गड़बड़ी हुई तो बिहार को नेपाल बना दूँगा’—RJD MLC सुनील सिंह पर भड़काऊ बयान के बाद FIR दर्ज
पटना: बिहार विधानसभा चुनाव परिणाम से ठीक पहले सियासी माहौल उस वक्त और ज्यादा गर्म हो गया जब राष्ट्रीय जनता दल (RJD) के एमएलसी सुनील सिंह ने मतगणना को लेकर एक विवादित और भड़काऊ बयान दे दिया। उनके इस बयान ने न केवल राजनीतिक हलचल तेज कर दी, बल्कि चुनाव आयोग और प्रशासन को भी कड़ी कार्रवाई के लिए मजबूर कर दिया।
सुनील सिंह ने अपने बयान में कहा था कि— “अगर मतगणना में गड़बड़ी हुई तो बिहार को नेपाल बना देंगे।” यह बयान सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हुआ, जिसके बाद राजनीतिक दलों से लेकर सुरक्षा एजेंसियों तक में हड़कंप मच गया।
DGP के निर्देश पर FIR दर्ज
बयान सामने आने के बाद बिहार के डीजीपी विनय कुमार ने तत्काल संज्ञान लेते हुए संबंधित थाना को FIR दर्ज करने का निर्देश दिया। आदेश मिलते ही स्थानीय पुलिस ने सुनील सिंह के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की कई गंभीर धाराओं के तहत मुकदमा दर्ज कर लिया।
पुलिस सूत्रों के अनुसार, सिंह पर चुनाव प्रक्रिया को प्रभावित करने, मतगणना केंद्रों के माहौल को बिगाड़ने, सामाजिक वैमनस्य फैलाने और हिंसा भड़काने की कोशिश के आरोप बने हैं।
सूत्र बताते हैं कि FIR में IPC की निम्न धाराएँ जोड़ी गई हैं—
- धारा 153(A) – समुदायों के बीच नफरत फैलाना
- धारा 505(1)(b) – अफवाह फैलाकर दहशत फैलाना
- धारा 171F – चुनाव प्रक्रिया में बाधा
- धारा 124A या 504 जैसी धाराएँ भी परिस्थिति अनुसार लग सकती हैं
पुलिस ने मामले की तुरंत जांच शुरू कर दी है।
बयान से गर्माई सियासत
सुनील सिंह के बयान के बाद महागठबंधन और एनडीए के बीच जुबानी जंग भी तेज हो गई है।
भाजपा नेता ने कहा:
“यह लोकतंत्र को धमकी देने जैसा है। कोई जनप्रतिनिधि ऐसी भाषा कैसे इस्तेमाल कर सकता है?”
जदयू के एक प्रवक्ता ने टिप्पणी की:
“RJD हमेशा अराजकता की राजनीति करती है। चुनाव हारते ही हिंसा की धमकी देना उनकी पुरानी आदत है।” वहीं RJD ने आधिकारिक तौर पर इस बयान से दूरी बना ली है। पार्टी के वरिष्ठ नेताओं ने कहा कि यह सुनील सिंह का व्यक्तिगत बयान है, पार्टी की लाइन नहीं।
तेजस्वी यादव ने दिया स्पष्टीकरण RJD नेता और CM चेहरे तेजस्वी यादव से जब इस बयान के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा—
“हम लोकतंत्र में विश्वास करते हैं। मतगणना शांतिपूर्ण होनी चाहिए। पार्टी किसी भी तरह की हिंसा के खिलाफ है।”
हालांकि विरोधियों का आरोप है कि तेजस्वी ने सुनील सिंह की निंदा करने से बचते हुए सिर्फ सामान्य बयान दिया।
मतगणना से पहले बढ़ी सुरक्षा
14 नवंबर को मतगणना होनी है और उससे ठीक 48 घंटे पहले ऐसा बयान सामने आने से चुनाव आयोग भी अलर्ट मोड पर आ गया है।
सभी जिलों में
- स्ट्रॉन्ग रूम के बाहर सुरक्षा बढ़ा दी गई है
- केंद्रीय बलों की संख्या में बढ़ोतरी
- सीसीटीवी मॉनिटरिंग 24×7
- राजनीतिक कार्यकर्ताओं की मूवमेंट पर नजर
विशेष रूप से सीमांचल और मगध के जिलों में अतिरिक्त दंडाधिकारी तैनात किए गए हैं।
सुनील सिंह का बचाव — “संदर्भ गलत लिया गया
FIR दर्ज होने के बाद सुनील सिंह ने सफाई दी है और कहा कि उनके बयान को गलत संदर्भ में पेश किया जा रहा है।
उन्होंने कहा— “मैंने गड़बड़ी की चेतावनी दी थी, कोई धमकी नहीं। मेरे बयान का राजनीतिकरण किया जा रहा है।” लेकिन वीडियो वायरल होने के बाद उनकी सफाई को विपक्ष के नेता मजबूरी बता रहे हैं।
क्या बोले कानून विशेषज्ञ?
पटना हाईकोर्ट के एक वरिष्ठ वकील ने कहा— “मतगणना के दौरान ऐसा बयान देना गंभीर अपराध है। यह कानून-व्यवस्था और शांतिपूर्ण मतदान प्रक्रिया को प्रभावित करता है। FIR बिल्कुल सही कदम है।”
चुनाव परिणाम से पहले बयान क्यों?
विश्लेषकों का कहना है कि—
- एग्जिट पोल में RJD को नुकसान दिखाया जा रहा है
- समर्थकों में निराशा बढ़ी
- जमीन पर संगठन दबाव में है
इस वजह से नेताओं की टिप्पणी आक्रामक होती जा रही है।
सुनील सिंह का विवादित बयान न केवल उन्हें कानूनी मुसीबत में डाल चुका है, बल्कि RJD की छवि भी इस संवेदनशील समय में प्रभावित हुई है। मतगणना से पहले ऐसा बयान चुनाव आयोग, पुलिस और राजनीतिक दलों के लिए नए तनाव पैदा कर रहा है।अब देखना यह होगा कि FIR के बाद सुनील सिंह पर आगे क्या कार्रवाई होती है, और 14 नवंबर को आने वाले परिणाम इस राजनीतिक तूफान को किस दिशा में ले जाएंगे।



