राज्य ने निभाया फर्ज, शहीद आरक्षी सुनील धान को दी श्रद्धांजलि

मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन
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ख्यमंत्री हेमन्त सोरेन ने परिजनों को सौंपी ₹2.66 करोड़ की सहायता राशि

शहीद की पत्नी को अनुकंपा पर नौकरी का प्रस्ताव, परिवार से की सहानुभूतिपूर्ण बातचीत

रांची | मुख्यमंत्री कार्यालय से विशेष रिपोर्ट: राज्य सरकार ने एक बार फिर यह साबित किया कि वह अपने शहीदों और उनके परिवारों के साथ मजबूती से खड़ी है। मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन से झारखंड जगुआर (एसटीएफ) के शहीद आरक्षी सुनील धान के परिजनों ने कांके रोड स्थित मुख्यमंत्री आवासीय कार्यालय में मुलाकात की।

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इस मौके पर मुख्यमंत्री ने कुल ₹2,66,26,972 की वित्तीय सहायता राशि प्रदान की। इसमें से ₹1.20 करोड़ की सहायता एसबीआई पुलिस सैलरी पैकेज के तहत चेक के रूप में दी गई, जबकि ₹1.46 करोड़ से अधिक की राशि गृह विभाग द्वारा सीधे बैंक खाते में ट्रांसफर की गई।

“झारखंड अपने शहीदों का हमेशा ऋणी रहेगा” – मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन

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मुख्यमंत्री श्री सोरेन ने कहा:

“आरक्षी सुनील धान ने राज्य और समाज की सेवा करते हुए अपने प्राणों की आहुति दी। उनका बलिदान अमिट है। राज्य सरकार उनकी शहादत को नमन करते हुए उनके परिजनों के साथ हर कदम पर खड़ी है।”

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उन्होंने शहीद की पत्नी गंदरी धान से अनुकंपा के आधार पर सरकारी नौकरी स्वीकारने का अनुरोध भी किया। हालांकि, शहीद की पत्नी ने फिलहाल बच्चों की छोटी उम्र को देखते हुए निर्णय को आगे के लिए टाल दिया।

परिजनों ने साझा की पारिवारिक स्थिति, सरकार ने दिए त्वरित निर्देश

शहीद की 65 वर्षीय माता श्रीमती फगनी उराइन, पत्नी गंदरी धान तथा दो छोटे पुत्र – प्रियांश (5 वर्ष) और अनिकेत (3 वर्ष) ने मुख्यमंत्री से मुलाकात कर आजीविका और शिक्षा से जुड़ी जरूरतें साझा कीं। मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि पेंशन एवं अन्य लाभों की प्रक्रिया शीघ्र पूरी की जाए।

अधिकारियों ने जानकारी दी कि पेंशन प्रक्रिया पूर्ण कर ली गई है और अगले माह से पेंशन मिलनी शुरू हो जाएगी।

कैसे शहीद हुए आरक्षी सुनील धान

12 अप्रैल 2025 को चाईबासा जिले के छोटानागरा थाना क्षेत्र के रातामाटी गांव के जंगल में चलाए गए नक्सल-विरोधी विशेष अभियान में आईईडी विस्फोट की चपेट में आने से आरक्षी सुनील धान गंभीर रूप से घायल हो गए थे। उन्हें रांची एयरलिफ्ट किया गया, परन्तु इलाज के दौरान उसी दिन वीरगति को प्राप्त हो गए।

उपस्थित गणमान्य अधिकारी

मुलाकात के दौरान राज्य के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे, जिनमें गृह विभाग की प्रधान सचिव, वंदना दादेल, झारखंड जगुआर के डीआईजी, इंद्रजीत महथा, झारखंड जगुआर के सीनियर डीएसपी, सुनील कुमार रजवार, एसबीआई रांची के उप महाप्रबंधक,मनोज कुमार, एसबीआई के मुख्य प्रबंधक विकास पांडे, शामिल थे।

आरक्षी सुनील धान की शहादत को राज्य कभी नहीं भूलेगा। यह मुलाकात सिर्फ आर्थिक सहायता तक सीमित नहीं रही, बल्कि यह झारखंड सरकार की ओर से सच्ची संवेदनशीलता और प्रतिबद्धता का प्रमाण बनी। मुख्यमंत्री का यह कदम हर शहीद परिवार को यह भरोसा दिलाता है कि राज्य उनका दुख समझता है और हर हाल में साथ है।

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