रामगढ़ सदर अस्पताल में मानवता शर्मसार: जगह नहीं मिलने से महिला ने जमीन पर दिया बच्चे को जन्म

रामगढ़ , 25 अप्रैल 2025: रामगढ़ जिले के सबसे बड़े सरकारी अस्पताल रामगढ़ सदर अस्पताल में मानवता को शर्मसार करने वाली घटना सामने आई है। यहां अस्पताल प्रशासन की गंभीर लापरवाही के कारण एक गर्भवती महिला ने जमीन पर ही बच्चे को जन्म दिया। यह घटना न केवल स्वास्थ्य विभाग की तैयारियों पर सवाल खड़े करती है, बल्कि सरकारी अस्पतालों की बदहाल व्यवस्था की एक दर्दनाक तस्वीर भी पेश करती है।

क्या है पूरा मामला?
जानकारी के मुताबिक, चैनगढ़ा निवासी हरीलाल महतो अपनी पत्नी रूना देवी को डिलीवरी के लिए रामगढ़ सदर अस्पताल लेकर पहुंचे थे। लेकिन अस्पताल में डिलीवरी रूम में जगह की कमी के कारण उन्हें बाहर बरामदे में बैठा दिया गया। इसी दौरान रूना देवी की तबीयत अचानक बिगड़ गई। पति ने कई बार अस्पताल की नर्सों को स्थिति से अवगत कराया, लेकिन नर्सों और स्टाफ की लापरवाही के कारण समय पर कोई मदद नहीं मिली। परिणामस्वरूप, महिला ने अस्पताल के बरामदे की जमीन पर ही बच्चे को जन्म दिया। स्थानीय सूत्रों के अनुसार, अस्पताल में केवल तीन डिलीवरी बेड हैं, जिसके चलते रोजाना मरीजों की लंबी कतारें लगती हैं। अस्पताल प्रशासन की इस कुव्यवस्था ने एक बार फिर राज्य के स्वास्थ्य तंत्र की पोल खोल कर रख दी है।

घटना के बाद हड़कंप, विधायक और सांसद प्रतिनिधि पहुंचे अस्पताल
घटना की जानकारी मिलने के बाद रामगढ़ विधायक ममता देवी और जिला सांसद प्रतिनिधि राजीव जयसवाल अस्पताल पहुंचे। उन्होंने अस्पताल कर्मियों को जमकर फटकार लगाई और महिला तथा नवजात की स्थिति की जानकारी ली। विधायक ममता देवी ने कहा, “यह बेहद दुर्भाग्यपूर्ण और अमानवीय घटना है। अस्पताल में इतनी अव्यवस्था क्यों है? इसकी जांच होनी चाहिए और दोषी कर्मचारियों पर कार्रवाई की जानी चाहिए।”


प्रशासन की चुप्पी और जनता में आक्रोश
इस शर्मनाक घटना के बाद इलाके में जनता में आक्रोश है। लोग यह सवाल उठा रहे हैं कि जब जिला अस्पतालों की यह स्थिति है, तो ग्रामीण क्षेत्रों की स्थिति का अंदाज़ा लगाना मुश्किल नहीं है।
Munadi Live यह मांग करता है कि राज्य सरकार को इस घटना को गंभीरता से लेकर अस्पताल प्रशासन की जवाबदेही तय करनी चाहिए। साथ ही रामगढ़ सदर अस्पताल में डिलीवरी बेड और स्टाफ की संख्या बढ़ाई जाए ताकि भविष्य में किसी अन्य महिला को इस तरह की जिल्लत का सामना न करना पड़े।
रामगढ से मुकेश सिंह की रिपोर्ट