तकनीक और करुणा का संगम: पंजाब रेजिमेंटल सेंटर, रामगढ़ कैंट में तैनात हुए अत्याधुनिक BHISHM क्यूब्स

BHISHM

रामगढ़, झारखंड: भारतीय सेना ने आपातकालीन स्वास्थ्य सेवाओं को सशक्त बनाने की दिशा में एक और ऐतिहासिक कदम उठाया है। पंजाब रेजिमेंटल सेंटर, रामगढ़ कैंट में दो अत्याधुनिक BHISHM क्यूब्स (Battlefield Health Initiative for Swift Medical Aid) स्थापित किए गए हैं। इनका उद्देश्य संकट की घड़ी में, विशेषकर गोल्डन ऑवर के दौरान, सैनिकों और नागरिकों को त्वरित और प्रभावी चिकित्सा सहायता उपलब्ध कराना है।

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यह पहल महानिदेशक (इन्फेंट्री) और आईसीआईसीआई फाउंडेशन के संयुक्त प्रयासों से संभव हुई है, जो सेना और कॉर्पोरेट जगत की साझेदारी का बेहतरीन उदाहरण है।

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BHISHM क्यूब्स की विशेषताएँ

  • इन्हें बहुत कम समय में स्थापित किया जा सकता है।
  • प्रत्येक क्यूब जीवन रक्षक दवाइयों और आधुनिक उपकरणों से पूरी तरह सुसज्जित है।
  • इसका सबसे बड़ा लाभ यह है कि किसी भी गंभीर स्थिति में मौके पर ही तुरंत उपचार उपलब्ध कराया जा सकता है।
  • ये क्यूब्स सेना के साथ-साथ आवश्यकता पड़ने पर सिविल प्रशासन और स्वास्थ्य तंत्र के साथ भी एकीकृत किए जा सकते हैं।
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प्रशिक्षण और कार्यान्वयन
सुनिश्चित करने के लिए कि प्रत्येक सैनिक आत्मविश्वास के साथ इस सुविधा का उपयोग कर सके, ग्रीन जीनोम इंडिया प्रा. लि. द्वारा चार दिवसीय विशेष प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किया गया।

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1 से 4 सितम्बर 2025 तक आयोजित इस प्रशिक्षण में न केवल सैनिकों ने हिस्सा लिया, बल्कि सिविल डॉक्टरों की भी भागीदारी रही। इस संयुक्त प्रशिक्षण ने यह सुनिश्चित किया कि जरूरत पड़ने पर इन क्यूब्स को सिविल चिकित्सा तंत्र के साथ तुरंत जोड़ा जा सके।

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भारतीय सेना का संकल्प
BHISHM क्यूब्स की तैनाती केवल एक तकनीकी पहल नहीं है, बल्कि यह भारतीय सेना की उस मानवीय सोच को भी दर्शाती है, जो अपने सैनिकों और नागरिकों के जीवन की रक्षा को सर्वोपरि मानती है।
सेना ने एक बार फिर यह साबित कर दिया है कि वह तकनीक और करुणा का संगम बनकर देशवासियों की सुरक्षा और सेवा में हमेशा अग्रणी है।

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यह पहल न केवल सेना की चिकित्सा क्षमता को बढ़ाती है, बल्कि झारखंड सहित पूरे देश में आपदा प्रबंधन और आपात स्वास्थ्य सेवाओं के लिए भी एक नई दिशा और उम्मीद देती है।

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