झारखंड में बिजली महंगी करने की तैयारी, ग्रामीण-शहरी टैरिफ में भारी बढ़ोतरी का प्रस्ताव
Ranchi : झारखंड में बिजली उपभोक्ताओं की मुश्किलें बढ़ने वाली हैं। झारखंड बिजली वितरण निगम लिमिटेड (JBVNL) ने वित्तीय वर्ष 2025-26 से 2030-31 तक के लिए नया प्रस्तावित बिजली टैरिफ जारी कर दिया है। इस प्रस्ताव के तहत ग्रामीण और शहरी घरेलू उपभोक्ताओं के लिए प्रति यूनिट बिजली दरों के साथ-साथ फिक्स्ड चार्ज में भी भारी बढ़ोतरी का प्रस्ताव रखा गया है।
JBVNL ने इस प्रस्ताव पर आम जनता से 16 जनवरी 2026 तक सुझाव और आपत्तियां मांगी हैं। यदि यह प्रस्ताव लागू होता है तो झारखंड में बिजली आम आदमी की जेब पर बड़ा बोझ बन सकती है।
ग्रामीण-शहरी घरेलू उपभोक्ताओं पर सबसे ज्यादा असर
JBVNL के प्रस्ताव के मुताबिक, ग्रामीण घरेलू उपभोक्ताओं के लिए बिजली दर 6.70 रुपये प्रति यूनिट से बढ़ाकर 10.20 रुपये प्रति यूनिट करने का प्रस्ताव है। वहीं शहरी घरेलू उपभोक्ताओं के लिए यह दर 6.85 रुपये से बढ़ाकर 10.30 रुपये प्रति यूनिट करने की योजना है।
सिर्फ यूनिट रेट ही नहीं, बल्कि फिक्स्ड चार्ज में भी बड़ी छलांग लगाई गई है। ग्रामीण घरेलू उपभोक्ताओं का फिक्स्ड चार्ज 75 रुपये से बढ़ाकर 125 रुपये और शहरी उपभोक्ताओं का 100 रुपये से बढ़ाकर 150 रुपये करने का प्रस्ताव है।
अन्य श्रेणियों में भी बिजली दरें बढ़ेंगी
JBVNL ने व्यवसायिक, सिंचाई और औद्योगिक श्रेणियों के लिए भी टैरिफ बढ़ाने का प्रस्ताव रखा है। व्यवसायिक शहरी उपभोक्ताओं के लिए बिजली दर 11 रुपये प्रति यूनिट तक पहुंच सकती है, जबकि एलटीआईएस और एचटीआईएस श्रेणियों में भी यूनिट रेट और फिक्स्ड चार्ज में उल्लेखनीय बढ़ोतरी प्रस्तावित है।
JBVNL ने मांगे सुझाव और आपत्तियां
बिजली निगम ने साफ किया है कि यह अभी प्रस्तावित टैरिफ है। आम नागरिक, उपभोक्ता संगठन और औद्योगिक इकाइयां 16 जनवरी 2026 तक अपनी आपत्ति और सुझाव दर्ज करा सकते हैं। इसके बाद झारखंड राज्य विद्युत नियामक आयोग (JSERC) इस पर अंतिम निर्णय लेगा।
आम जनता में बढ़ी चिंता
बिजली दरों में प्रस्तावित बढ़ोतरी को लेकर आम उपभोक्ताओं में नाराजगी देखी जा रही है। लोगों का कहना है कि महंगाई पहले से ही चरम पर है और बिजली दरों में इतनी बड़ी बढ़ोतरी से घरेलू बजट पूरी तरह चरमरा जाएगा। वहीं उद्योग जगत को भी उत्पादन लागत बढ़ने की चिंता सताने लगी है।
अब देखना होगा कि जनता की आपत्तियों के बाद JBVNL और नियामक आयोग इस प्रस्ताव में कोई राहत देता है या नहीं।



