झारखंड में इको टूरिज्म के विकास के लिए एक व्यापक और प्रभावी कार्य योजना बनाए अधिकारी: हेमंत सोरेन
रांची: मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन ने झारखंड में इको टूरिज्म के विकास के लिए एक व्यापक और प्रभावी कार्य योजना बनाने का निर्देश अधिकारियों को दिया है। उन्होंने राज्य की प्राकृतिक संपदाओं और पर्यटन की संभावनाओं को ध्यान में रखते हुए कहा कि झारखंड में इको टूरिज्म को बढ़ावा देने की अपार संभावनाएं हैं।
मुख्यमंत्री के प्रमुख निर्देश:
- स्थानीय रोजगार:
इको टूरिज्म को इस प्रकार विकसित किया जाए, जिससे स्थानीय लोगों को रोजगार के अवसर मिलें और उनके जीवन स्तर में सुधार हो। - प्राकृतिक संरक्षण:
विकास की प्रक्रिया में प्रकृति और पर्यावरण का विशेष ध्यान रखा जाए ताकि प्राकृतिक धरोहरों का संरक्षण किया जा सके। - स्थानों का चिन्हांकन:
वन पर्यावरण और पर्यटन विभाग मिलकर झारखंड के ऐसे स्थानों की पहचान करें जहां इको टूरिज्म को प्रभावी रूप से विकसित किया जा सकता है। - अन्य मॉडल का अध्ययन:
देश और विदेश में सफल इको टूरिज्म मॉडल का अध्ययन कर झारखंड में उनका अनुकरण किया जाए। - वैश्विक पहचान:
झारखंड को अंतरराष्ट्रीय पर्यटन मानचित्र पर स्थापित करने के लिए योजनाएं तैयार की जाएं।
पर्यटन और रोजगार पर प्रभाव:
इको टूरिज्म से राज्य के ग्रामीण क्षेत्रों में आर्थिक गतिविधियों को बढ़ावा मिलेगा।
झारखंड की पहचान: प्राकृतिक सुंदरता को संरक्षित रखते हुए इसे देश और दुनिया के सामने एक प्रमुख पर्यटन स्थल के रूप में प्रस्तुत किया जाएगा।
सरकार ने झारखंड में अंतरराष्ट्रीय स्तर के इको टूरिज्म केंद्र स्थापित करने का लक्ष्य रखा है। इसके तहत, वन पर्यावरण और पर्यटन विभाग के बीच बेहतर समन्वय सुनिश्चित किया जाएगा। इस पहल से झारखंड की प्राकृतिक धरोहरों का संरक्षण और राज्य में पर्यटन उद्योग का विकास सुनिश्चित होगा।