झारखंड में ‘लखपति दीदी’ से ‘करोड़पति दीदी’ तक की नई उड़ान — महिला सशक्तिकरण की दिशा में बड़ा कदम
महिला उद्यमियों को सशक्त बनाने की नई पहल
झारखंड: महिला सशक्तिकरण और ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मज़बूत करने की दिशा में झारखंड सरकार ने एक ऐतिहासिक कदम उठाया है। दीपिका पांडेय सिंह ने रांची स्थित स्टेट इंस्टिट्यूट ऑफ़ रूरल डेवलपमेंट, झारखण्ड (SIRD) में आयोजित ‘अबुआ आजीविका संवाद कार्यक्रम’ में कहा कि अब ‘लखपति दीदी’ को ‘करोड़पति दीदी’ बनाने की दिशा में तेज़ी से काम हो रहा है।इस कार्यक्रम में राज्य की प्रगतिशील महिला उद्यमियों ने हिस्सा लिया और अपने अनुभवों को साझा किया।
SHG और JSLPS की दीदियों की सफलता की कहानी
इस संवाद कार्यक्रम में झारखण्ड स्टेट लाइवलीहुड प्रमोशन सोसाइटी (JSLPS) से जुड़ी स्वयं सहायता समूहों (SHG) की “दीदियों” ने बताया कि किस तरह उन्होंने आत्मनिर्भरता की राह पर कदम बढ़ाया और अब औद्योगिक विकास की नई इबारत लिख रही हैं। सरकार ने उन्हें बैंक लोन, आधुनिक मशीनें, उत्पादन के लिए मज़बूत ढांचा और सीधा बाज़ार से जुड़ाव जैसे संसाधन उपलब्ध कराए हैं। इससे उन्हें न केवल आर्थिक मज़बूती मिली है बल्कि अपने उत्पादों को बड़े प्लेटफॉर्म पर बेचने का अवसर भी मिल रहा है।
पालाश मार्ट से सीधा बाज़ार तक पहुंच
दीदियों के उत्पाद अब पालाश मार्ट के माध्यम से सीधे उपभोक्ताओं तक पहुँच रहे हैं। यह प्लेटफॉर्म ग्रामीण महिला उद्यमियों को मार्केट में सीधी हिस्सेदारी दिला रहा है और उनकी आय में लगातार वृद्धि हो रही है। इससे ग्रामीण महिला उद्यमिता का एक मज़बूत नेटवर्क तैयार हो रहा है, जो राज्य की अर्थव्यवस्था में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है।
लखपति से करोड़पति बनने की दिशा में बड़ा लक्ष्य
मंत्री दीपिका पांडेय सिंह ने कहा —
“सरकार का लक्ष्य सिर्फ ‘लखपति दीदी’ बनाने तक सीमित नहीं है। अब हम हर महिला को ‘करोड़पति दीदी’ के रूप में सशक्त देखना चाहते हैं। महिलाएं आज न सिर्फ आत्मनिर्भर हैं, बल्कि राज्य की औद्योगिक विकास यात्रा की साझेदार भी बन रही हैं।” उन्होंने बताया कि इस पहल से न सिर्फ महिलाओं की आय बढ़ेगी बल्कि ग्रामीण अर्थव्यवस्था भी और अधिक मज़बूत होगी।
सरकार की रणनीति – गांवों से उठेगी नई अर्थव्यवस्था की लहर
- SHG समूहों को बैंक लोन की सुविधा
- आधुनिक मशीनें और उत्पादन के लिए इन्फ्रास्ट्रक्चर
- पालाश मार्ट के ज़रिए बाज़ार से जुड़ाव
- महिला उद्यमिता को औद्योगिक विकास से जोड़ना
- ग्रामीण क्षेत्रों में आय बढ़ाने पर ज़ोर
यह कदम ग्रामीण भारत में महिलाओं को आर्थिक रूप से सशक्त बनाकर राज्य की समग्र विकास यात्रा में भागीदार बनाएगा।



