ऑपरेशन सिंदूर के बाद पंजाब हाई अलर्ट पर, अमृतसर में देर रात धमाके, सीमावर्ती इलाकों में दहशत और पलायन शुरू

अमृतसर: भारत द्वारा ऑपरेशन सिंदूर के तहत की गई जवाबी सैन्य कार्रवाई के बाद पाकिस्तान के साथ लगती अंतरराष्ट्रीय सीमा पर तनाव चरम पर है। इसके चलते पंजाब के सरहदी जिलों में सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी गई है, वहीं आम जनजीवन पर इसका गहरा असर दिखने लगा है।

अमृतसर में आधी रात को तीन धमाके, जिला प्रशासन सतर्क
बुधवार की देर रात करीब पौने दो बजे अमृतसर में तीन अलग-अलग स्थानों पर धमाकों की आवाज सुनी गई, जिससे स्थानीय लोगों में दहशत फैल गई। जैसे ही धमाकों की सूचना मिली, प्रशासन और पुलिस ने तत्परता दिखाते हुए पूरे जिले में ब्लैक आउट (बिजली बंद) करवा दिया।

सुरक्षा के लिहाज से श्री गुरु रामदास इंटरनेशनल एयरपोर्ट को भी खाली करवा कर ब्लैक आउट किया गया। प्रशासनिक अधिकारियों की ओर से लगातार लाउडस्पीकर और सोशल मीडिया के माध्यम से जनता से शांति बनाए रखने की अपील की गई।
सीमावर्ती गांवों में भय का माहौल, कई इलाकों से शुरू हुआ पलायन


फाजिल्का, मानसा और अमृतसर जिले के कई गांवों में स्थिति तनावपूर्ण बनी हुई है। सीमावर्ती गांव मुहार जमशेर, मनसा, और अन्य क्षेत्रों के लोग अपनी सुरक्षा को प्राथमिकता देते हुए घर छोड़ने लगे हैं।
ग्रामीण परिवार ट्रैक्टर-ट्रॉलियों में आवश्यक वस्तुएं और पशुधन लेकर गांव से बाहर सुरक्षित स्थानों की ओर रवाना हो रहे हैं। हालांकि जिला प्रशासन ने गांव खाली करने का कोई आधिकारिक आदेश नहीं दिया है, लेकिन लोग स्वप्रेरणा से एहतियातन कदम उठा रहे हैं।
स्कूल बंद, प्रशासन अलर्ट मोड पर
सीमावर्ती जिलों में आज सभी शैक्षणिक संस्थान बंद रखे गए हैं। सुरक्षा बलों की तैनाती बढ़ा दी गई है और हर गतिविधि पर ड्रोन व सीसीटीवी के माध्यम से नजर रखी जा रही है।
पुलिस, बीएसएफ और खुफिया एजेंसियां पूरी तरह अलर्ट मोड पर हैं, और किसी भी संदिग्ध गतिविधि की जानकारी तत्काल साझा करने की अपील की गई है।
राष्ट्रीय सुरक्षा बनाम जन-सामान्य की चिंता
भारत द्वारा पाकिस्तान को दी गई सैन्य चुनौती के बाद सीमा से लगे राज्यों में चिंता और राष्ट्रभक्ति दोनों का माहौल बन गया है। एक ओर जहां नागरिकों में सेना के प्रति गर्व की भावना है, वहीं दूसरी ओर रोजमर्रा की सुरक्षा और भविष्य को लेकर अनिश्चितता भी गहराने लगी है।
सरकार और सुरक्षा बलों के सामने अब दोहरी चुनौती है – सीमा की रक्षा के साथ नागरिकों की मानसिक सुरक्षा और सामान्य जीवन को भी सुनिश्चित करना।