श्री कृष्ण विद्या मंदिर में ‘हैप्पी क्लासरूम’ विषय पर दो दिवसीय इन-हाउस कार्यशाला का सफल आयोजन

रामगढ़ से मुकेश सिंह: श्री कृष्ण विद्या मंदिर में शिक्षा को और अधिक आनंददायक एवं प्रभावी बनाने के उद्देश्य से दो दिवसीय इन-हाउस कार्यशाला का आयोजन दिनांक 19 एवं 20 मई 2025 को किया गया। इस आयोजन का नेतृत्व विद्यालय के प्राचार्य एम. कृष्णा चंद्रा ने किया, जिनके मार्गदर्शन एवं प्रेरणादायी शब्दों से कार्यशाला का शुभारंभ हुआ।

प्रमुख विषय: ‘हैप्पी क्लासरूम’ और ‘क्लास मैनेजमेंट’
इस कार्यशाला का प्रमुख उद्देश्य शिक्षा व्यवस्था में शिक्षक-छात्र के बीच सकारात्मक संवाद, सौहार्द्रपूर्ण वातावरण और रचनात्मकता को बढ़ावा देना रहा। कार्यशाला के दो मुख्य विषय थे:

हैप्पी क्लासरूम: जहां शिक्षण केवल पाठ्यक्रम तक सीमित न रहकर बच्चों की मानसिक प्रसन्नता और सहजता से जुड़ता है।
क्लास मैनेजमेंट: कक्षा प्रबंधन की व्यावहारिक रणनीतियाँ और अनुशासित शिक्षण के माध्यम से प्रभावशाली शिक्षण प्रणाली विकसित करना।


रिसोर्स पर्सन: उप प्राचार्य और वरिष्ठ शिक्षिका ने दी नेतृत्वकारी भूमिका
इस कार्यशाला के रिसोर्स पर्सन के रूप में विद्यालय के उप प्राचार्य विजय तिवारी एवं वरिष्ठ शिक्षिका रंजू कुमारी ने अपना मार्गदर्शन दिया। उन्होंने शिक्षकों के साथ सहभागिता भरे संवाद के माध्यम से बताया कि:
“एक खुशहाल कक्षा ही गुणवत्तापूर्ण शिक्षा की नींव है। जब शिक्षक और छात्र दोनों मानसिक रूप से जुड़ते हैं, तभी सीखना प्रभावी होता है।”
शिक्षकों की सहभागिता और उत्साह
विद्यालय के शिक्षक-शिक्षिकाओं ने कार्यशाला में पूरे उत्साह के साथ भाग लिया और शैक्षिक कौशलों को निखारने की दिशा में नए संकल्प लिए। उन्होंने कहा कि वे आगे से कक्षा को और अधिक संवादशील, सहयोगात्मक और आनंददायक बनाने का प्रयास करेंगे।
उपस्थित शिक्षकों में शामिल रहे:
अनिता कुमारी, अनिता महतो, सपना चक्रवती, रंजन बोस, पार्थो सरकार, अमित तिवारी, श्वेता प्रसाद, निकिता प्रिया, आकांक्षा प्रिया, टेकलाल महतो, सुरेंद्र प्रसाद, अनंत किशोर प्रसाद, शोभा कुमारी, नंदनी कुमारी, अभिषेक कुमार, शारिक आलम, शाहीन नाज, मनोरंजन चौधरी, अंजना दास, अमित कुशवाहा, गुरप्रीत कौर, ऊषा सिंह समेत अन्य शिक्षक एवं गैर-शिक्षक कर्मचारी।
प्राचार्य का संदेश: शिक्षा को बनाएं जीवनदायिनी अनुभव
कार्यशाला के समापन अवसर पर प्राचार्य एम. कृष्णा चंद्रा ने सभी को संबोधित करते हुए कहा:
“शिक्षक न केवल ज्ञान के प्रदाता हैं, बल्कि बच्चों के जीवन निर्माण के सच्चे मार्गदर्शक हैं। हमें शिक्षा को जीवनदायिनी अनुभव बनाना है, न कि केवल विषयवस्तु की पूर्ति।”
श्री कृष्ण विद्या मंदिर की यह दो दिवसीय इन-हाउस कार्यशाला न केवल शिक्षकों के लिए सीखने और आत्ममंथन का अवसर बनी, बल्कि विद्यालयी वातावरण को अधिक सकारात्मक और रचनात्मक दिशा देने की ओर एक सफल पहल भी साबित हुई।