बभनी खांड डैम में डूबने से तीन बच्चों की मौत गढ़वा

गढ़वा जिले के बंशीधर नगर अनुमंडल स्थित नगर पंचायत क्षेत्र के बभनी खांड डैम में डूबने से तीन बच्चों की मौत हो गई। तीनों मृतक बच्चे जंगीपुर के उरांव टोला के रहने वाले हैं। मृतकों में सूरज उरांव (11 वर्ष),मनीष मिंज(13 वर्ष) और चंद्रकांत कुमार(9वर्ष) का का नाम शामिल है। घटना के संबंध में बताया गया कि तीनों बच्चे घर से करीब 11 बजे दिन में निकले थे। 2 बजे तक घर नहीं पहुंचने पर परिजन परेशान हो गए। खोजबीन करने लगे। खोजबीन करते हुए घर से 3 किलोमीटर दूर बभनी खांड डैम पहुंच गए। डैम के पश्चिम उत्तर दिशा में तीनो बच्चो का कपड़ा दिखाई दिया।


इसके बाद किसी अनहोनी की आशंका को लेकर डैम में घुसकर खोजबीन करने लगे। काफी देर बाद सूरज का शव पाया। इसके बाद आसपास के लोगों ने भी अन्य दो बच्चों की तलाश डैम में करने लगे। 4:30 बजे करीब अन्य दो बच्चों का शव भी डैम से निकाला गया। वहीं सूचना मिलने के बाद एसडीपीओ सत्येंद्र नारायण सिंह, थाना प्रभारी आदित्य नायक, अंचलाधिकारी विकास सिंह सहित कई प्रशासनिक और पुलिस पदाधिकारी मौके पर पहुंच गए। तीनों बच्चों को लेकर पुलिस पदाधिकारी अनुमंडलीय अस्पताल लाए। जहां तीनों मृत घोषित कर दिया गया। पुलिस ने तीनो बच्चो के शव को पोस्टमार्टम के लिए सदर अस्पताल गढ़वा भेज दिया गया |

परिजनों के चीत्कार से गमगीन हुआ गांव का माहौल ।तीन बच्चों की मौत के बाद जंगीपुर का उरांव टोला शोक में डूब गया है। वही परिजनों के चीत्कार से वहां मौजूद हर आंखों में आंसू आ गया। बच्चों की मां बार-बार रोते हुए बेहोश हो जा रही थी, जिसे आसपास की अन्य महिला सांत्वना दे रही थी।वही भवनाथपुर विधान सभा के पूर्व विधायक सह झामुमो नेता अनंत प्रताप देव ने कहा की घटना हृदय विदारक है। परिजनों को आपदा प्रबंधन से सहायता उपलब्ध कराने की बात कही। उन्होंने कहा की इस डैम पर लगातार घटना घट रही है। डैम पर गार्ड की प्रतिनियुक्ति के लिए डीसी के साथ मुख्यमंत्री से भी मांग करेंगे।


अगर इस बभनी खाड़ डैम की बात किया जाए तो इस डैम पर यह कोई पहला घटना नहीं है जानकारी के अनुसार वर्ष में एक बार इस तरह की घटना घट ही जाती है ।जिससे कई बच्चे और लोगो की मौत पहले भी हो चुका है ।लेकिन जिस तरह से इस डैम पर निगरानी होनी चाहिए वह निगरानी अभी तक नही हुआ लेकिन इस बार की घटना में तीन बच्चो की डूबने से मौत ने प्रतिनिधि और प्रशासन पर सवालिया निशान जरूर खड़ा करता है की इस तरह के डैम और जहां जहां भी गढ़वा जिला में डैम पर्यटन स्थल हो या मनोरम दृश्य हो उस जगह को चिन्हित करते हुए वहां पर जिला प्रशासन कोई सुरक्षा का काम करे ताकि इस तरह की घटना होने से बचा जा सकता है यह एक बड़ी सवाल सरकार और जिला प्रशासन के लिए पैदा करता है। आखिर इस तरह की जगह को कैसे सुरक्षा में लाया जाए यह अब बेहतर सरकार और जिला प्रशासन ही बेहतर बता सकता है ।
