चाईबासा में जीवन प्रमाण पत्र के नाम पर बड़ा साइबर फ्रॉड, तीन गिरफ्तार
Chaibasa: पश्चिमी सिंहभूम जिले के चाईबासा में जीवन प्रमाण पत्र अपडेट कराने के नाम पर की गई एक बड़ी साइबर ठगी का खुलासा हुआ है. पुलिस ने इस मामले में नसीम अंसारी सहित तीन साइबर अपराधियों को गिरफ्तार कर लिया है. आरोपियों ने एक रिटायर्ड बैंककर्मी को अपना शिकार बनाते हुए करीब 16 लाख 92 हजार रुपये की ठगी की थी. पुलिस ने आम नागरिकों से सतर्क रहने और किसी भी अनजान कॉल पर निजी जानकारी साझा नहीं करने की अपील की है.
जीवन प्रमाण पत्र अपडेट के नाम पर रची गई ठगी की साजिश
मामला मुफ्फसिल थाना क्षेत्र के करलाजोड़ी गांव का है, जहां रहने वाले सेवानिवृत्त बैंककर्मी परमेश्वर पुरती को साइबर अपराधियों ने फोन कर खुद को अधिकृत एजेंसी का प्रतिनिधि बताया. आरोपियों ने जीवन प्रमाण पत्र अपडेट नहीं होने की बात कहकर डराया और तकनीकी प्रक्रिया का झांसा देकर उनसे बैंक से जुड़ी अहम जानकारी हासिल कर ली. इसके बाद अलग-अलग खातों के माध्यम से पीड़ित के खाते से करीब 16.92 लाख रुपये निकाल लिए गए.
शिकायत के बाद हरकत में आई पुलिस
पीड़ित द्वारा शिकायत दर्ज कराए जाने के बाद 13 नवंबर को मुफ्फसिल थाना में साइबर ठगी का मामला दर्ज किया गया. पश्चिमी सिंहभूम के पुलिस अधीक्षक के निर्देश पर एक विशेष छापेमारी दल का गठन किया गया. पुलिस टीम ने तत्काल साइबर हेल्पलाइन नंबर 1930 पर संपर्क कर संदिग्ध खातों को फ्रीज कराया और तकनीकी साक्ष्यों के आधार पर अपराधियों की पहचान शुरू की.
तीन साइबर अपराधी गिरफ्तार, नेटवर्क की परतें खुलीं
जांच के क्रम में पुलिस ने 6 दिसंबर को मो. सकीर अंसारी और 7 दिसंबर को मो. इकबाल अहमद को गिरफ्तार कर न्यायिक हिरासत में भेज दिया. इसके बाद सोमवार को पुलिस ने मुख्य आरोपी मो. नसीम अंसारी (28 वर्ष) को भी गिरफ्तार किया. पूछताछ के दौरान नसीम अंसारी ने अपना जुर्म कबूल किया और बताया कि इस साइबर ठगी में कई अन्य लोग भी शामिल हैं. उसके पास से एक मोबाइल फोन बरामद किया गया है, जिसमें ठगी से जुड़े कई डिजिटल सबूत मौजूद हैं.
पुलिस रिकॉर्ड के अनुसार नसीम अंसारी पहले भी साइबर अपराध और अन्य आपराधिक गतिविधियों में शामिल रह चुका है. फिलहाल पुलिस उसके नेटवर्क से जुड़े अन्य लोगों की तलाश में छापेमारी कर रही है.
पुलिस की सख्त चेतावनी, नागरिकों से सतर्क रहने की अपील
पुलिस ने आम नागरिकों को चेतावनी देते हुए कहा है कि किसी भी अनजान नंबर से आने वाली कॉल, मैसेज या लिंक पर भरोसा न करें. जीवन प्रमाण पत्र, पेंशन, बैंक केवाईसी या किसी सरकारी अपडेट के नाम पर मांगी गई जानकारी साझा करना खतरनाक हो सकता है. पुलिस ने स्पष्ट किया कि व्यक्तिगत जानकारी साझा करने पर व्यक्ति खुद भी साइबर अपराध में फंस सकता है.
1930 हेल्पलाइन से तुरंत करें शिकायत
पुलिस ने अपील की है कि यदि किसी व्यक्ति को साइबर ठगी या संदिग्ध कॉल की आशंका हो तो तुरंत साइबर हेल्पलाइन नंबर 1930 पर शिकायत दर्ज कराएं. समय पर शिकायत करने से ठगी की राशि को रोका जा सकता है. पुलिस ने कहा कि साइबर अपराध के खिलाफ अभियान लगातार जारी है और दोषियों को किसी भी हाल में बख्शा नहीं जाएगा.
इस पूरी कार्रवाई में अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी बहामन टुटी, तकनीकी शाखा के चंद्रशेखर, मुफ्फसिल थाना पुलिस और रिजर्व गार्ड की टीम शामिल रही.



