ब्रेकिंग: झारखंड के वरिष्ठ IAS अधिकारी विनय चौबे हिरासत में, शराब घोटाले में ACB की बड़ी कार्रवाई

रांची, 20मई 2025 : झारखंड की राजधानी रांची से इस वक्त की सबसे बड़ी खबर सामने आई है। राज्य के वरिष्ठ आईएएस अधिकारी विनय चौबे को एंटी करप्शन ब्यूरो (ACB) ने पूछताछ के बाद हिरासत में ले लिया है। यह कार्रवाई बहुचर्चित शराब घोटाले को लेकर की गई है, जिसमें पहले से ही छत्तीसगढ़ की आर्थिक अपराध शाखा (EOW) द्वारा प्राथमिकी दर्ज की जा चुकी है।

ACB दफ्तर में मेडिकल टीम पहुंची, चौबे के खिलाफ दर्ज हुई नियमित FIR
सूत्रों के अनुसार, ACB कार्यालय में पूछताछ के तुरंत बाद मेडिकल टीम पहुंची, जिससे संकेत मिलते हैं कि अब विनय चौबे को औपचारिक हिरासत में लेने की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है। ACB ने इस मामले में सरकार से अनुमति लेकर पहले Preliminary Enquiry की थी, और अब नियमित एफआईआर दर्ज कर आधिकारिक जांच शुरू कर दी है।

शराब घोटाले की कड़ियाँ: झारखंड-छत्तीसगढ़ सिंडिकेट कनेक्शन
इस घोटाले की जड़ें छत्तीसगढ़ से जुड़ी हुई हैं, जहां की आर्थिक अपराध शाखा ने पहले ही छत्तीसगढ़ स्टेट मार्केटिंग कारपोरेशन लिमिटेड के अधिकारियों व शराब व्यापारियों के खिलाफ संगठित अपराध का मामला दर्ज किया था।
जांच में सामने आया कि यही सिंडिकेट झारखंड में भी सक्रिय हुआ और नई उत्पाद नीति को प्रभावित कर राज्य सरकार को भारी आर्थिक नुकसान पहुंचाया।


कई अधिकारी ACB के रडार पर, आगे और गिरफ़्तारियों की संभावना
ACB सूत्रों के अनुसार, विनय चौबे के अलावा कई अन्य पूर्व व वर्तमान अधिकारी भी जांच के दायरे में हैं। आने वाले दिनों में इस मामले में और भी गिरफ्तारी हो सकती है। इस घोटाले को राजनीतिक संरक्षण और प्रशासनिक मिलीभगत से अंजाम दिए जाने की आशंका जताई जा रही है।
क्या है शराब घोटाले का मामला?
- नई उत्पाद नीति के तहत शराब कारोबार के नियंत्रण को निजी सिंडिकेट को सौंपे जाने का आरोप
- नीतिगत फैसलों में स्वार्थ साधने और सरकारी राजस्व में भारी हेरफेर की बात सामने
- छत्तीसगढ़ में सक्रिय शराब सिंडिकेट ने ही झारखंड की नीति को प्रभावित किया, जिससे दोनों राज्यों को करोड़ों का नुकसान
राजनीतिक गलियारों में हलचल, सरकार की जवाबदेही पर सवाल
इस हाई-प्रोफाइल कार्रवाई के बाद झारखंड की राजनीतिक फिज़ा गर्मा गई है। विपक्ष लगातार सरकार पर प्रशासनिक संरक्षण के आरोप लगा रहा है, जबकि सरकार इस घोटाले से खुद को अलग बताते हुए ACB और ED की स्वतंत्र जांच का हवाला दे रही है।
IAS विनय चौबे की हिरासत से यह स्पष्ट संकेत मिल रहा है कि झारखंड में शराब घोटाले को लेकर जांच अब निर्णायक मोड़ पर पहुंच चुकी है। आने वाले दिनों में इस मामले में राजनीतिक और प्रशासनिक हलकों में और भूचाल आने की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता।