देवघर सड़क दुर्घटना पर राज्यसभा सांसद डॉ. प्रदीप वर्मा ने जताया शोक, श्रद्धालुओं की सुरक्षा को लेकर प्रशासन से की अपील

देवघर/रांची :झारखंड के देवघर जिले में श्रावणी मेले के दौरान एक भीषण सड़क हादसे ने पूरे राज्य को झकझोर दिया है। जमुनिया मोड़ के पास बस और ट्रक की टक्कर में 5 कांवरियों की दर्दनाक मौत हो गई जबकि कई अन्य घायल हो गए। इस हृदयविदारक घटना पर राज्यसभा सांसद और भाजपा प्रदेश महासचिव डॉ. प्रदीप कुमार वर्मा ने गहरा शोक प्रकट किया है और इसे एक अत्यंत पीड़ादायक त्रासदी बताया है।

“श्रद्धालुओं की अकाल मृत्यु अत्यंत व्यथित करने वाली” – डॉ. वर्मा
सांसद डॉ. वर्मा ने घटना की सूचना मिलते ही एक आधिकारिक बयान जारी करते हुए कहा:
“श्रावणी मेले में बाबा भोलेनाथ को जल अर्पित करने निकले कांवरियों की अकाल मृत्यु से हृदय व्यथित है। यह केवल एक सड़क दुर्घटना नहीं, बल्कि हजारों आस्थावानों की भावना पर गहरा आघात है।”
उन्होंने आगे कहा कि ऐसे श्रद्धालु जो गंगा तट से जल लेकर सैकड़ों किलोमीटर पैदल यात्रा करते हैं, उनका यह अंत अत्यंत दर्दनाक है। उन्होंने मृतकों के परिजनों के प्रति गहरी संवेदना प्रकट की और दिवंगत आत्माओं की शांति हेतु ईश्वर से प्रार्थना की।
घायलों को तत्काल चिकित्सा और मुआवजा देने की मांग
डॉ. प्रदीप वर्मा ने जिला प्रशासन और झारखंड सरकार से आग्रह किया कि:
- घायलों को समुचित चिकित्सा सुविधा तत्काल प्रदान की जाए।
- मृतकों के परिजनों को शीघ्र मुआवजा एवं अन्य सहायता दी जाए।
- घायलों की देखरेख और इलाज में किसी प्रकार की लापरवाही न हो।

उन्होंने प्रशासन को यह भी सुझाव दिया कि सभी प्रमुख अस्पतालों में श्रावणी मेले के दौरान मेडिकल इमरजेंसी रिस्पॉन्स सिस्टम को सक्रिय रखा जाए।

श्रावणी मेला के दौरान श्रद्धालुओं की सुरक्षा के लिए अतिरिक्त सावधानी जरूरी
डॉ. वर्मा ने श्रावणी मेले जैसे बड़े धार्मिक आयोजन को लेकर प्रशासन को चेताया कि इस दौरान:
- सड़क सुरक्षा व्यवस्था को मजबूत किया जाए।
- श्रद्धालुओं के वाहनों के लिए अलग मार्ग तय किया जाए।
- बस, ट्रक, मालवाहक वाहनों पर नियंत्रण रखा जाए।
- संवेदनशील मोड़ों पर ट्रैफिक पुलिस और वॉच टावर तैनात हों।
डॉ. वर्मा ने अप्रत्यक्ष रूप से राज्य सरकार की लचर व्यवस्थाओं पर भी सवाल उठाए।
- क्या सरकार ने सड़क सुरक्षा को लेकर पूर्व तैयारी की थी?
- क्या संवेदनशील स्थलों पर वाहनों की निगरानी के लिए सीसीटीवी और पेट्रोलिंग दल लगाए गए थे?
- क्या बस और ट्रक चालकों के लिए मेले से पहले ट्रैफिक गाइडलाइन जारी की गई थी?
उन्होंने जोर देकर कहा कि श्रद्धालुओं की सुरक्षा केवल औपचारिकता नहीं हो सकती – यह सरकार और प्रशासन की नैतिक जिम्मेदारी है।
दर्द से भरा दिन, सियासत नहीं संवेदना की ज़रूरत
यह दुर्घटना ऐसे समय हुई है जब झारखंड के देवघर और संताल परगना क्षेत्र में श्रावणी मेला पूरे चरम पर है। लाखों श्रद्धालु कांवर उठाकर पैदल या वाहन से बाबा धाम पहुंचते हैं। ऐसे में एक भी चूक मृत्यु का कारण बन सकती है। डॉ. वर्मा ने यह भी कहा कि किसी भी सत्ताधारी दल को इस घटना को केवल आंकड़ों में नहीं गिनना चाहिए, बल्कि हर एक जीवन की कीमत समझनी चाहिए।
श्रद्धा की राह में नहीं होनी चाहिए मौत की आहट
राज्यसभा सांसद डॉ. प्रदीप वर्मा की प्रतिक्रिया ने इस त्रासदी को केवल एक हादसा नहीं, बल्कि एक प्रशासनिक विफलता के तौर पर चिन्हित किया है। उन्होंने केवल शोक नहीं जताया, बल्कि जिम्मेदारी और जवाबदेही की बात भी उठाई।
अब देखना यह है कि क्या झारखंड सरकार और देवघर प्रशासन इस चेतावनी को गंभीरता से लेकर श्रद्धालुओं की सुरक्षा को प्राथमिकता बनाएंगे, या फिर एक और हादसा किसी नई खबर का हिस्सा बनेगा।
रिपोर्ट : अमित