NSA Board Reconstituted: रॉ के पूर्व प्रमुख आलोक जोशी बने अध्यक्ष, पहलगाम हमले के बाद केंद्र ने उठाया बड़ा कदम

NSAB 2025
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नई दिल्ली, डेस्क रिपोर्ट:
जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद केंद्र सरकार ने राष्ट्रीय सुरक्षा रणनीति को लेकर कई महत्वपूर्ण फैसले लिए हैं। इसी कड़ी में राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार बोर्ड (National Security Advisory Board – NSAB) का पुनर्गठन कर दिया गया है। सरकार ने सुरक्षा, कूटनीति और सैन्य विशेषज्ञता के मिश्रण के साथ सात सदस्यों वाला नया बोर्ड घोषित किया है।

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पूर्व रॉ प्रमुख आलोक जोशी बनाए गए अध्यक्ष

केंद्र सरकार ने राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार बोर्ड के नए अध्यक्ष के रूप में भारत की गुप्तचर एजेंसी रॉ (RAW) के पूर्व प्रमुख आलोक जोशी को नियुक्त किया है। जोशी एक अनुभवी खुफिया अधिकारी हैं और उनकी नियुक्ति को भारत की सुरक्षा नीति में रणनीतिक मजबूती के रूप में देखा जा रहा है।

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तीनों सेनाओं से सेवानिवृत्त अधिकारी शामिल

बोर्ड में सेना, नौसेना और वायुसेना के पूर्व वरिष्ठ अधिकारी भी शामिल किए गए हैं:

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•एयर मार्शल पीएम सिन्हा (पूर्व पश्चिमी एयर कमांडर)
•लेफ्टिनेंट जनरल एके सिंह (पूर्व दक्षिणी सेना कमांडर)
•रियर एडमिरल मोंटी खन्ना (नौसेना)

अन्य प्रमुख सदस्य:

•राजीव रंजन वर्मा – सेवानिवृत्त आईपीएस अधिकारी
•मनमोहन सिंह – सेवानिवृत्त आईपीएस अधिकारी
•बी. वेंकटेश वर्मा – पूर्व वरिष्ठ राजनयिक एवं आईएफएस अधिकारी

बोर्ड का उद्देश्य और भूमिका:

राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार बोर्ड का गठन केंद्र सरकार को सुरक्षा नीतियों पर रणनीतिक सलाह देने के लिए किया जाता है। यह बोर्ड विदेश नीति, सैन्य रणनीति, आतंकवाद से निपटने, साइबर सुरक्षा और भू-राजनीतिक बदलावों को ध्यान में रखकर नीतिगत सुझाव तैयार करता है।

पहलगाम आतंकी हमले के बाद समयबद्ध कदम

इस पुनर्गठन को हालिया पहलगाम आतंकी हमले के बाद राष्ट्रीय सुरक्षा ढांचे को और मजबूत करने की दिशा में सरकार की तेज़ कार्रवाई के रूप में देखा जा रहा है। सरकार स्पष्ट संदेश देना चाहती है कि वह किसी भी सुरक्षा चुनौती से निपटने के लिए तैयार है।

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