श्रीकृष्ण विद्या मंदिर के बच्चों ने प्राकृतिक सौंदर्य का उठाया आनंद, दामोदर नदी के तट पर आयोजित हुआ रोमांचक आउटिंग

रामगढ़, 17 मई 2025 :
श्रीकृष्ण विद्या मंदिर, उरीमारी के कक्षा प्रथम से पंचम तक के विद्यार्थियों के लिए आज एक विशेष और रोमांचक आउटिंग का आयोजन किया गया। अभिभावकों की सहमति से आयोजित इस शैक्षणिक भ्रमण का उद्देश्य बच्चों को प्रकृति के सान्निध्य में आनंद, मनोरंजन और सहज शिक्षा का अनुभव कराना था। इस दौरान विद्यार्थी दामोदर नदी के तट पर पहुँचे, जहां उन्होंने प्राकृतिक छटा, जंगलों की हरियाली और ठंडे, छिछले पानी में भरपूर मौज-मस्ती की।

खेल, गीत और उत्साह से भरा दिन:
बच्चों ने अपने-अपने वर्ग शिक्षकों की देखरेख में रस्साकशी, फुटबॉल, वॉलीबॉल और अंताक्षरी जैसे गतिविधियों में हिस्सा लिया। नदी के तट पर स्वच्छंद विचरण और पानी से खेलने की आज़ादी ने बच्चों के उत्साह को दुगुना कर दिया। भीषण गर्मी में यह आउटिंग बच्चों के लिए किसी ठंडी छांव से कम नहीं रही।

सुव्यवस्थित प्रबंधन ने बनाया कार्यक्रम को सफल:
विद्यालय प्रशासन ने बच्चों की सुविधा का पूरा ख्याल रखा। स्कूल बसों द्वारा आने-जाने की व्यवस्था, स्वादिष्ट नाश्ता और स्वच्छ ठंडे पानी की समुचित व्यवस्था की गई थी। विद्यालय के प्राचार्य श्री एम. कृष्णा चंद्रा ने बच्चों को उत्साहित करते हुए उन्हें गंतव्य के लिए रवाना किया।


खेल शिक्षक मनोरंजन चौधरी के नेतृत्व में यह आउटिंग पूरी तरह व्यवस्थित और अनुशासित रही। इस अवसर पर कुल 59 बच्चों के साथ-साथ विद्यालय के शिक्षकगण – आकांक्षा प्रिया, अंकिता प्रिया, अनीता महतो, अनिता कुमारी, सरिता सिंह, उषा सिंह, सोनल कुमारी, शोभा कुमारी, श्वेता प्रसाद, रिंकी कुमारी, टेकलाल महतो, अमित सिंह, आतिश कुशवाहा, अंजना दास गुप्ता, अभिषेक वर्मा, अनंत किशोर प्रसाद, सुरेंद्र प्रसाद – तथा गैर-शिक्षण कर्मचारी भी उपस्थित रहे।
प्रबंध समिति की सराहना:
विद्यालय प्रबंध समिति के अध्यक्ष आनंद अग्रवाल (अधिवक्ता) ने समर कैंप की इस अतिरिक्त श्रृंखला के सफल संचालन पर समस्त शिक्षकों, कर्मचारियों एवं विद्यार्थियों को बधाई दी। उन्होंने इसे बच्चों के सर्वांगीण विकास की दिशा में एक सकारात्मक पहल बताया।
यह आउटिंग बच्चों के लिए न केवल एक मनोरंजक अनुभव रहा, बल्कि उन्हें प्रकृति से जुड़ने, सामाजिकता सीखने और खेलों में सहभागिता बढ़ाने का अवसर भी मिला। श्रीकृष्ण विद्या मंदिर की यह पहल अन्य विद्यालयों के लिए भी प्रेरणा का स्रोत बन सकती है।