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विश्व मलेरिया दिवस पर झारखंड सहित पूरे राज्य में चला विशेष जन-जागरूकता अभियान

विश्व मलेरिया दिवस 2025
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रांची, 25 अप्रैल 2025: विश्व मलेरिया दिवस के अवसर पर आज झारखंड सहित पूरे देश में मलेरिया उन्मूलन और जन-जागरूकता के उद्देश्य से विभिन्न कार्यक्रम आयोजित किए गए। “Malaria Ends With Us: Reinvest, Reimagine, Reignite” थीम पर आधारित इस वर्ष का अभियान न सिर्फ स्वास्थ्य कर्मियों के योगदान को रेखांकित करता है, बल्कि आमजन को मलेरिया के प्रति सचेत और सजग रहने का संदेश भी देता है।

Maa RamPyari Hospital

राज्य भर में व्यापक अभियान, ग्रामों से लेकर शहरों तक जागरूकता फैलाई गई

झारखंड के शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में आज प्रभात फेरियाँ, रैलियाँ, ग्राम सभाएँ और विद्यालयीय गतिविधियाँ आयोजित की गईं। स्वास्थ्य विभाग द्वारा होडिंग्स, बैनर, फ्लैक्स, दीवार लेखन, स्कूल क्विज, चित्रकला प्रतियोगिताएं और जागरूकता रथ के ज़रिए आमजन को मलेरिया से बचाव के उपाय बताए गए।

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स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं, सहियाओं और आशा कर्मियों को प्रशिक्षित किया गया, ताकि वे समुदाय स्तर पर लोगों को मलेरिया के लक्षण, बचाव और इलाज के बारे में जानकारी दे सकें।

मीडिया की भागीदारी को मजबूत बनाने के लिए सभी जिलों में मीडिया वर्कशॉप आयोजित की गईं, जिससे अभियान को अधिक प्रभावी और व्यापक स्तर पर पहुँचाया जा सके।

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स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं का सम्मान और पुरस्कार

अभियान के तहत मलेरिया नियंत्रण में उत्कृष्ट कार्य करने वाले स्वास्थ्यकर्मियों को ज़िला स्तर पर सम्मानित कर प्रोत्साहित किया गया। इससे ना केवल स्वास्थ्य कर्मचारियों का मनोबल बढ़ा, बल्कि अन्य कर्मियों के लिए भी यह एक प्रेरणा बनी।

राष्ट्रीय सेमिनार में झारखंड की भागीदारी

इस अवसर पर राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में दो दिवसीय सेमिनार का आयोजन किया गया, जिसमें झारखंड के मलेरिया प्रभावित जिलों के प्रतिनिधियों ने भाग लिया। सेमिनार का उद्देश्य नवाचार, सहयोग और कार्रवाई की रणनीतियाँ साझा करना था, जिससे देशभर में मलेरिया उन्मूलन के लक्ष्य को शीघ्र पूरा किया जा सके।

मलेरिया नियंत्रण में झारखंड की सफलता

स्वास्थ्य विभाग के अनुसार, झारखंड में मलेरिया रोगियों की संख्या में निरंतर कमी दर्ज की जा रही है।

•2023 में पी.एफ. प्रकार के मलेरिया रोगी 85.05% थे,

•जबकि 2024 में यह घटकर 82.68% हो गया।

•वर्ष 2023 में मलेरिया से दो मौतें हुई थीं,

•जबकि 2024 में कोई मृत्यु दर्ज नहीं की गई।

इस उपलब्धि ने राज्य सरकार और स्वास्थ्य विभाग के प्रयासों को मजबूती दी है और यह संकेत है कि झारखंड मलेरिया मुक्त राज्य की ओर तेज़ी से अग्रसर है।

जनजागरूकता के मुख्य संदेश

•बुखार या मलेरिया के लक्षण दिखें तो निकटतम सरकारी अस्पताल में निःशुल्क जाँच एवं इलाज कराएं।

•पूरा इलाज जरूरी है, दवा बीच में न छोड़ें।

•मच्छरों से बचाव हेतु मच्छरदानी, स्वच्छता और जल-जमाव से बचाव के उपाय अपनाएँ।

“सावधानी ही सुरक्षा है” – यही इस अभियान का मूल मंत्र है।

झारखंड के प्रयास मलेरिया मुक्त भारत की दिशा में एक मजबूत कदम हैं। अगर आप भी मलेरिया के खिलाफ इस लड़ाई में शामिल होना चाहते हैं, तो आज ही अपने घर और आसपास साफ-सफाई करें, मच्छरों को पनपने से रोकें, और दूसरों को भी इसके लिए प्रेरित करें।

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