माता-पिता के उत्पीड़न की कोशिश… पीएम मोदी और अमित शाह जांच कराएं’, तेज प्रताप का बड़ा आरोप
बिहार: बिहार की राजनीति एक बार फिर परिवारिक विवादों के चलते सुर्खियों में है। राजद प्रमुख लालू प्रसाद यादव की बेटी रोहिणी आचार्य के हालिया आरोपों ने पार्टी के भीतर उभरी खाई को उजागर कर दिया है। रोहिणी के आरोपों के बाद अब बड़े भाई तेज प्रताप यादव भी खुलकर सामने आ गए हैं और उन्होंने इस मामले में गंभीर सनसनीखेज बयान देकर सियासी हलचल बढ़ा दी है।
महुआ विधानसभा सीट से हार का सामना करने के बाद पहली बार इस मुद्दे पर सामने आए तेज प्रताप ने कहा कि रोहिणी के आरोप सच हैं और वे “बहन के साथ पूरी मजबूती से खड़े हैं।” उन्होंने संकेतों में कहा कि परिवार के भीतर कुछ लोग “जयचंद” की भूमिका निभा रहे हैं और माता-पिता को मानसिक रूप से परेशान कर रहे हैं।
तेज प्रताप का आरोप है कि उनके माता-पिता लालू प्रसाद और राबड़ी देवी पर मानसिक दबाव डालने और उन्हें नियंत्रित करने की कोशिशें हो रही हैं, जो बेहद चिंता का विषय है। उन्होंने इसे “नैतिक और मानवीय संकट” बताते हुए तुरंत जांच की मांग की।
उन्होंने कहा—
“प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह तुरंत इस मामले की जांच कराएं। अगर कोई हमारे माता-पिता को परेशान कर रहा है, तो यह गंभीर मामला है।”
तेज प्रताप ने दावा किया कि वे लंबे समय से परिवार के भीतर “सत्ता-लालच” और “राजनैतिक खेल” को लेकर आगाह कर रहे थे। उन्होंने कहा कि कुछ लोग अपने राजनीतिक फायदे और कुर्सी बचाने के लिए परिवार की एकता को तोड़ रहे हैं। तेज प्रताप ने साफ कहा कि यह लड़ाई पद की नहीं बल्कि सम्मान और सच की है।
हाल ही में रोहिणी आचार्य ने सोशल मीडिया पर पोस्ट कर आरोप लगाया था कि उन्हें गालियां दी गईं और किडनी दान के बाद भी उनके साथ अभद्र व्यवहार किया गया। इन आरोपों ने पहले ही राजद के भीतर तनाव को बढ़ा दिया था, जिसे अब तेज प्रताप के ताजा बयानों ने और तेज कर दिया है।
तेज प्रताप ने कहा—
“रोहिणी ने अपनी किडनी देकर परिवार के लिए त्याग किया है। उनके साथ बदसलूकी असहनीय है। जो लोग ऐसा कर रहे हैं, वे जयचंद हैं—और जनता उन्हें कभी माफ नहीं करेगी।”
उन्होंने परिवार के राजनीतिक समीकरणों पर भी सवाल उठाए, यह कहते हुए कि पार्टी के भीतर कुछ लोग “दोहरा खेल” खेल रहे हैं और पिता लालू यादव के नाम व प्रभाव का दुरुपयोग कर रहे हैं।
यह विवाद राजद और खासकर तेजस्वी यादव की छवि के लिए बड़ा झटका माना जा रहा है। राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि तेज प्रताप द्वारा PM मोदी और अमित शाह से जांच की मांग करना इस विवाद को सिर्फ पारिवारिक नहीं बल्कि राष्ट्रीय स्तर पर राजनीतिक मुद्दा बना सकता है। लालू परिवार में पहले भी मतभेद देखने को मिले थे, लेकिन पहली बार इतना खुला और सीधे तौर पर आरोप सामने आए हैं, जिससे पार्टी में अंदरूनी उथल-पुथल और गहरी होती नजर आ रही है।
तेज प्रताप ने अपने संबोधन में यह भी कहा कि—
“मैं सत्ता की लड़ाई नहीं लड़ रहा, मैं माता-पिता के सम्मान की लड़ाई लड़ रहा हूँ। जनता ही अंतिम निर्णय करेगी।”
तेज प्रताप के आरोपों के बाद यह मामला अब सिर्फ परिवार के भीतर का नहीं रहा, बल्कि बिहार की राजनीति के केंद्र में आ गया है। अब देखने वाली बात होगी कि तेजस्वी यादव या राजद नेतृत्व इस पर क्या प्रतिक्रिया देता है और क्या केंद्र सरकार इस मामले में किसी जांच का आदेश देती है।



