रांची सिटी डीएसपी के रीडर 10 हजार की रिश्वत लेते रंगेहाथों गिरफ्तार, ACB की बड़ी कार्रवाई
रांची: राजधानी रांची में भ्रष्टाचार के खिलाफ एक बड़ी कार्रवाई सामने आई है। एंटी करप्शन ब्यूरो झारखण्ड (ACB) की टीम ने रांची सिटी डीएसपी के रीडर सुनील पासवान को 10 हजार रुपये की रिश्वत लेते हुए रंगेहाथों गिरफ्तार कर लिया। इस घटना ने पुलिस विभाग में हड़कंप मचा दिया है। मामला तब सामने आया जब एक व्यक्ति से सुनील पासवान ने एक लंबित प्रकरण में “काम कराने” के नाम पर रिश्वत की मांग की। पीड़ित ने इसकी शिकायत सीधे ACB को कर दी, जिसके बाद ब्यूरो की टीम ने त्वरित कार्रवाई करते हुए जाल बिछाया।
शिकायत के बाद ACB ने रची पूरी योजना
जानकारी के मुताबिक, आरोपी रीडर ने शिकायतकर्ता से मामले का निपटारा कराने के लिए 10 हजार रुपये की मांग की थी। पीड़ित व्यक्ति ने रिश्वत देने से इनकार करते हुए एसीबी में औपचारिक शिकायत दर्ज कराई। शिकायत की पुष्टि करने के बाद एसीबी की टीम ने ट्रैप की पूरी योजना बनाई। एसीबी ने नकली नोटों पर पहले से ट्रैप पाउडर लगाया और शिकायतकर्ता को वही राशि देकर आरोपी के पास भेजा। जैसे ही आरोपी ने पैसे स्वीकार किए, टीम ने उसे मौके पर ही धर दबोचा।
रंगेहाथों गिरफ्तारी से पुलिस महकमे में हलचल
एसीबी की टीम ने आरोपी रीडर को उसी वक्त गिरफ्तार कर लिया और उसे थाने ले जाकर पूछताछ शुरू की। गिरफ्तारी की खबर जैसे ही पुलिस विभाग में फैली, अधिकारियों के बीच हलचल मच गई। बताया जा रहा है कि आरोपी लंबे समय से डीएसपी कार्यालय में रीडर के पद पर पदस्थापित था और उस पर पहले भी अनौपचारिक रूप से शिकायतें आ चुकी थीं। हालांकि, इस बार पीड़ित ने औपचारिक रूप से ACB का दरवाजा खटखटाया और मामला उजागर हुआ।
आगे की कार्रवाई में जुटी ACB
गिरफ्तारी के बाद ACB ने पूरे मामले की तफ्तीश शुरू कर दी है। आरोपी के खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया जा रहा है। ब्यूरो अब यह भी जांच कर रही है कि आरोपी अकेले काम कर रहा था या इसके पीछे कोई बड़ा नेटवर्क है। एसीबी के अधिकारियों का कहना है कि सरकारी कार्यालयों में भ्रष्टाचार पर सख्त कार्रवाई जारी रहेगी और आने वाले दिनों में ऐसे कई मामलों में और गिरफ्तारियां संभव हैं।
ACB की सख्त चेतावनी
एसीबी अधिकारियों ने स्पष्ट कहा है कि सरकारी कर्मचारियों द्वारा रिश्वत मांगने या लेने की स्थिति में शिकायतकर्ता को निडर होकर संपर्क करना चाहिए। ब्यूरो ऐसे मामलों में त्वरित कार्रवाई करेगा।
ACB की ओर से जारी बयान में कहा गया है —
“किसी भी सरकारी विभाग में रिश्वत मांगना या देना दोनों ही अपराध हैं। हम लोगों से अपील करते हैं कि किसी भी प्रकार की रिश्वतखोरी की सूचना तत्काल ACB को दें।”
झारखंड में बढ़ रहे ट्रैप केस
पिछले कुछ महीनों में एंटी करप्शन ब्यूरो झारखण्ड ने कई बड़े अधिकारियों और कर्मचारियों को रिश्वत लेते रंगेहाथों पकड़ा है। आंकड़ों के मुताबिक, सिर्फ 2025 में अब तक 50 से अधिक सरकारी कर्मियों पर ACB ने कार्रवाई की है। इससे यह साफ है कि राज्य सरकार और जांच एजेंसियां भ्रष्टाचार के मामलों को लेकर अब पहले से कहीं ज्यादा सख्त रुख अपना रही हैं।
भ्रष्टाचार के खिलाफ सख्ती का संकेत
रांची सिटी डीएसपी के रीडर की गिरफ्तारी केवल एक व्यक्ति के खिलाफ कार्रवाई नहीं बल्कि पूरे सिस्टम को एक कड़ा संदेश है। ACB की इस ट्रैप कार्रवाई से यह साफ होता है कि अब भ्रष्टाचार बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। अगर इस तरह की कार्रवाइयां निरंतर जारी रहती हैं तो आने वाले समय में सरकारी विभागों में पारदर्शिता बढ़ने और जनता का भरोसा लौटने की संभावना है।



