नेपाल में हिंसक प्रदर्शन से मचा बवाल, बिहार के 7 बॉर्डर जिलों में अलर्ट

High alert issued in seven border districts of Bihar High alert issued in seven border districts of Bihar

ओली सरकार विरोधी प्रदर्शनों के बीच नेपाल बॉर्डर सील, बिहार के सीमावर्ती जिलों में बढ़ी चौकसी

नेपाल में बीते कुछ दिनों से चल रहे राजनीतिक उथल-पुथल और सड़कों पर फैली हिंसा का असर अब भारत पर भी साफ दिखाई देने लगा है। नेपाल की राजधानी काठमांडू समेत कई हिस्सों में ओली सरकार के खिलाफ प्रदर्शन तेज हो गए हैं। हालात बिगड़ने के बाद नेपाल सरकार ने कई इलाकों में कर्फ्यू तक लगाने की घोषणा की। इस उग्र आंदोलन और सोशल मीडिया पर लगे प्रतिबंधों ने वहां के युवाओं को और भड़का दिया है। नतीजतन, नेपाल के हालात को देखते हुए भारत के बिहार राज्य के सात सीमावर्ती जिलों में हाई अलर्ट जारी कर दिया गया है।

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नेपाल में क्यों भड़का विरोध?
सूत्रों के अनुसार, नेपाल सरकार ने सोशल मीडिया पर पाबंदी लगाते हुए फेसबुक, इंस्टाग्राम और टिकटॉक जैसी लोकप्रिय सेवाओं को रोक दिया। सरकार का तर्क था कि इन प्लेटफॉर्म्स का इस्तेमाल गलत सूचना और अफवाह फैलाने के लिए किया जा रहा है। लेकिन इसका उल्टा असर हुआ और युवाओं ने इसे अपनी आज़ादी पर हमला मानते हुए सरकार के खिलाफ आंदोलन छेड़ दिया। देखते ही देखते यह विरोध प्रदर्शन हिंसक हो गए और कई जगह पुलिस-प्रदर्शनकारियों के बीच झड़प हुई।

काठमांडू में कर्फ्यू, कई जिलों में तनाव
नेपाल की राजधानी काठमांडू और आसपास के इलाकों में भारी विरोध के चलते कई हिस्सों में कर्फ्यू लगा दिया गया है। भीड़ को नियंत्रित करने के लिए पुलिस और सुरक्षा बलों को तैनात किया गया है। हालांकि, हालात पूरी तरह काबू में नहीं आए हैं। नेपाल सरकार अब लगातार स्थिति पर नज़र बनाए हुए है, लेकिन असंतोष बढ़ता ही जा रहा है।

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बिहार में क्यों मचा अलर्ट?
नेपाल से बिहार की सीमा सटी हुई है और यह सीमा पूरी तरह खुली है। इस वजह से नेपाल में उथल-पुथल का सीधा असर बिहार के सीमावर्ती जिलों पर पड़ने की आशंका है। नेपाल से लोग बिना किसी औपचारिक दस्तावेज़ के भारत में प्रवेश कर सकते हैं। ऐसे में सुरक्षा एजेंसियों को यह डर सता रहा है कि असामाजिक तत्व इस स्थिति का फायदा उठाकर भारत में प्रवेश कर सकते हैं।

किन जिलों पर अलर्ट?
बिहार के जिन सात जिलों को हाई अलर्ट पर रखा गया है उनमें पश्चिमी चंपारण, पूर्वी चंपारण, सीतामढ़ी, मधुबनी, अररिया, सुपौल और किशनगंज शामिल हैं। इनमें अररिया जिला सबसे ज्यादा संवेदनशील माना जा रहा है, क्योंकि यहां नेपाल की सीमा करीब 85 किलोमीटर लंबी है।

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अररिया के घुरना थाना, बसमतिया, फुलकाहा, जोगबनी, कुआड़ी और सिकटी थाना क्षेत्र में विशेष चौकसी बरती जा रही है। स्थानीय प्रशासन ने सीमा पर तैनाती बढ़ा दी है और हर आने-जाने वाले पर बारीकी से निगरानी रखी जा रही है।

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क्या कदम उठाए गए?

  • नेपाल बॉर्डर के सभी प्रमुख रास्तों को सील कर दिया गया है।
  • सुरक्षा बलों की संख्या बढ़ाई गई है।
  • गुप्तचर एजेंसियों को सतर्क रहने का निर्देश दिया गया है।
  • सीमावर्ती थानों में हाई अलर्ट घोषित किया गया है।
  • नेपाल से भारत आने वाले हर व्यक्ति की जांच की जा रही है।

स्थानीय लोगों पर असर
बॉर्डर सील होने का सीधा असर स्थानीय लोगों के जीवन पर पड़ रहा है। कई गांवों के लोग रोज़ाना सीमा पार कर व्यापार और कामकाज के लिए नेपाल जाते हैं। अब उन्हें सीमा पर कड़ी जांच से गुजरना पड़ रहा है। वहीं, व्यापारिक गतिविधियों पर भी इसका असर पड़ने लगा है।

नेपाल में जारी राजनीतिक संकट और विरोध प्रदर्शनों ने वहां की आंतरिक स्थिरता पर सवाल खड़े कर दिए हैं। वहीं भारत के लिए यह एक सुरक्षा चुनौती बन गई है। बिहार की सीमा पर तैनात सुरक्षाबलों ने पूरी स्थिति पर पैनी नज़र बनाई हुई है। आने वाले कुछ दिनों में यह तय होगा कि नेपाल की यह राजनीतिक अशांति कितनी गहरी होती है और इसका असर भारत-नेपाल संबंधों पर कितना पड़ता है।

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