पाकुड़ में लचर बिजली व्यवस्था पर उपायुक्त मनीष कुमार सख्त, AE और JE का वेतन रोका गया

ऊर्जा मेला और सौर योजनाओं को लेकर सख्त निर्देश
रिपोर्ट , सुमित भगत, पाकुड़ : झारखंड के पाकुड़ जिले में बिजली की लचर व्यवस्था और बार-बार हो रही बिजली कटौती पर उपायुक्त मनीष कुमार ने बड़ा कदम उठाते हुए कड़ा संदेश दिया है। जिला प्रशासन की समीक्षा बैठक के दौरान उपायुक्त ने संबंधित क्षेत्र के सहायक अभियंता (AE) और कनिष्ठ अभियंता (JE) के वेतन पर तत्काल प्रभाव से रोक लगाने का निर्देश दिया।

बैठक में विद्युत आपूर्ति, संचरण, विद्युतीकरण कार्यों के अलावा मुख्यमंत्री झारखंड उज्जवल योजना (MJUY) और प्रधानमंत्री सूर्य घर योजना के क्रियान्वयन की समीक्षा की गई। उपायुक्त ने विद्युत विभाग के कार्यपालक अभियंता को स्पष्ट निर्देश दिया कि जिले के बचे हुए हर घर तक 100% बिजली कनेक्शन सुनिश्चित किया जाए।

सौर ऊर्जा को बढ़ावा देने के निर्देश
प्रधानमंत्री सूर्य घर योजना के अंतर्गत पाकुड़ शहरी उप-मंडल में 60, ग्रामीण उप-मंडल में 40, और अमड़ापाड़ा उप-मंडल में 20 कनेक्शन इस माह के भीतर सुनिश्चित करने के सख्त आदेश दिए गए हैं। उपायुक्त ने स्कूलों, अस्पतालों, नर्सिंग होम, पेट्रोल पंपों और होटलों में भी सौर पैनल स्थापना को प्राथमिकता देने की बात कही।
ऊर्जा मेले का आयोजन: 2 से 7 अगस्त
बैठक में यह निर्णय लिया गया कि जिले में 2 अगस्त से 7 अगस्त तक प्रखंडवार ऊर्जा मेले आयोजित किए जाएंगे। इस दौरान पंचायत स्तर पर भी मेला लगाया जाएगा। उपायुक्त ने स्पष्ट किया कि इन मेलों में निम्नलिखित गतिविधियाँ सुनिश्चित रूप से होनी चाहिए:
- नए बिजली कनेक्शन का वितरण
- उपभोक्ता शिकायत निवारण केंद्र की व्यवस्था
- ऑन-साइट बिलिंग और बिल संग्रह व्यवस्था
- स्मार्ट मीटर की स्थापना प्रक्रिया
- सौर ऊर्जा और ऊर्जा संरक्षण पर जागरूकता अभियान
- जिला प्रशासन ने इन मेलों को विद्युत जागरूकता और सेवा सुधार का ठोस अवसर बताया है।
शाम में बंद रहेंगी औद्योगिक इकाइयाँ
जिले में गहराते बिजली संकट के बीच डीसी ने आदेश दिया है कि जब तक बिजली आपूर्ति सामान्य नहीं होती, शाम के समय सभी औद्योगिक इकाइयाँ बंद रहेंगी, ताकि घरेलू उपभोक्ताओं को राहत मिल सके। यह निर्देश सभी क्षेत्रीय अधिकारियों को अनुपालन हेतु भेजा गया है।

ओवरलोडिंग रोकने को लेकर उपभोक्ताओं से अपील
अधीक्षण अभियंता ने अपील की है कि उपभोक्ता अपनी वास्तविक जरूरत के अनुसार ही बिजली कनेक्शन लें। उन्होंने उदाहरण देते हुए बताया कि अगर किसी को 5 किलोवाट की जरूरत है लेकिन वह सिर्फ 2 किलोवाट का कनेक्शन लेता है, तो इससे ओवरलोडिंग की समस्या उत्पन्न होती है, जिससे ट्रांसफॉर्मर बार-बार जलते हैं और पूरे क्षेत्र में अघोषित कटौती करनी पड़ती है।

DC की नाराजगी और जिम्मेदारों को चेतावनी
बैठक के दौरान उपायुक्त मनीष कुमार ने नाराजगी जताते हुए कहा कि बार-बार शिकायतों के बावजूद बिजली की स्थिति में कोई ठोस सुधार नहीं हो रहा है। उन्होंने AE और JE को चेतावनी दी कि यदि अगली समीक्षा बैठक तक सुधार नहीं दिखा तो विभागीय कार्रवाई की जाएगी।
पाकुड़ में बिजली संकट ने आमजन की दिनचर्या को बुरी तरह प्रभावित किया है। ऐसे में उपायुक्त मनीष कुमार की सख्ती और योजनागत हस्तक्षेप निश्चित तौर पर बिजली व्यवस्था को सुधारने की दिशा में एक अहम कदम है। आने वाले दिनों में ऊर्जा मेला, सौर पैनल योजना, और उज्जवल योजना जैसी पहलें जिले को ऊर्जा आत्मनिर्भरता की ओर ले जा सकती हैं। जिला प्रशासन के कड़े रुख से अब यह देखना दिलचस्प होगा कि विद्युत विभाग समय रहते अपनी व्यवस्था को दुरुस्त कर पाता है या नहीं।