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टाइगर अनिल महतो की हत्या पर भाजपा का सरकार पर हमला: अपराधी बेलगाम है और सरकार प्रशासन पंगु हो चुका है

रांची से अमित: भाजपा रांची ग्रामीण जिला के महामंत्री, रामनवमी समिति, कांके के अध्यक्ष और पूर्व जिला परिषद सदस्य अनिल महतो टाइगर की हत्या पर रक्षा राज्य मंत्री श्री संजय सेठ ने कड़ी प्रतिक्रिया दी है। श्री सेठ ने कहा है कि यह घटना हतप्रभ करने वाली बात है। कांके चौक पर दिनदहाड़े वरिष्ठ और सक्रिय नेता की हत्या हो जाती है। बीच चौराहे पर अपराधी गोली मार के चल देते हैं और पुलिस प्रशासन हाथ पैर हाथ धरे बैठा रह जाता है। राजधानी रांची में पुलिसिंग पूरी तरह फेल हो चुकी है। अपराधियों में पुलिस प्रशासन का खौफ समाप्त हो चुका है। इस घटना ने एक बार फिर से प्रमाणित कर दिया कि शहर में कोई सुरक्षित नहीं है।


अनिल महतो टाइगर की हत्या निरंकुश हो चुके अपराधियों ने अंजाम दिया है। एक तरफ झारखंड का विधानसभा सत्र चल रहा है, दूसरी तरफ इतनी बड़ी घटना को अपराधी अंजाम देकर निकल जा रहे हैं। यह राज्य सरकार पर बड़ा सवाल है। झारखंड की प्रशासनिक व्यवस्था पर सवाल है और रांची जिला प्रशासन पर भी सवाल है। आक्रोश भरे लहजे में रक्षा राज्य मंत्री ने कहा कि 24 घंटे के अंदर अपराधियों की गिरफ्तारी सुनिश्चित करें। मुख्यमंत्री खुद इस मामल में हस्तक्षेप करें। रांची में पुलिसिंग व्यवस्था की समीक्षा हो और पुलिस पदाधिकारी पर भी कार्रवाई हो। अपराधियों पर भी कार्रवाई हो और आम जनता की सुरक्षा सुनिश्चित करें। यदि यह सरकार ऐसा नहीं कर सकती है तो सरकार को सत्ता में रहने का कोई हक नहीं है।
वही नेता प्रतिपक्ष बाबूलाल मरांडी ने सरकार को आड़े हाथ लेते हुए कहा की भाजपा रांची ग्रामीण जिला महामंत्री और पूर्व जिला परिषद सदस्य श्री अनिल टाइगर जी को अपराधियों द्वारा गोली मारे जाने की सूचना से स्तब्ध हूं।


अपराधी बेखौफ होकर जनप्रतिनिधियों पर हमला कर रहे हैं। प्रदेश में कानून-व्यवस्था पूरी तरह चरमरा गई है, जहां न जनप्रतिनिधि सुरक्षित हैं और न ही आम नागरिक। पुलिस के आफिसर्स जब ज़मीन का धंधा करेंगे और करवायेंगे , ज़मीन दलालों को संरक्षण देंगे तो ऐसी घटनाएँ तो होंगी ही। इस घटना की नैतिक जिम्मेदारी लेते हुए मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को तत्काल इस्तीफा देना चाहिए।



पूर्व जिला परिषद सदस्य अनिल टाइगर की हत्या के बाद कांके इलाके में तनाव का माहौल बन गया है। मंगलवार (26 मार्च 2025) को कांके चौक के पास अज्ञात हमलावरों ने उन्हें गोली मार दी, जिससे उनकी मौके पर ही मौत हो गई। इस वारदात ने पूरे क्षेत्र में सुरक्षा को लेकर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।
राजनीतिक रूप से सक्रिय थे अनिल टाइगर : अनिल टाइगर रांची के कांके इलाके के प्रभावशाली नेता थे। उन्होंने ऑल झारखंड स्टूडेंट्स यूनियन (आजसू) और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के लिए सक्रिय रूप से काम किया था। उनकी मजबूत राजनीतिक पकड़ और सामाजिक जुड़ाव के कारण उनकी हत्या को राजनीतिक साजिश से जोड़कर भी देखा जा रहा है।
हमलावरों की तलाश में जुटी पुलिस : हत्या के बाद रांची पुलिस और क्राइम ब्रांच की टीम मामले की जांच में जुट गई है। अब तक अपराधियों की पहचान नहीं हो पाई है, लेकिन पुलिस ने घटना स्थल के CCTV फुटेज खंगालने शुरू कर दिए हैं। पुलिस अधिकारियों के अनुसार, इस हत्याकांड के पीछे पुरानी रंजिश, राजनीतिक दुश्मनी या फिर कोई अन्य आपराधिक साजिश हो सकती है।
इलाके में बढ़ाई गई सुरक्षा : हत्या के बाद कांके और आसपास के इलाकों में सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी गई है। किसी भी अप्रिय घटना को रोकने के लिए अतिरिक्त पुलिस बल तैनात किया गया है।
पुलिस जल्द ही इस हत्याकांड की गुत्थी सुलझाने का दावा कर रही है, लेकिन फिलहाल पूरे इलाके में चिंता और गुस्से का माहौल है।