दुग्दा में धूमधाम से मनाया गया सरहुल महोत्सव, पारंपरिक नृत्य ने मोहा मन

बेरमो, झारखंड: चंद्रपुरा प्रखंड के दुग्दा कोल वाशरी-मोड़ स्थित सरना स्थल पर आदिवासियों का महत्वपूर्ण प्राकृतिक पर्व सरहुल हर्षोल्लास के साथ मनाया गया। इस अवसर पर मांदर की थाप पर महिलाओं ने पारंपरिक नृत्य कर लोगों का मन मोह लिया।

सरना स्थल पर सखुआ पेड़ की डाली के आगे इष्टदेव मारांग बुरु जाहेर आयो की संथाली विधि-विधान से पूजा-अर्चना की गई। नायके हाड़ाम रघु मुर्मू ने सभी श्रद्धालुओं के बीच सखुआ फूल का वितरण किया।
इस मौके पर मुख्य अतिथि बेरमो विधायक कुमार जयमंगल सिंह ने कहा कि सरहुल प्रकृति प्रेम का पर्व है। यह हमें पर्यावरण संरक्षण और पेड़-पौधों को बचाने की प्रेरणा देता है। हरे-भरे पर्यावरण को बनाए रखना हम सभी की जिम्मेदारी है।

समिति के अध्यक्ष दुखन मुर्मू और सचिव रंजीत हांसदा ने कहा कि भारत एक कृषि प्रधान देश है, और यह पर्व बेहतर फसल की कामना का प्रतीक है।
समारोह से पहले समिति के बैनर तले एक भव्य शोभायात्रा निकाली गई। दुग्दा सरना स्थल से बुढ़ीडीह रोड साइड होते हुए सिद्धू-कान्हू प्रतिमा स्थल तक शोभायात्रा निकाली गई। दुग्दा गोलाई में विनोद बिहारी महतो की प्रतिमा पर माल्यार्पण भी किया गया। शोभायात्रा में सरना धर्मावलंबियों ने पारंपरिक वेष-भूषा में मांदर, ढोल, नगाड़ों के साथ नाचते-गाते उत्सव मनाया।


इस अवसर पर बड़ी संख्या में स्थानीय लोग और गणमान्य व्यक्ति मौजूद रहे।