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गांधी और शास्त्री की जयंती पर श्रद्धांजलि अर्पित, पीएम मोदी बोले- उनके आदर्श भारत का मार्गदर्शन करेंगे

Mahatma Gandhi Jayanti 2025

नई दिल्ली: राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की 156वीं जयंती के अवसर पर गुरुवार को देशभर में श्रद्धांजलि कार्यक्रम आयोजित किए गए। राजधानी दिल्ली स्थित राजघाट पर सुबह-सुबह राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू, उपराष्ट्रपति सी.पी. राधाकृष्णन, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सहित कई केंद्रीय मंत्री और गणमान्य नेता पहुंचे और बापू को नमन किया।

प्रधानमंत्री मोदी ने इस अवसर पर कहा कि “गांधीजी के आदर्शों ने मानव इतिहास की दिशा बदल दी। वे भारत को प्रगति के पथ पर अग्रसर करते रहेंगे।” उन्होंने राष्ट्रपिता की शिक्षाओं को भारत के विकास अभियान के लिए मार्गदर्शक बताते हुए सेवा और करुणा की शक्ति को सबसे बड़ा साधन करार दिया।

सोशल मीडिया पर पीएम मोदी का संदेश
इससे पहले प्रधानमंत्री मोदी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर एक पोस्ट में लिखा कि गांधीजी ने दिखाया कि कैसे साहस और सादगी महान परिवर्तन के साधन बन सकते हैं। उन्होंने लिखा कि गांधी जयंती प्रिय बापू के असाधारण जीवन को नमन करने का दिन है। हम उनके दिखाए मार्ग पर चलकर एक विकसित भारत के निर्माण की दिशा में आगे बढ़ते रहेंगे।

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अहिंसा और सत्याग्रह के प्रतीक
गौरतलब है कि 2 अक्टूबर, 1869 को गुजरात के पोरबंदर में जन्मे मोहनदास करमचंद गांधी, जिन्हें महात्मा गांधी के नाम से जाना जाता है, सत्य और अहिंसा के सबसे बड़े पुजारी माने जाते हैं। उनके नेतृत्व में भारत का स्वतंत्रता आंदोलन वैश्विक स्तर पर प्रेरणा का कारण बना। उन्होंने सत्याग्रह और अहिंसा के दर्शन से ब्रिटिश हुकूमत की नींव हिला दी। भारत की स्वतंत्रता प्राप्ति के महज कुछ ही महीनों बाद, 30 जनवरी 1948 को, नई दिल्ली स्थित गांधी स्मृति में नाथूराम गोडसे ने उनकी हत्या कर दी थी। इसके बावजूद उनका जीवन और बलिदान दुनिया भर में शांति और मानवीय गरिमा का प्रतीक बने हुए हैं।

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शास्त्री जयंती पर भी श्रद्धांजलि
महात्मा गांधी की जयंती के साथ-साथ आज ही देश के दूसरे महानायक और पूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री की जयंती भी मनाई जाती है। प्रधानमंत्री मोदी ने शास्त्री जी को “असाधारण राजनेता” बताते हुए उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की।

उन्होंने सोशल मीडिया पर पोस्ट करते हुए लिखा कि शास्त्री जी का जीवन ईमानदारी, विनम्रता और दृढ़ संकल्प का प्रतीक था। चुनौतीपूर्ण परिस्थितियों में उनके नेतृत्व ने देश को मजबूती दी। उनका दिया गया नारा “जय जवान, जय किसान” आज भी भारत की संप्रभुता और किसानों के योगदान का प्रतीक है।

राष्ट्रपिता और शास्त्री जी: अमर प्रेरणा
गांधी जी और शास्त्री जी, दोनों ही नेताओं ने अपने जीवन और आदर्शों से भारत को नई दिशा दी। गांधीजी ने अहिंसा और सत्य की शक्ति से विश्व को प्रभावित किया, वहीं शास्त्री जी ने सादगी, ईमानदारी और निर्णायक नेतृत्व से भारत को कठिन समय में संभाला।

गांधी और शास्त्री जी की जयंती पर पूरा देश आज एक बार फिर उनके दिखाए मार्ग पर चलने और उनके आदर्शों को आत्मसात करने का संकल्प लेता दिखा।

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