पप्पू यादव को Z+ सुरक्षा दिलाने के लिए रची गई साजिश, बिहार पुलिस का बड़ा खुलासा
पटना: बिहार के पूर्व सांसद पप्पू यादव को जान से मारने की धमकी देने का मामला पूरी तरह से साजिश निकला। बिहार पुलिस ने खुलासा किया है कि यह धमकी लॉरेंस बिश्नोई गैंग से नहीं, बल्कि उनके करीबी सहयोगियों द्वारा रची गई एक सोची-समझी योजना का हिस्सा थी। इस साजिश का मुख्य उद्देश्य सांसद को Z+ सुरक्षा दिलाना था।
दो लाख रुपये में हुई थी डील
पुलिस के अनुसार, इस साजिश में सांसद की पार्टी जन अधिकार पार्टी (जाप) के पुराने सदस्य शामिल थे। इस मामले में पार्टी के एक पूर्व कार्यकर्ता रामबाबू को गिरफ्तार किया गया है। पूछताछ में खुलासा हुआ कि धमकी देने की योजना को अंजाम देने के लिए दो लाख रुपये में सौदा तय किया गया था।
पार्टी के भीतर से ही हुई साजिश
पुलिस की जांच में पता चला कि धमकी का मकसद सांसद को जेड प्लस सुरक्षा प्रदान करवाना था। इस साजिश में उनके करीबी सहयोगियों ने पार्टी के पुराने कार्यकर्ताओं की मदद ली। रामबाबू ने इस साजिश को अंजाम देने के लिए जानबूझकर लॉरेंस बिश्नोई गैंग का नाम उछाला।
बिहार पुलिस ने किया बड़ा खुलासा
बिहार पुलिस ने धमकी मिलने के बाद इस मामले की गहन जांच शुरू की। जांच में यह बात सामने आई कि धमकी में इस्तेमाल किए गए कॉल और संदेश सांसद के पुराने सहयोगियों से जुड़े थे।
पुलिस अधिकारियों ने बताया कि गिरफ्तार रामबाबू ने पूछताछ के दौरान इस साजिश का पूरा भंडाफोड़ कर दिया। उसने स्वीकार किया कि धमकी की योजना सांसद की सुरक्षा बढ़ाने के उद्देश्य से बनाई गई थी।
जेड प्लस सुरक्षा का उद्देश्य
साजिशकर्ताओं का मानना था कि इस धमकी के जरिए सांसद को जेड प्लस सुरक्षा दिलाई जा सकती है। इस सुरक्षा के तहत वीआईपी को राष्ट्रीय स्तर की सुरक्षा मिलती है, जिसमें कई सुरक्षा कर्मी तैनात किए जाते हैं।
सांसद की प्रतिक्रिया
इस मामले पर अभी तक पप्पू यादव की कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं आई है। हालांकि, यह मामला सामने आने के बाद उनके समर्थकों और विरोधियों के बीच राजनीतिक चर्चा तेज हो गई है।
पुलिस की सख्ती और आगे की कार्रवाई
बिहार पुलिस ने इस मामले में कहा है कि आगे भी साजिश से जुड़े सभी पहलुओं की जांच की जाएगी। पुलिस यह सुनिश्चित कर रही है कि इस तरह की साजिशें भविष्य में न दोहराई जाएं।
यह घटना इस बात को उजागर करती है कि सुरक्षा व्यवस्था का दुरुपयोग करने और राजनीतिक लाभ लेने के लिए किस तरह की योजनाएं बनाई जा रही हैं। इस मामले ने न केवल पप्पू यादव की पार्टी को सवालों के घेरे में ला दिया है, बल्कि सुरक्षा व्यवस्था की प्रक्रिया पर भी कई सवाल खड़े किए हैं।