बिहार में अपराध बनाम सियासत: पप्पू यादव के आरोपों पर मंत्री जनक राम का करारा जवाब

गोपलगंज,15 जून 2025: बिहार में एक बार फिर अपराध को लेकर सियासत तेज़ हो गई है। पूर्णिया से सांसद पप्पू यादव ने राज्य में बढ़ते अपराध पर नीतीश सरकार पर जोरदार हमला बोला है। उन्होंने दावा किया कि सिर्फ दो दिनों में 19 हत्याएं हुई हैं और अब बिहार में अपराध अपवाद नहीं, बल्कि “संस्कार” बन चुका है।

पप्पू यादव ने सरकार की तुलना “जंगलराज” से करते हुए कहा —
“अब बिहार महा रावणराज बन गया है।”

उनके इस बयान ने राजनीतिक भूचाल ला दिया है, जिस पर राज्य सरकार के अनुसूचित जाति-जनजाति कल्याण मंत्री और भाजपा विधान परिषद सदस्य जनक राम ने तीखी प्रतिक्रिया दी है।
मंत्री जनक राम का तीखा पलटवार: “तेजस्वी और पप्पू को नहीं है नैतिक अधिकार”



जनक राम ने कहा कि नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव को अपराध पर बोलने का कोई नैतिक अधिकार नहीं है। उन्होंने कटाक्ष करते हुए कहा कि तेजस्वी उसी अपराध में जन्मे हैं। लालू यादव के राज में जी. कृष्णैया जैसे IAS अफसर को सड़क पर दौड़ा कर मारा गया। बीबी विश्वास, चंपा विश्वास, यूएन विश्वास जैसे अधिकारियों के परिवारों पर महीने भर अत्याचार हुए। तेजस्वी कभी इन पर बोले?
उन्होंने आगे कहा कि लालू यादव के शासन में खुद उन्होंने देखा कि कैसे अधिकारियों का अपमान हुआ और अपराधियों को संरक्षण मिला। मंत्री ने यह भी जोड़ा कि उस दौर में अपराधियों को खुला संरक्षण मिलता था। क्या वो समय अपराध का चरम नहीं था?
पप्पू यादव पर भी बरसे जनक राम
मंत्री जनक राम ने सांसद पप्पू यादव पर भी जमकर निशाना साधते हुए कहा कि जिन पर खुद हत्या, भ्रष्टाचार और संगीन अपराध के आरोप हैं, वे नैतिकता की बातें कर रहे हैं? यह हास्यास्पद है। जेल से बाहर आने के बाद पप्पू यादव जनता को गुमराह करने का प्रयास कर रहे हैं, लेकिन अब जनता सच्चाई जानती है।”
“बिहार में अब सुशासन का राज है” — मंत्री जनक राम
जनक राम ने कहा कि बिहार में एनडीए सरकार ने कानून का राज स्थापित किया है। उन्होंने दावा किया कि आज करोड़ों लोगों की आस्था नीतीश कुमार के नेतृत्व वाले सुशासन में है।जनता अब भावनाओं में नहीं, विकास की सच्चाई में विश्वास करती है। पप्पू यादव जी, जनता आपके झूठे प्रचार में नहीं आने वाली।
जनता तय करेगी: अपराध का संस्कार या विपक्ष का प्रचार?
एक तरफ पप्पू यादव बिहार को “अपराध का संस्कारी प्रदेश” बता रहे हैं, वहीं भाजपा के मंत्री जनक राम विपक्ष को ही “अपराध का जनक” करार दे रहे हैं।
अब सवाल यह है कि बिहार की जनता किस पर विश्वास करेगी — आरोपों के शब्दों पर या विकास के आंकड़ों पर?
बिहार में अपराध अब सिर्फ कानून व्यवस्था का मुद्दा नहीं रहा, यह अब सियासत का भी मुख्य हथियार बन चुका है। आने वाले दिनों में इस मुद्दे पर और राजनीतिक बयानबाज़ी देखने को मिल सकती है।