झामुमो को आरक्षित सीटों में कमी की आशंका, सुप्रियो भट्टाचार्य ने दी चेतावनी

भाजपा आलोचना
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हाल ही में संपन्न हुए विधानसभा चुनावों में शानदार जीत हासिल करने के बाद झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) ने अपने राजनीतिक विरोधियों पर गंभीर आरोप लगाए हैं। पार्टी को आशंका है कि झारखंड में आदिवासी और अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित विधानसभा सीटों की संख्या घटाने की साजिश हो रही है। झामुमो के प्रवक्ता सुप्रियो भट्टाचार्य ने इस मुद्दे पर कड़ी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि यदि ऐसी कोई भी कोशिश हुई, तो पार्टी इसे सहन नहीं करेगी और इसका जोरदार विरोध करेगी।

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पार्टी मुख्यालय में आयोजित एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में सुप्रियो भट्टाचार्य ने कहा, “2025 में जनगणना प्रस्तावित है, जिसके बाद परिसीमन की प्रक्रिया भी शुरू होनी है। यह एक संवेदनशील मुद्दा है और हमें आशंका है कि साजिश के तहत आरक्षित सीटों को कम करने की कोशिश की जाएगी।” उन्होंने याद दिलाया कि 2012 में जब परिसीमन आयोग राज्य का दौरा कर रहा था, तब भी पार्टी ने ऐसी ही आशंका व्यक्त की थी।

भट्टाचार्य ने कहा कि भाजपा आदिवासी और दलित नेतृत्व को स्वीकार नहीं करती और इसीलिए वह झारखंड में आरक्षित सीटों की संख्या घटाने की साजिश कर रही है। उन्होंने भाजपा पर आरोप लगाते हुए कहा कि भाजपा ने हमेशा आदिवासियों और मूलवासियों को हाशिये पर रखने की कोशिश की है। संसद के शीतकालीन सत्र के दौरान भी इस मुद्दे पर चर्चा की संभावना को लेकर उन्होंने चिंता जताई। उन्होंने कहा, “भाजपा को झारखंड में आदिवासी नेतृत्व हजम नहीं हो रहा है। वे जानबूझकर झारखंड की राजनीति में हस्तक्षेप कर आरक्षित सीटों को निशाना बना रहे हैं।”

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चंपई सोरेन की वापसी और सुदेश महतो पर हमला

प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान झामुमो प्रवक्ता ने पार्टी से बाहर गए नेताओं पर भी टिप्पणी की। उन्होंने कहा कि झामुमो से अलग होकर राजनीति करने वाले नेता यदि वापसी करना चाहें तो पार्टी इस पर विचार करेगी। खासतौर पर चंपई सोरेन के संदर्भ में उन्होंने कहा, “अगर चंपई सोरेन झामुमो में वापसी के लिए आवेदन करते हैं, तो पार्टी उनके आवेदन पर विचार करेगी।”

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सुप्रियो भट्टाचार्य ने आजसू प्रमुख सुदेश महतो पर तीखा हमला बोलते हुए कहा कि जो रोजगार देने का दावा कर रहे थे, आज खुद ही राजनीतिक रूप से बेरोजगार हो गए हैं। उन्होंने मांडू के नवनिर्वाचित विधायक जयराम महतो के उस प्रस्ताव पर भी कटाक्ष किया, जिसमें उन्होंने अपनी सीट सुदेश महतो के लिए खाली करने की बात कही थी। भट्टाचार्य ने कहा, “यह एक राजनीतिक मजाक है। जनता ने जिस नेता पर भरोसा जताया है, उसे चाहिए कि वह इस भरोसे को बनाए रखे और सरकार के साथ सकारात्मक दिशा में काम करे।”

शपथ ग्रहण में पीएम और असम के सीएम को आमंत्रण, भाजपा पर हमला

झामुमो प्रवक्ता ने राज्य में नई सरकार के शपथ ग्रहण समारोह को लेकर भी भाजपा पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि पार्टी चाहती है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा को भी इस समारोह में शामिल होने के लिए आमंत्रित किया जाए। भट्टाचार्य ने कहा, “हमारी सरकार का शपथ ग्रहण एक ऐतिहासिक अवसर होगा, और हम चाहते हैं कि इसमें सभी राजनीतिक दलों के प्रतिनिधि शामिल हों।”

भट्टाचार्य ने भाजपा पर हमला बोलते हुए कहा कि पार्टी अभी भी झारखंड में विषाक्त राजनीति कर रही है। उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा ने हमेशा राज्य के मूलवासी और आदिवासी समाज को दबाने की कोशिश की है। उन्होंने कहा, “भाजपा झारखंड में बाहरी नेतृत्व थोपना चाहती थी, लेकिन जनता ने इसे खारिज कर दिया। अब वे जनादेश को पचा नहीं पा रहे हैं और अनर्गल आरोप लगाकर राजनीति कर रहे हैं।”

उन्होंने भाजपा से अपील की कि वह जनता के फैसले का सम्मान करे और झारखंड के विकास में रुकावट डालने की बजाय सकारात्मक भूमिका निभाए। झामुमो ने यह भी कहा कि राज्य की नई सरकार आदिवासी, दलित और सभी वर्गों के उत्थान के लिए काम करेगी और भाजपा की नकारात्मक राजनीति का हर मंच पर विरोध किया जाएगा।

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