मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन की अध्यक्षता में टीएसी की बैठक सम्पन्न, आदिवासी हितों को लेकर लिए गए कई अहम निर्णय

रांची, झारखंड समाचार ब्यूरो : मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन की अध्यक्षता में आज झारखंड मंत्रालय के सभाकक्ष में झारखंड जनजातीय परामर्शदातृ परिषद (TAC) की महत्वपूर्ण बैठक आयोजित की गई। बैठक में आदिवासी समुदाय के संरक्षण, सांस्कृतिक पहचान, विकास और अधिकारों की सुरक्षा से जुड़े कई अहम प्रस्तावों पर विचार-विमर्श किया गया और उन्हें मंजूरी दी गई।

बैठक में अनुसूचित जनजाति, अनुसूचित जाति, अल्पसंख्यक एवं पिछड़ा वर्ग कल्याण विभाग के कई प्रस्तावों पर गहन चर्चा हुई, जिससे आदिवासी समुदाय के सर्वांगीण विकास का मार्ग प्रशस्त हो सके।


प्रमुख निर्णय एवं प्रस्ताव जो पारित किए गए:
- मदिरा बिक्री नियमावली 2025 में संशोधन : आदिवासी बहुल क्षेत्रों में यदि किसी ग्राम पंचायत में 50% या उससे अधिक जनजातीय आबादी हो तथा वह क्षेत्र झारखंड सरकार द्वारा घोषित पर्यटन स्थल हो (धार्मिक स्थलों को छोड़कर), तो वहां राजस्व एवं पर्यटन प्रोत्साहन के लिए ऑफ-प्रकृति खुदरा मदिरा दुकानों की अनुमति दी जा सकेगी।
- होटल-रेस्तरां-बार लाइसेंसिंग नियमावली में संशोधन : ऐसे पर्यटन स्थलों पर उत्पाद प्रपत्र 8, 9 एवं 10/7 ‘क’ के अंतर्गत होटल, रेस्तरां, बार एवं क्लब को अनुज्ञप्ति प्रदान करने पर सहमति बनी।
- ईचा बाँध परियोजना पर पुनर्विचार : पश्चिमी सिंहभूम के खरकई नदी पर प्रस्तावित ईचा बाँध निर्माण को लेकर विस्थापित जनजातीय समुदाय पर पड़ने वाले प्रभाव का भौतिक सत्यापन और फोटो-वीडियो सहित रिपोर्ट तैयार की जाएगी। रिपोर्ट के आलोक में आगे की कार्रवाई तय होगी।
- वन अधिकार योजना – अबुआ बीर दिशोम अभियान को मजबूती : “अबुआ बीर दिशोम” अभियान को निरंतर रूप से संचालित करते हुए हर दो माह में वनपट्टा वितरण सुनिश्चित करने का निर्णय। सभी लंबित आवेदनों की समीक्षा कर तत्काल स्वीकृति प्रक्रिया पूरी की जाएगी।
- छोटानागपुर काश्तकारी अधिनियम की धारा-46 में स्पष्टता : थाना क्षेत्र की परिभाषा को स्पष्ट करने हेतु आयोग गठन का निर्णय। आयोग 6 माह के भीतर रिपोर्ट प्रस्तुत करेगा।
विशेष चर्चाएं:


लुगुबुरू (ललपनिया, बोकारो) स्थित आदिवासी धर्मस्थल पर DVC की पनबिजली परियोजना पर चर्चा। मुख्यमंत्री ने स्पष्ट किया कि यह परियोजना स्थगित की जा चुकी है और धार्मिक आस्था के केंद्र को संरक्षित रखने की दिशा में सरकार प्रतिबद्ध है। वनपट्टा धारकों के बच्चों को प्रमाण पत्र प्राप्त करने में आने वाली कठिनाइयों के समाधान पर विशेष ध्यान देने का निर्देश।
बैठक में शामिल प्रमुख गणमान्य:
टीएसी के उपाध्यक्ष चमरा लिंडा, सदस्य विधायक प्रो. स्टीफन मरांडी, लुईस मरांडी, सोनाराम सिंकू, दशरथ गागराई, राजेश कच्छप, नमन विक्सल कोनगाड़ी, जिगा सुसारन होरो, संजीव सरदार, आलोक सोरेन, सुदीप गुड़िया, जगत मांझी, राम सूर्या मुंडा, रामचंद्र सिंह, तथा नामांकित सदस्य नारायण उरांव और जोसाई मार्डी भी बैठक में उपस्थित रहे।
मुख्यमंत्री का संदेश:
“टीएसी केवल सलाहकार संस्था नहीं, यह हमारी आदिवासी संस्कृति और हक-अधिकारों की प्रहरी है। हम समावेशी विकास के साथ-साथ पारंपरिक पहचान और संसाधनों की रक्षा को भी प्राथमिकता दे रहे हैं।” :- हेमंत सोरेन
