सपनों को रौंद गया ट्रक: शिक्षक दंपती सड़क पर बिखरे, पत्नी का पैर कट गया, पति जिंदगी से जूझ रहा।

पाकुड़ सड़क दुर्घटना
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पाकुड़: पाकुड़ के हिरणपुर में शुक्रवार सुबह एक दर्दनाक सड़क दुर्घटना ने पूरे क्षेत्र को स्तब्ध कर दिया। शिक्षा और बच्चों के उज्ज्वल भविष्य की कामना लिए दुमका जा रहे एक शिक्षक दंपती को तेज रफ्तार ट्रक ने कुचल दिया। यह हादसा हिरणपुर रेंज कार्यालय के ठीक सामने हुआ।

Maa RamPyari Hospital

स्थानीय लोगों के अनुसार, हादसा इतना भयावह था कि चारुशीला किस्कू का एक पैर ट्रक के पहिए के नीचे आकर पूरी तरह अलग हो गया, जबकि उनके पति रघुनाथ हांसदा को हाथ समेत शरीर के कई हिस्सों में गंभीर चोटें आई हैं। मौके पर पहुँचे एएसआई दिलीप मंडल ने घायलों को सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पहुँचाया, जहाँ से प्राथमिक उपचार के बाद दोनों को गंभीर स्थिति में पाकुड़ सदर अस्पताल रेफर कर दिया गया।

रघुनाथ हांसदा पाकुड़िया प्रखंड के डोमनगढ़िया मध्य विद्यालय में शिक्षक हैं और परिवार के साथ डीएवी स्कूल, पाकुड़ के निकट रहते हैं। वे मूल रूप से परयारदाहा गांव, प्रखंड आमडापड़ा के निवासी हैं। हादसे के समय वे बच्चों के स्कूल एडमिशन को लेकर दुमका जा रहे थे।

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थाना प्रभारी रंजन कुमार सिंह ने त्वरित कार्रवाई करते हुए सीसीटीवी फुटेज की मदद से ट्रक की पहचान कर कुछ ही घंटों में उसे जब्त कर लिया। लेकिन बड़ा सवाल यह है कि जब जिला प्रशासन ने भारी वाहनों के परिचालन के लिए समय-सीमा तय कर रखी है, तो फिर कोयला हाइवा और ट्रक दिन के उजाले में भी धड़ल्ले से सड़क पर क्यों दौड़ रहे हैं? स्थानीय लोग लगातार प्रशासन से इस मुद्दे पर सख्ती की मांग करते रहे हैं। उनका कहना है कि हिरणपुर की सड़कों पर कोयले से लदे ट्रकों की बेतहाशा रफ्तार किसी दिन किसी बड़े जनहानि का कारण बन सकती है।

एक शिक्षक परिवार की त्रासदी ने पूरे जिले को सोचने पर मजबूर कर दिया है। यदि अब भी सख्त कदम नहीं उठाए गए, तो सड़कें फिर मासूमों की लाशों से भरती रहेंगी, और कोयला ट्रकों की गूंजती रफ्तार कानून को चुनौती देती रहेगी।

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