हजारीबाग जमीन घोटाला: कारोबारी विनय सिंह को सुप्रीम कोर्ट से अंतरिम जमानत
लेकिन जेल से रिहाई पर अभी संशय
Hazaribagh:हजारीबाग जमीन घोटाला मामले में झारखंड के बड़े कारोबारी और नेक्सजेन कंपनी के संचालक विनय कुमार सिंह को सुप्रीम कोर्ट से अंतरिम जमानत मिल गई है। भारत के सर्वोच्च न्यायालय ने 17 दिसंबर 2025 को विशेष अनुमति याचिका (SLP क्रिमिनल नंबर 20248/2025) पर सुनवाई करते हुए यह राहत प्रदान की। हालांकि, अंतरिम जमानत के बावजूद विनय सिंह फिलहाल जेल से बाहर नहीं आ पाएंगे, क्योंकि उनके खिलाफ एक अन्य आपराधिक मामला अभी भी लंबित है।
हाईकोर्ट के आदेश के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट पहुंचे थे विनय सिंह
यह मामला झारखंड हाईकोर्ट के 4 दिसंबर 2025 के आदेश (BA नंबर 10499/2025) के खिलाफ दायर किया गया था। सुप्रीम कोर्ट की न्यायमूर्ति अरविंद कुमार और न्यायमूर्ति एन.वी. अंजारिया की पीठ ने इस पर सुनवाई करते हुए अंतरिम जमानत देने का फैसला सुनाया। यह केस एंटी करप्शन ब्यूरो (ACB) हजारीबाग द्वारा दर्ज कांड संख्या 11/25 से जुड़ा हुआ है।
सरकारी जमीन के अवैध म्यूटेशन का गंभीर आरोप
ACB की जांच में सामने आया था कि हजारीबाग जिले में 23 दाखिल-खारिज मामलों में बड़े पैमाने पर गड़बड़ी की गई। इन मामलों में सर्कल ऑफिसर, इंस्पेक्टर, राजस्व अधिकारी और कर्मचारियों पर सरकारी जमीन के गैरकानूनी म्यूटेशन का आरोप लगा। जांच में यह भी सामने आया कि 2013 में रद्द की गई पांच भूखंडों की जमाबंदी को दोबारा बहाल कर अवैध तरीके से जमीन पर कब्जा किया गया।
25 सितंबर को हुई थी विनय सिंह की गिरफ्तारी
भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो ने 25 सितंबर 2025 को करोड़ों रुपये के हजारीबाग जमीन घोटाले में विनय कुमार सिंह को गिरफ्तार किया था। ACB के अनुसार, विनय सिंह ने राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग द्वारा निरस्त की गई जमाबंदी को दोबारा स्थापित कर सरकारी जमीन पर मालिकाना हक हासिल किया।
IAS विनय चौबे की मिलीभगत का भी आरोप
इस मामले में जेल में बंद आईएएस अधिकारी विनय कुमार चौबे को भी आरोपी बनाया गया है। ACB का दावा है कि विनय चौबे की मिलीभगत से सरकारी और वन भूमि को अवैध तरीके से निजी संपत्ति में बदला गया। संबंधित जमीन गैर-मजरूआ खास जंगल-झाड़ी भूमि की श्रेणी में आती है, जिस पर वन विभाग की अनुमति के बिना किसी प्रकार का निर्माण या हस्तांतरण कानूनन प्रतिबंधित है।
अन्य मामलों के चलते अभी जेल से बाहर नहीं आ पाएंगे
हालांकि सुप्रीम कोर्ट से अंतरिम जमानत मिलना विनय सिंह के लिए एक बड़ी कानूनी राहत मानी जा रही है, लेकिन अन्य लंबित मामलों के कारण उनकी तत्काल रिहाई संभव नहीं है। सभी मामलों में जमानत मिलने के बाद ही विनय सिंह जेल से बाहर आ सकेंगे।
हजारीबाग जमीन घोटाला झारखंड के सबसे चर्चित भ्रष्टाचार मामलों में गिना जा रहा है, जिसमें कई बड़े अफसर और कारोबारी जांच के दायरे में हैं। आने वाले दिनों में इस केस में और भी बड़े खुलासे होने की संभावना जताई जा रही है।



