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8वें वेतन आयोग के गठन को केंद्रीय कैबिनेट की मंजूरी, जानें दो अन्य महत्वपूर्ण फैसले

8th Pay Commission

नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में मंगलवार को हुई केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में कर्मचारियों के लिए एक बड़ा निर्णय लिया गया। केंद्र सरकार ने 8वें केंद्रीय वेतन आयोग के गठन को औपचारिक मंजूरी दे दी है। यह आयोग केंद्र सरकार के लगभग 50 लाख कर्मचारियों और 69 लाख पेंशनभोगियों के हितों को ध्यान में रखते हुए अपनी सिफारिशें देगा।

बैठक के बाद केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया कि “प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 8वें वेतन आयोग की संरचना, कार्य-अवधि और समय-सीमा को मंजूरी दे दी है। यह एक अत्यंत महत्वपूर्ण निर्णय है, जो देशभर के लाखों कर्मचारियों को राहत देगा।”

18 महीनों में रिपोर्ट सौंपेगा आयोग
केंद्रीय मंत्री ने बताया कि आयोग को 18 महीनों के भीतर अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत करने का निर्देश दिया गया है। इस दौरान आयोग देश की मौजूदा आर्थिक स्थिति, राजकोषीय संतुलन और कर्मचारियों के हितों को ध्यान में रखकर अपनी सिफारिशें तैयार करेगा।

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उन्होंने कहा कि “जैसा कि आप जानते हैं, 8वें केंद्रीय वेतन आयोग के गठन को सैद्धांतिक मंजूरी इस वर्ष जनवरी में दी गई थी। अब औपचारिक रूप से इसका गठन बहुत कम समय में कर लिया गया है। यह एक बड़ा कदम है, जिसके लिए रक्षा, गृह, रेलवे और कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग (DoPT) जैसे मंत्रालयों से व्यापक विचार-विमर्श किया गया है।”

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किन-किन कर्मचारियों को होगा लाभ
इस निर्णय से केंद्र सरकार के लगभग 50 लाख से अधिक कर्मचारियों को सीधा लाभ मिलेगा। वहीं, करीब 69 लाख पेंशनभोगियों के पेंशन और भत्तों में भी संशोधन की संभावना है। केंद्रीय वेतन आयोगों का गठन समय-समय पर सरकार द्वारा किया जाता है ताकि कर्मचारियों के वेतन, सेवा शर्तों और सेवानिवृत्ति लाभों की समीक्षा की जा सके। आम तौर पर हर 10 साल के अंतराल पर वेतन आयोग का गठन होता है। 7वें वेतन आयोग की सिफारिशें 1 जनवरी 2016 से लागू की गई थीं, जबकि कैबिनेट ने 29 जून 2016 को इसकी मंजूरी दी थी। इस प्रवृत्ति को देखते हुए 8वें वेतन आयोग की सिफारिशें 1 जनवरी 2026 से प्रभावी होने की उम्मीद है।

दूसरा बड़ा फैसला: उर्वरक सब्सिडी को भी मिली मंजूरी
कैबिनेट ने किसानों के लिए भी राहत भरा निर्णय लिया। केंद्र सरकार ने 2025-26 रबी सत्र के लिए फॉस्फोरस और पोटाश (P&K) आधारित उर्वरकों पर ₹37,952 करोड़ की सब्सिडी को मंजूरी दी है।

प्रधानमंत्री मोदी की अध्यक्षता में हुई इस बैठक में यह भी तय किया गया कि नाइट्रोजन (N) और अन्य पोषक तत्वों पर सब्सिडी दरें निम्नानुसार रहेंगी:

  • नाइट्रोजन (N): ₹43.02 प्रति किलोग्राम
  • फॉस्फोरस (P): ₹47.96 प्रति किलोग्राम
  • पोटाश (K): ₹2.38 प्रति किलोग्राम
  • सल्फर (S): ₹2.87 प्रति किलोग्राम

सरकार का कहना है कि इस निर्णय से देशभर के किसानों को रबी सीजन में खाद की कीमतों में स्थिरता मिलेगी और खेती की लागत में राहत होगी।

तीसरा निर्णय: आर्थिक विवेक और विकास संतुलन पर जोर
केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा कि सरकार सभी आर्थिक निर्णयों में राजकोषीय विवेक और दीर्घकालिक वित्तीय स्थिरता को सर्वोपरि रख रही है। उन्होंने कहा, “प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में सरकार विकास और आर्थिक जिम्मेदारी दोनों को संतुलित करने की दिशा में काम कर रही है। वेतन आयोग का गठन इसी संतुलन का हिस्सा है।”

कर्मचारियों और पेंशनभोगियों में खुशी की लहर
इस निर्णय के बाद केंद्र सरकार के कर्मचारियों में खुशी की लहर है। कर्मचारी संगठनों ने कहा है कि वेतन आयोग के गठन से उम्मीदें बढ़ी हैं कि महंगाई और बढ़ती जीवन लागत को देखते हुए सैलरी स्ट्रक्चर में व्यापक सुधार किए जाएंगे।

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