्रष्टाचार के खिलाफ आवाज उठाने वालों को चुप कराने की कोशिश हो रही है।
इस घटना ने पूरे पत्रकारिता जगत को झकझोर दिया है। अब देखना यह होगा कि सरकार और प्रशासन इस मामले में कितनी तेजी और सख्ती से कार्रवाई करती है।
मुख्य मांगे:
- हत्यारों की तत्काल गिरफ्तारी हो
- पत्रकारों की सुरक्षा के लिए विशेष कानून लागू हो
- भ्रष्टाचार के खिलाफ मुहिम तेज की जाए