अंतरराष्ट्रीय बालिका दिवस: बेटियों को समान अवसर का संकल्प
रांची: हर साल की तरह इस वर्ष भी 11 अक्टूबर को International Day of the Girl Child मनाया गया। इस अवसर पर पूरे देश में बालिकाओं के अधिकारों, शिक्षा, सुरक्षा और सशक्तिकरण को लेकर विभिन्न कार्यक्रम आयोजित किए गए। ग्रामीण इलाकों से लेकर शहरों तक बालिकाओं को समान अवसर देने का संदेश गूंजा।
बालिकाओं की शिक्षा पर विशेष जोर
इस वर्ष अंतरराष्ट्रीय बालिका दिवस की थीम “Empower Her Voice” रही। इस मौके पर स्कूलों में विशेष जागरूकता सत्र आयोजित किए गए, जिसमें छात्राओं को आत्मनिर्भर बनने और अपनी आवाज बुलंद करने के लिए प्रेरित किया गया। कई स्कूलों में बालिकाओं ने भाषण और नाट्य प्रस्तुति के माध्यम से बालिका शिक्षा के महत्व को दर्शाया।
राज्य के ग्रामीण इलाकों में भी आंगनबाड़ी केंद्रों और पंचायत स्तर पर विशेष आयोजन हुए। स्वयंसेवी संगठनों ने छात्राओं को करियर गाइडेंस और आत्मरक्षा का प्रशिक्षण दिया।
सुरक्षा और स्वास्थ्य पर भी रहा जोर
सिर्फ शिक्षा ही नहीं, बालिकाओं के स्वास्थ्य और सुरक्षा पर भी कार्यक्रम केंद्रित रहे। महिला एवं बाल विकास विभाग की ओर से आयोजित कार्यक्रमों में किशोरियों के लिए पोषण, स्वच्छता और आत्मरक्षा के विषयों पर विशेष सत्र आयोजित किए गए।
पुलिस विभाग द्वारा भी छात्राओं को साइबर सुरक्षा और कानून की जानकारी दी गई ताकि वे ऑनलाइन ठगी या अपराध से खुद को बचा सकें।
समाज में बदलाव की दिशा में एक कदम
बालिका दिवस सिर्फ एक उत्सव नहीं, बल्कि समाज को एक बड़ा संदेश देने का दिन बन चुका है। विशेषज्ञों का कहना है कि जब तक समाज बेटियों को समान अवसर नहीं देगा, तब तक वास्तविक विकास संभव नहीं है।
कई राज्यों में ‘बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ’ अभियान के तहत विशेष रैली और जनजागरूकता कार्यक्रम निकाले गए। युवाओं ने पोस्टर बनाकर बालिका अधिकारों को लेकर लोगों में जागरूकता फैलाई।
सरकार और संस्थाओं की भूमिका अहम
इस अवसर पर सरकार ने बेटियों के लिए चल रहे योजनाओं और कार्यक्रमों को और सशक्त बनाने का संकल्प लिया। मुख्यमंत्री ने बालिकाओं की सुरक्षा और शिक्षा को प्राथमिकता देने की बात कही। वहीं एनजीओ और महिला संगठनों ने समाज में लैंगिक समानता की दिशा में सामूहिक प्रयास का आह्वान किया।
समाज में नई सोच का प्रतीक बनें बेटियां
अंतरराष्ट्रीय बालिका दिवस यह याद दिलाता है कि हर बेटी में समाज को बदलने की ताकत है। ज़रूरत है उसे समान अवसर देने की, ताकि वह अपने सपनों को साकार कर सके। इस दिन पर देशभर में लाखों लोगों ने यह संकल्प लिया कि अब कोई भी बेटी पीछे नहीं रहेगी।
Munadi Live की विशेष अपील:
हर माता-पिता और समाज के सदस्य को यह संकल्प लेना चाहिए कि वे बेटियों को न केवल जन्म का अधिकार दें, बल्कि उन्हें आगे बढ़ने का हर अवसर भी दें। यही सच्ची प्रगति का रास्ता है।



