मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने मॉनसून की चुनौती से निपटने के लिए राज्य भर के उपायुक्तों को दिए निर्देश: “अलर्ट मोड में रहें, जनता को राहत मिले यही सर्वोच्च प्राथमिकता”

झारखंड मॉनसून अलर्ट
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रांची | 21 जून 2025: झारखंड में लगातार हो रही भारी बारिश और इससे उत्पन्न जल जमाव, सड़कों के क्षतिग्रस्त होने और जनजीवन के बाधित होने को देखते हुए मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने राज्य के सभी जिलों के उपायुक्तों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से संवाद किया। मुख्यमंत्री ने स्पष्ट कहा कि “अभी आपदा की घड़ी है, अधिकारी पूर्ण अलर्ट मोड में रहें और हर नागरिक तक राहत सुनिश्चित करें।”

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मुख्यमंत्री ने दिए 10 बड़े निर्देश:

  1. पूरे राज्य में अलर्ट मोड: सभी उपायुक्त, वरीय प्रशासनिक अधिकारी और संबंधित विभाग 24×7 निगरानी रखें।
  2. जल जमाव से त्वरित राहत: शहरी और ग्रामीण दोनों क्षेत्रों में जल जमाव की समस्या को प्राथमिकता पर हल करें। नगर निकायों व पंचायतों के साथ समन्वय से कार्य करें।
  3. कंट्रोल रूम सक्रिय करें: जिला स्तर पर कंट्रोल रूम को पूरी तरह सक्रिय रखा जाए और जनसंपर्क तंत्र को मजबूत करें।
  4. नुकसान का आकलन कर रिपोर्ट भेजें: सड़कों, पुलों, मकानों, फसलों और अन्य क्षति की रिपोर्ट राज्य सरकार को तत्काल भेजी जाए ताकि मुआवजा वितरण में विलंब न हो।
  5. पर्यटन स्थलों पर सख्त निगरानी: वॉटरफॉल, बराज और अन्य संवेदनशील पर्यटन स्थलों पर सुरक्षा कर्मी तैनात किए जाएं, NDRF और SDRF की सहायता ली जाए।
  6. जलजमाव वाले क्षेत्रों में कीट-नाशक छिड़काव: संक्रमण और महामारी से बचाव के लिए आवश्यक रसायनों का छिड़काव कराया जाए।
  7. सर्पदंश की रोकथाम: ग्रामीण क्षेत्रों के स्वास्थ्य केंद्रों में एंटी-स्नेक वेनम सहित सभी जरूरी दवाएं पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध कराई जाएं।
  8. सड़कों और पुलों की मरम्मत शीघ्र कराएं: बारिश से क्षतिग्रस्त बुनियादी ढांचे की शीघ्र मरम्मत सुनिश्चित की जाए।
  9. अवैध बालू खनन पर सख्ती: पुलों और नदियों की सुरक्षा के मद्देनजर बालू खनन की निगरानी करें और अवैध गतिविधियों पर तत्काल रोक लगाएं।
  10. स्थानीय लोगों को राहत कार्य में जोड़ा जाए: विशेष रूप से आदिवासी और ग्रामीण इलाकों में जनसहभागिता से कार्य को तेज करें।

मुख्यमंत्री की संवेदनशीलता और तत्परता सराहनीय

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मुख्यमंत्री ने यह स्पष्ट किया कि इस बार मॉनसून की शुरुआत से ही हालात गंभीर हो सकते हैं, इसलिए किसी भी स्थिति में देर या लापरवाही की कोई गुंजाइश नहीं होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि आम जनता को यह महसूस होना चाहिए कि प्रशासन उनके साथ खड़ा है। किसी भी प्रकार की अनहोनी की रोकथाम के लिए पूरे सिस्टम को एक्टिव मोड में रखा जाए।

वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी भी रहे मौजूद

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इस उच्चस्तरीय समीक्षा बैठक में स्वास्थ्य मंत्री डॉ. इरफान अंसारी, मुख्य सचिव अलका तिवारी, मुख्यमंत्री के अपर मुख्य सचिव अविनाश कुमार, और राज्य के सभी उपायुक्त वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से जुड़े रहे। सभी जिलों की स्थिति का आकलन लिया गया और प्रत्येक जिले के उपायुक्तों ने तैयारियों की रिपोर्ट दी।

जनहित के लिए यह अलर्ट साझा करें

राज्य सरकार की तरफ से आम नागरिकों से यह अपील की गई है कि वे अनावश्यक रूप से नदी-नालों, वॉटरफॉल, तालाब, जलजमाव वाले इलाकों में न जाएं। किसी आपात स्थिति में स्थानीय प्रशासन या कंट्रोल रूम से संपर्क करें। आपकी सतर्कता और सरकार की तत्परता मिलकर ही इस आपदा से निपटने में मददगार होगी।

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