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झारखंड में किन्नरों का सर्वे होगा जिलावार, सरकार देगी पेंशन, आयुष्मान कार्ड और अन्य सुविधाओं का लाभ

मुख्य सचिव अलका तिवारी की अध्यक्षता में हुई अहम बैठक, ट्रांसजेंडर कल्याण बोर्ड ने की कई सिफारिशें
रांची: झारखंड सरकार ने एक ऐतिहासिक कदम उठाते हुए राज्य के किन्नरों को भी सरकारी योजनाओं का लाभ देने का निर्णय लिया है। इसके लिए जल्द ही राज्यव्यापी सर्वेक्षण किया जाएगा। मंगलवार को मुख्य सचिव अलका तिवारी की अध्यक्षता में आयोजित बैठक में यह फैसला लिया गया। इस बैठक में झारखंड ट्रांसजेंडर कल्याण बोर्ड के सदस्य और कई उच्च स्तरीय अधिकारी मौजूद थे।

बैठक में तय किया गया कि सर्वेक्षण के माध्यम से राज्य में रहने वाले ट्रांसजेंडर्स की वास्तविक संख्या, उनकी जरूरतें और उनकी समस्याओं की पहचान की जाएगी। इसके आधार पर उन्हें पेंशन, आयुष्मान कार्ड, शिक्षा, रोजगार और अन्य सरकारी योजनाओं से जोड़ा जाएगा।
पहचान छिपाने की वजह से मिल नहीं पाता लाभ
बैठक के दौरान यह मुद्दा भी प्रमुखता से सामने आया कि राज्य में अधिकांश ट्रांसजेंडर खुलकर अपनी पहचान जाहिर करने से कतराते हैं। इसी वजह से उनका पहचान पत्र बनाना, आरक्षण का लाभ देना, पेंशन योजनाओं से जोड़ना और चिकित्सा सुविधाएं उपलब्ध कराना मुश्किल हो जाता है।
मुख्य सचिव अलका तिवारी ने अधिकारियों को निर्देश दिया कि इस समस्या के समाधान के लिए जिलास्तरीय समितियों का जल्द गठन किया जाए। इन समितियों के नेतृत्व की जिम्मेदारी उपायुक्तों को दी जाएगी ताकि स्थानीय स्तर पर ट्रांसजेंडर्स तक योजनाओं का लाभ पहुंचाना आसान हो सके।
ट्रांसजेंडर सपोर्ट यूनिट का होगा गठन
बैठक में यह भी निर्णय हुआ कि झारखंड ट्रांसजेंडर कल्याण बोर्ड की ओर से एक ट्रांसजेंडर सपोर्ट यूनिट बनाई जाएगी। यह यूनिट ट्रांसजेंडर्स से जुड़े सभी मुद्दों को देखेगी, उनकी समस्याओं का समाधान करेगी और योजनाओं को प्रभावी तरीके से लागू करने के लिए सरकार को अपनी अनुशंसाएं भेजेगी।

ट्रांसजेंडर सपोर्ट यूनिट का मकसद होगा कि राज्यभर में रहने वाले किन्नरों की आवाज सीधे सरकार तक पहुंचे और उन्हें किसी भी प्रकार के भेदभाव से बचाने के लिए ठोस कदम उठाए जा सकें।

2011 की जनगणना में झारखंड के 13,463 ट्रांसजेंडर
2011 की जनगणना के मुताबिक, पूरे देश में ट्रांसजेंडर्स की संख्या 4,87,803 थी। इनमें से झारखंड में 13,463 ट्रांसजेंडर दर्ज किए गए थे। हालांकि, सामाजिक हिचक और पहचान छिपाने की वजह से वास्तविक संख्या इससे कहीं अधिक मानी जाती है। यही वजह है कि सरकार ने अब ताजा सर्वे कराने का निर्णय लिया है।
योजनाओं से जुड़ेंगे ट्रांसजेंडर
बैठक में यह तय किया गया कि झारखंड में रहने वाले ट्रांसजेंडर्स को निम्नलिखित योजनाओं और सुविधाओं से जोड़ा जाएगा:
- पेंशन योजना का लाभ
- आयुष्मान भारत कार्ड के जरिए मुफ्त इलाज
- शिक्षा और रोजगार में आरक्षण
- गरिमा गृह का निर्माण
- भेदभाव के खिलाफ कानूनी संरक्षण
इन योजनाओं का लाभ मिलने से झारखंड में रहने वाले किन्नरों का जीवन स्तर बेहतर होगा और उन्हें समाज की मुख्यधारा से जोड़ने में मदद मिलेगी।
बैठक में मौजूद अधिकारी
मुख्य सचिव अलका तिवारी की अध्यक्षता में आयोजित बैठक में गृह सचिव वंदना दादेल, समाज कल्याण, महिला एवं बाल विकास सचिव मनोज कुमार, वित्त सचिव प्रशांत कुमार, ग्रामीण विकास सचिव के. श्रीनिवासन समेत कई वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे। सभी अधिकारियों ने ट्रांसजेंडर्स के उत्थान के लिए समन्वित प्रयास करने का भरोसा दिया।
समान अधिकारों की दिशा में बड़ा कदम
झारखंड सरकार का यह फैसला न केवल किन्नरों के जीवन में बदलाव लाने वाला है, बल्कि सामाजिक समानता की दिशा में भी एक अहम कदम है। लंबे समय से हाशिए पर रह रहे इस वर्ग को अब सरकारी योजनाओं का सीधा लाभ मिलेगा। इससे उनकी शिक्षा, स्वास्थ्य और रोजगार से जुड़ी स्थिति में सुधार आएगा।