हेमंत सोरेन: झारखंड के पहले नेता, जिन्होंने लगातार दूसरी बार मुख्यमंत्री बनने का खिताब अपने नाम किया
रांची से अमित : झारखंड में 2024 के विधानसभा चुनावों के बाद मुख्यमंत्री पद पर हेमंत सोरेन ने एक नया अध्याय लिखा। वे राज्य के पहले ऐसे मुख्यमंत्री बन गए हैं, जिन्होंने लगातार दूसरी बार यह पद संभाला। रांची के मोरहाबादी मैदान में आयोजित भव्य शपथग्रहण समारोह में राज्यपाल संतोष गंगवार ने उन्हें मुख्यमंत्री पद और गोपनीयता की शपथ दिलाई।
झारखंड के राजनीतिक इतिहास में पहली बार
हेमंत सोरेन ने यह उपलब्धि हासिल कर झारखंड के राजनीतिक इतिहास में अपना नाम स्वर्ण अक्षरों में दर्ज किया। झारखंड, जो 15 नवंबर 2000 को बिहार से अलग होकर एक स्वतंत्र राज्य के रूप में अस्तित्व में आया, उसमें किसी भी मुख्यमंत्री को लगातार दूसरी बार पद पर बने रहने का मौका नहीं मिला। हेमंत सोरेन ने इस रिकॉर्ड को तोड़कर राज्य की जनता का दिल जीत लिया।
हेमंत सोरेन का चौथा कार्यकाल
यह हेमंत सोरेन का मुख्यमंत्री के रूप में चौथा कार्यकाल है। उन्होंने इससे पहले 2013-14, 2019-2024 और अब 2024-29 तक के लिए मुख्यमंत्री पद संभाला। झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) और महागठबंधन के नेतृत्व में उन्होंने 2024 के चुनावों में एक शानदार जीत दर्ज की। यह उनके राजनीतिक करियर और झारखंड मुक्ति मोर्चा के लिए एक बड़ी उपलब्धि है।
शपथग्रहण समारोह का भव्य आयोजन
रांची के मोरहाबादी मैदान में आयोजित शपथग्रहण समारोह में देशभर से दिग्गज नेता शामिल हुए। इस कार्यक्रम में विपक्षी दलों के इंडिया गठबंधन के तमाम बड़े नेता भी पहुंचे।
शपथ ग्रहण में शामिल नेताओं की सूची:
मल्लिकार्जुन खड़गे (कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष)
राहुल गांधी (लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष)
ममता बनर्जी (पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री)
अखिलेश यादव (सपा अध्यक्ष)
तेजस्वी यादव (बिहार के नेता प्रतिपक्ष)
डीके शिवकुमार (कर्नाटक के डिप्टी सीएम)
उदयनिधि स्टालिन (तमिलनाडु के डिप्टी सीएम)
अरविंद केजरीवाल (दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री)
तारिक अनवर (कांग्रेस नेता)
पप्पू यादव (सांसद)
पिता शिबू सोरेन से लिया आशीर्वाद
शपथ लेने से पहले हेमंत सोरेन अपने पिता और झारखंड मुक्ति मोर्चा के संस्थापक, दिशोम गुरु शिबू सोरेन के आवास पर पहुंचे। वहां उन्होंने अपने पिता का आशीर्वाद लिया और उनका मार्गदर्शन मांगा।
झारखंड के मुख्यमंत्री पद का सफर
झारखंड की राजनीति में हेमंत सोरेन का सफर प्रेरणादायक रहा है। उन्होंने न केवल अपने पिता शिबू सोरेन की विरासत को आगे बढ़ाया, बल्कि झारखंड मुक्ति मोर्चा को एक मजबूत और स्थिर राजनीतिक दल के रूप में स्थापित किया।
हेमंत सोरेन का विजन
हेमंत सोरेन ने अपने चौथे कार्यकाल की शुरुआत राज्य के विकास और जनता की भलाई के वादों के साथ की। उन्होंने शिक्षा, स्वास्थ्य, रोजगार, और आदिवासी अधिकारों के संरक्षण को प्राथमिकता देने की बात कही। इसके अलावा, उन्होंने झारखंड को एक प्रगतिशील राज्य बनाने का लक्ष्य रखा है।
झारखंड के अब तक के मुख्यमंत्री
बाबूलाल मरांडी (पहले मुख्यमंत्री)
अर्जुन मुंडा (तीन बार)
शिबू सोरेन (तीन बार)
मधु कोड़ा (एक बार)
रघुवर दास (एक बार)
चंपई सोरेन (एक बार)
हेमंत सोरेन (चार बार)
झारखंड के राजनीतिक भविष्य की उम्मीदें
हेमंत सोरेन के लगातार दूसरी बार मुख्यमंत्री बनने से राज्य में राजनीतिक स्थिरता और विकास की उम्मीदें बढ़ी हैं। उन्होंने झारखंड के लोगों को यह भरोसा दिलाया है कि उनकी सरकार राज्य के विकास और जनता की भलाई के लिए निरंतर प्रयासरत रहेगी।
उनका चौथा कार्यकाल न केवल झारखंड के लिए एक नई दिशा का संकेत है, बल्कि यह राज्य के लिए आर्थिक, सामाजिक, और सांस्कृतिक सुधारों का आधार भी बनेगा।