शराब घोटाले में ACB का शिकंजा और कसा, श्रवण जालान के घर-ऑफिस पर रेड
रांची: झारखंड के बहुचर्चित शराब घोटाले में एंटी करप्शन ब्यूरो (ACB) की कार्रवाई लगातार तेज होती जा रही है। सोमवार को ACB की टीम ने एक बार फिर एक्शन मोड में आते हुए राज्य के चर्चित व्यवसायी श्रवण जालान के खिलाफ बड़ी कार्रवाई की है। एजेंसी ने श्रवण जालान के आवास, कार्यालय और उनसे जुड़े अन्य ठिकानों पर एक साथ छापेमारी शुरू की है।
ACB सूत्रों के अनुसार, यह छापेमारी निलंबित IAS अधिकारी विनय कुमार चौबे से जुड़े शराब घोटाला मामले से सीधे तौर पर जुड़ी हुई है।
अरगोड़ा स्थित प्रतिष्ठान पर भी ACB की दबिश
ACB की टीमें रांची के अरगोड़ा थाना क्षेत्र स्थित श्रवण जालान के प्रतिष्ठान “राणी सती प्लाई एंड डेकोर” पर भी पहुंची हैं। यहां दस्तावेजों, वित्तीय लेनदेन और निवेश से जुड़े रिकॉर्ड खंगाले जा रहे हैं। सूत्रों का कहना है कि एजेंसी की नजर उन सभी कागजातों पर है, जिनके जरिए कथित तौर पर अवैध पैसे को वैध निवेश के रूप में घुमाया गया।
विनय चौबे की अवैध कमाई के निवेश की जांच
ACB को जांच के दौरान अहम जानकारी मिली है कि IAS विनय चौबे ने शराब घोटाले से अर्जित अवैध कमाई का एक बड़ा हिस्सा श्रवण जालान के जरिए अलग-अलग जगहों पर निवेश किया।
इसी इनपुट के आधार पर श्रवण जालान को इस केस में एक महत्वपूर्ण कड़ी माना जा रहा है। एजेंसी यह पता लगाने की कोशिश कर रही है कि किन-किन प्रोजेक्ट्स और व्यापारिक गतिविधियों में पैसा लगाया गया, निवेश किसके नाम पर और किन माध्यमों से हुआ, क्या इसमें और लोग या कंपनियां भी शामिल हैं|
लगातार बढ़ रहा जांच का दायरा
गौरतलब है कि ACB की यह कार्रवाई लगातार चल रहे एक्शन का हिस्सा है।
- रविवार को ACB ने IAS विनय चौबे की पत्नी स्वप्ना संचिता से करीब 10 घंटे तक पूछताछ की थी।
- इसी दिन विनय चौबे के करीबी विनय सिंह की पत्नी स्निग्धा सिंह की तलाश में बिहार के लखीसराय में भी छापेमारी की गई थी।
इन कार्रवाइयों से साफ है कि ACB अब केवल मुख्य आरोपियों तक सीमित नहीं रहकर, पूरे नेटवर्क और मनी ट्रेल को खंगालने में जुटी है।
व्यापारियों और करीबियों पर फोकस
सूत्रों के मुताबिक, शराब घोटाले की राशि को रियल एस्टेट, व्यापारिक प्रतिष्ठानों, कंपनियों और फर्मों में निवेश किए जाने के सुराग ACB को लगातार मिल रहे हैं। इसी कड़ी में श्रवण जालान जैसे प्रभावशाली कारोबारियों की भूमिका जांच के दायरे में लाई गई है।
और खुलासों की संभावना
ACB की मौजूदा छापेमारी से जुड़े स्थानों से बैंकिंग दस्तावेज, निवेश से जुड़े कागजात, डिजिटल डेटा मिलने की संभावना जताई जा रही है। यदि इन दस्तावेजों से आरोपों की पुष्टि होती है, तो आने वाले दिनों में गिरफ्तारी या नई प्राथमिकी की संभावना से भी इनकार नहीं किया जा रहा।
झारखंड का शराब घोटाला अब केवल एक प्रशासनिक अनियमितता का मामला नहीं रहा, बल्कि यह राज्य के सबसे बड़े भ्रष्टाचार नेटवर्क की तस्वीर पेश कर रहा है। ACB का शिकंजा अब अफसरों से निकलकर कारोबारियों और उनके सहयोगी तंत्र तक पहुंच चुका है। श्रवण जालान के ठिकानों पर हुई रेड इस बात का संकेत है कि जांच निर्णायक मोड़ की ओर बढ़ रही है।



