मनोहरपुर स्टेशन पर रेल हादसा: डीजल इंजन ने डिब्बों को मारी टक्कर

Rail accident at Manoharpur station Rail accident at Manoharpur station

हादसे का पूरा घटनाक्रम
चाईबासा जिले के चक्रधरपुर रेल मंडल के अंतर्गत आने वाले मनोहरपुर स्टेशन पर बड़ा रेल हादसा हो गया। एक बैंकिंग डीजल इंजन ने यार्ड की लाइन नंबर 7 पर खड़े पांच डिब्बों को जोरदार टक्कर मार दी। इस हादसे में दो रेलकर्मी घायल हो गए, जिनमें से एक की हालत गंभीर बताई जा रही है।

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घायलों की पहचान अरविंद कुमार (ट्रैक मेंटेनर) और सीके बारीक के रूप में हुई है। अरविंद कुमार की गर्दन में गंभीर चोट आई है, जबकि सीके बारीक को आंशिक चोटें लगी हैं। दोनों को तुरंत उत्कल एक्सप्रेस से चक्रधरपुर रेलवे अस्पताल भेजा गया, जहां उनका इलाज चल रहा है।

कोच बुरी तरह क्षतिग्रस्त
टक्कर इतनी जबरदस्त थी कि पांच में से एक कोच बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गया। ये सभी डिब्बे रेलवे ट्रैक की मरम्मत कार्य में लगे हुए थे। जानकारी के अनुसार, इन कोचों का इस्तेमाल कर्मचारी अस्थायी ठहराव के लिए करते थे और इनके अंदर पटरी सुधारने की मशीनें व औजार भी रखे गए थे। टक्कर और झटके से सभी कोच जमीन पर गिर पड़े, जिससे रेलवे कर्मचारियों में हड़कंप मच गया।

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सुरक्षा व्यवस्था पर उठे सवाल
यह हादसा चक्रधरपुर रेल मंडल की सुरक्षा व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़ा करता है। हाल ही में राउरकेला यार्ड में भी इसी तरह की घटना हुई थी, जब बैंकिंग के दौरान मालगाड़ी दुर्घटनाग्रस्त होकर एक बस्ती में घुस गई थी। उस समय कई रेलकर्मियों पर कार्रवाई हुई थी, लेकिन इसके बावजूद इस तरह की घटनाएं थमने का नाम नहीं ले रही हैं। रेलवे कर्मचारियों का कहना है कि मंडल में ट्रेन परिचालन और यार्ड संचालन के दौरान सुरक्षा मानकों का पालन सही तरीके से नहीं हो रहा है। लगातार हो रहे हादसे इस बात की ओर इशारा करते हैं कि रेल मंडल प्रबंधन में गंभीर खामियां मौजूद हैं।

अधिकारियों की प्रतिक्रिया और जांच के आदेश
घटना की जानकारी मिलते ही चक्रधरपुर रेल मंडल के डीआरएम तरुण हुरिया मौके पर पहुंचे और तुरंत जांच के आदेश दिए। उन्होंने कहा कि हादसे की परिस्थितियों का पता लगाने के लिए एक विशेष टीम बनाई गई है और दोषी पाए जाने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। हालांकि, अब तक यह स्पष्ट नहीं हो सका है कि टक्कर किन परिस्थितियों में हुई। क्या यह मानव त्रुटि थी या तकनीकी खराबी, इसकी पुष्टि जांच रिपोर्ट आने के बाद ही हो पाएगी।

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पिछले हादसों से सीख क्यों नहीं?
रेलवे सुरक्षा विशेषज्ञों का मानना है कि चक्रधरपुर रेल मंडल में लगातार हो रहे हादसे इस ओर इशारा करते हैं कि यहां सिस्टमेटिक रिफॉर्म की जरूरत है। सिर्फ घटना के बाद जांच और निलंबन से समस्या का समाधान संभव नहीं। याद दिला दें कि राउरकेला हादसे के बाद भी रेलवे ने दावा किया था कि सुरक्षा मानकों को और मजबूत किया जाएगा, लेकिन महज कुछ ही दिनों बाद मनोहरपुर में हुआ यह हादसा उन दावों पर सवाल खड़े करता है।

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यात्रियों और कर्मचारियों में दहशत
हालांकि यह हादसा यात्री ट्रेनों से दूर यार्ड क्षेत्र में हुआ, लेकिन इससे रेलवे कर्मचारियों में दहशत का माहौल है। कर्मचारी संगठन पहले भी मांग कर चुके हैं कि यार्ड में बैंकिंग इंजनों की मूवमेंट के दौरान सख्त सुरक्षा प्रोटोकॉल लागू किए जाएं।

मनोहरपुर हादसा सिर्फ एक दुर्घटना नहीं, बल्कि चक्रधरपुर रेल मंडल की कमजोर होती सुरक्षा व्यवस्था का आईना है। बार-बार हो रहे ऐसे हादसे यह साबित करते हैं कि रेलवे को अब सिर्फ जांच और कार्रवाई से आगे बढ़कर व्यवस्थित सुधार की दिशा में ठोस कदम उठाने होंगे।

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