रिक्त पदों पर लापरवाही पर विभाग का सख्त रुख, JSLPS को निर्देश – पलाश उत्पादों के प्रचार-प्रसार की तैयारी हुई तेज

ग्रामीण विकास मंत्री ने जताई नाराज़गी, मानव संसाधन प्रभारी पर कार्रवाई के आदेश
रांची, 31 मई 2025 | मुनादी लाइव ब्यूरो: झारखंड में ग्रामीण विकास से जुड़े कार्यों की रफ्तार और प्रभावशीलता को सुनिश्चित करने के लिए ग्रामीण विकास विभाग ने अब सख्त रवैया अपनाया है। झारखंड स्टेट लाइवलीहुड प्रमोशन सोसाइटी (JSLPS) की कार्यप्रणाली की गहन समीक्षा के दौरान विभागीय मंत्री ने रिक्त पदों पर नियुक्ति प्रक्रिया में हो रही देरी पर गंभीर असंतोष जताया।

लापरवाही पर तुरंत कार्रवाई
बैठक में खुलासा हुआ कि स्वीकृत कार्यबल के सापेक्ष कई पद लंबे समय से रिक्त हैं, और नियुक्ति प्रक्रिया में अनावश्यक विलंब हो रहा है। इसपर मंत्री ने संबंधित मानव संसाधन प्रभारी के विरुद्ध अनुशासनात्मक कार्रवाई का निर्देश दिया है। यह भी स्पष्ट किया गया कि कार्य में लापरवाही बरतने वाले कर्मचारी को तत्काल नियुक्ति संबंधी कार्यों से मुक्त कर दिया गया है।

मंत्री ने दो टूक शब्दों में कहा:
“ग्रामीण आजीविका मिशन राज्य सरकार की प्राथमिकता है। इसमें किसी भी स्तर पर शिथिलता अब स्वीकार नहीं की जाएगी। नियुक्तियों में पारदर्शिता, त्वरित प्रक्रिया और समयबद्धता जरूरी है।”


‘पलाश’ उत्पादों को जन-जन तक पहुंचाने की योजना में तेजी
बैठक के दूसरे अहम बिंदु के तहत ‘पलाश’ ब्रांड के तहत स्वयं सहायता समूहों द्वारा उत्पादित वस्तुओं को राज्यभर में प्रचारित-प्रसारित करने की नई रणनीति पर चर्चा हुई।
मंत्री ने गोड्डा स्थित झार क्राफ्ट सेंटर को JSLPS के माध्यम से सक्रिय रूप से उपयोग में लाने का निर्देश दिया, जिससे जिले के उत्पादकों को नया मंच और बाजार उपलब्ध हो सके।
इसके अतिरिक्त निर्णय लिया गया कि हर जिले में पलाश आउटलेट का भौतिक निरीक्षण स्वयं मंत्री करेंगे। प्रत्येक जिले में एक चयनित स्थल पर निरीक्षण की रूपरेखा तैयार की जा रही है। उत्पादों की बिक्री, गुणवत्ता और पहुंच के संबंध में जमीनी रिपोर्ट के आधार पर आगे की रणनीति तय की जाएगी।
महिला उद्यमिता और SHG सशक्तिकरण को मिलेगी रफ्तार
ग्रामीण विकास विभाग ने स्पष्ट किया कि महिला स्वयं सहायता समूहों के आर्थिक सशक्तिकरण, उद्यमिता विकास और उत्पाद बाजार-लिंकिंग को सर्वोच्च प्राथमिकता दी जाएगी। विभागीय मंत्री ने दोहराया:
“ग्रामीण अर्थव्यवस्था की रीढ़ बन चुकीं महिलाएं अब केवल सहायता समूह की सदस्य नहीं, बल्कि आत्मनिर्भर झारखंड की निर्माता हैं। इनके लिए हम हर संसाधन और अवसर उपलब्ध कराएंगे।”
ग्रामीण आजीविका और महिला उद्यमिता के मोर्चे पर JSLPS की भूमिका केंद्रीय है। लेकिन नियुक्तियों में लापरवाही और संसाधनों के प्रयोग में सुस्ती, मिशन के उद्देश्य को बाधित कर सकती है। विभाग का यह सख्त रुख इस बात का संकेत है कि अब विकास योजनाओं की ज़मीनी प्रगति के प्रति सरकार कोई समझौता नहीं करेगी।