रांची नगर निगम के कर्मियों की हड़ताल शुरू, शहर में साफ-सफाई की व्यवस्था चरमराई

रांचीः नगर निगम के 2300 सफाई कर्मी, सुपरवाइजर एवं अन्य कर्मी अपनी पांच सूत्री मांगों को लेकर आज से हड़ताल पर चले गए हैं। हड़ताल पर गए ये सभी कर्मी नागाबाबा खटाल में अपनी मांगों के समर्थन में आगे की रणनीति पर चर्चा व योजना बनाने में जुटे हैं। हड़ताल के कारण रांची शहर में सफाई व्यवस्था पूरी तरह से चौपट हो गई है। जगह-जगह सड़क किनारे, गली मोहल्लों में कचरे का अंबार लग गया है। आम लोग कचरे के दुर्गंध व सड़न से परेशान है। कर्मी नगर निगम प्रशासन के विरुद्ध हमारी मांगें पूरी करो, तानाशाही नहीं चलेगी… के नारे लागा रहे हैं।


किन मुद्दों पर कर्मी हड़ताल पर गएः हड़ताल के समर्थन में सफाई कर्मचारी के अध्यक्ष दयानंद यादव ने कहा कि सफाई करना हमलोगों का काम है। लेकिन वेतन कम होने की वजह से कर्मी अपनी जरूरतों को पूरा नहीं कर पा रहे हैं। कर्मी 30 साल से काम कर रहे हैं। किसी का वेतन 10 हजार, 16 हजार व 11 हजार रुपये हैं, जोकि बहुत कम है। इतने में लोग महंगाई के समय में अपनी जरूरतों को पूरा नहीं कर पार रहे हैं। कर्मियों को स्थाई नहीं किया गया है। इसके अलावा और भी कई मुद्दे हैं जिसे लेकर हमलोगों ने हड़ताल करने का फैसला किया है। उन्होंने आगे कहा कि मांगों को लेकर नगर प्रशासक से बात हुई है, लेकिन अभी तक कोई समझौता नहीं हुआ है। अगर हमलोगों को लिखित समझौता मिल जाता है तो हड़ताल खत्म करेंगे।
लेटर मिलने के बाद लेंगे निर्णयः लोकेश कुमार, महासचिव

रांची नगर निगम के सफाई मजदूर संघ के महासचिव लोकेश कुमार सिंह ने कहा कि नगर प्रशासक से मांगों को लेकर वार्ता हुई है। उन्होंने आश्वासन दिया है। उनके स्तर से सरकार के पास मांगपत्र भेजा जाएगा। उन्होंने कहा कि हमलोगों ने ये मांग की है कि जो भी सुपरवाइजर हैं, वे किसी निजी कंपनी के आने पर उसमें शामिल नहीं होंगे और यहीं रहकर काम करेंगे। सफाई कर्मियों के परिवहन भत्ता में 2000 रुपये और सैलरी में 30 प्रतिशत की मांग की गई है। जिस पर नगर प्रशासक ने सकारात्मक प्रतिक्रिया दी है। चूंकि ये दोनों मांगें उन्हीं के स्तर से पूरी की जानी है। उन्होंने कहा कि वे सरकार के पास मांगपत्र भेजेंगे और वेतन वृद्धि व परिवहन भत्ता देने का उन्होंने आश्वासन दिया है। शाम के चार बजे तक हमलोगों को लेटर मिलेगा। उसके बाद हमलोग निर्णय लेंगे की आगे क्या करना है।


क्या है कर्मियों की मांगेः
-10 वर्ष से अधिक के कर्मियों को स्थायीकरण
-वेतन की बढ़ोतरी
-समान काम समान वेतन
-चैंबर देने की मांग
-कोरोना काल के दौरान 2000 रुपये बढ़ोतरी के वादा पूरा करने
-आठ घंटे से अधिक काम पर अतिरिक्त भुगतान की मांग
इस संबंध में सुपरवाइजर रमेश कुमार मिश्रा ने कहा कि नगर निगम ने जो भी कंपनी आती है वो कर्मियों का एक या दो माह का वेतन लेकर चली जाती है। उपरोक्त जितनी भी मांगे हैं जबतक इन्हें पूरा नहीं किया जाता है तबतक हमलोगों का हड़ताल जारी रहेगा। हमलोगो नगर निगम में किसी भी निजी कंपनी को आने नहीं देंगे।